AYODHYA ZONE BUREAU: अयोध्या में आज भगवान के राघव स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न हुआ। राम मंदिर के गर्भगृह में करीब 12:29 बजे ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में विग्रह का अभिषेक किया गया । इसी के साथ भगवान अब राघव रूप में मंदिर में विराज चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे। साथ ही श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास, महासचिव चंपत राय और सदस्य प्रधान यजमान डॉ. अनिल मिश्रा के साथ ही सभी ने पूरे विधिविधान के साथ पूजा की।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राम मंदिर परिसर में करीब 6 हजार लोग मौजूद रहे। इनमें करीब 4 हजार संत मौजूद रहे। साथ ही बॉलीवुड के कई सितारे और कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए। मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम दोपहर करीब 12 बजे शुरू हुआ और करीब 1 पर संपन्न हुआ। इस दौरान प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी चांदी का छत्र लेकर मंदिर पहुंचे और भगवान राम को भेंट स्वरूप अर्पित किया। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान हेलीकॉप्टर के जरिए आसमान से फूल बरसाए गए और पूरे राम मंदिर को फूलों से सजाया गया था।
वहीं, प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सुबह 10 बजे से मंगल ध्वनि बजाई गई। साथ ही कई राज्यों से आए कलाकारों ने 50 से ज्यादा वाद्ययंत्र बजाए। ये कार्यक्रम करीब 2 घंटे चला। इस दौरान अयोध्या के साथ ही पूरे भारत के मंदिरों में भी पूजा की गई और प्रसाद वितरण किया जा रहा है।
रामभक्तों ने इस विशेष दिन को लेकर अपने-अपने तरीके से खुशी जाहिर की और हर ओर रामनाम की धुन सुनाई दे रही है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब कल यानी 23 जनवरी 2024 से सभी लोग मंदिर में भगवान राम के नए विग्रह का दर्शन और पूजन कर सकेंगे।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान अयोध्या में रही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
भगवान के राघव स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान अयोध्या में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुरक्षा घेरा 5 स्तर का रहा। इस दौरान एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के जवान अयोध्या में बड़ी संख्या में तैनात रहे। अयोध्या में चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स की तैनाती है। साथ ही नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की कई टीम भी तैनात हैं। बता दें कि 21 जनवरी से अयोध्या की सीमाएं सील कर दी गईं थी और प्राण प्रतिष्ठा में बुलाए गए मेहमानों को ही पास दिखाकर एंट्री मिली है। अब 23 जनवरी से सभी लोग राम मंदिर में रामलला के नए विग्रह का दर्शन और पूजन कर सकेंगे।
कार्यक्रम में पहुंचने वाले मेहमानों का CM योगी ने किया स्वागत
भगवान के राघव स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान CM योगी एक कुशल मेजबान के तौर पर नजर आए। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए मंदिर परिसर पहुंचने वाले मेहमानों का मुख्यमंत्री ने स्वागत किया। मंदिर के निर्माण कार्य में लगे इंजीनियर्स, श्रमिकों और उनके परिजनों का भी उन्होंने सत्कार किया। उन्होंने ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बने हजारों मेहमानों को रामनामी पटका पहनाकर सम्मानित किया। बता दें कि आज सुबह 8 बजे से ही मेहमानों का मंदिर परिसर में आगमन शुरू हो गया था। सभी मेहमानों को जन्मभूमि पथ होते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश दिलाया गया। उन्हें रामनामी पटका पहनाया गया। इसके बाद निर्धारित स्थान पर बैठाया गया। मेहमानों में सांसद हेमामालिनी, रजनीकांत, कंगना रनौत, चिरंजीवी, उनके पुत्र रामचरन, सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन, साइना नेहवाल, कट्रीना कैफ, विक्की कौशल, आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, जैकी श्राफ, देवकीनंदन ठाकुर,रणदीप हुड्डा समेत अलग-अलग क्षेत्रों के विशिष्ट अतिथि ऐतिहासिक कार्यक्रम स्थल में पहुंचे थे। इस बीच, सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल और शंकर महादेवन ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए मंदिर में 6 दिनों तक किया गया अनुष्ठान
राम मंदिर में रामलला के राघव स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अनुष्ठान 6 दिनों तक चला। अनुष्ठान के दौरान सभी विधिविधानों में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा प्रधान यजमान रहे। वहीं, अनुष्ठान के प्रधान पुजारी वाराणसी के लक्ष्मीकांत दीक्षित रहे। अनुष्ठान के लिए पहले दिन यानी प्रधान यजमान डॉ. अनिल मिश्रा ने सरयू नदी में स्नना किया और फिर उन्होंने पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोबर, गौमूत्र) का भोग किया और इसके साथ ही उनका व्रत शुरू हो गया। इस दौरान उन्होंने द्वादशाब्द पक्ष से प्रायश्चित के लिए गोदान भी किया। इसके बाद 17 जनवरी 2024 को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया। पहले इस रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर भ्रमण कराने का प्लान था, लेकिन मूर्ति का वजन ज्यादा होने की वजह से इसकी जगह रामलला की 10 किलोग्राम की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई और फिर मूर्ति को गर्भगृह में लाया गया।इसी दिन गर्भगृह में श्रीराम यंत्र की भी स्थापना की गई। इसके बाद 18 जनवरी 2024 को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद 19 जनवरी 2024 को पवित्र अग्नि प्रज्वलित करने के साथ ही नवग्रह की स्थापना की गई और हवन किया गया। 20 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू नदी के जल से धोकर वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान किया गया। 21 जनवरी को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया गया।
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