AYODHYA ZONE BUREAU: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने जा रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में जबरदस्त उत्साह है और इसको लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। शुक्रवार ( 19 जनवरी 2024) को राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की उस मूर्ति की स्थापना की गई, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इस मूर्ति का गर्भगृह में मौजूद लोगों के साथ ही दुनिया के सभी राम भक्तों ने टेलीवीजन और डिजिटल मीडिया के साथ ही सोशल मीडिया के जरिए दिव्य दर्शन भी कर लिया है। प्राण प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले सामने आई श्याम शिला से बनी रामलला की अचल मूर्ति बेमिसाल और अद्भुत बताई जा रही है। इस मूर्ति में उनके बाल स्वरूप को भगवान विष्णु के 10 अवतार के साथ देखा जा सकता है।
वहीं, शुक्रवार को ही अरणि मंथन से प्रकट हुई अग्नि नवकुण्डों में प्रज्वलित करने के साथ ही नवग्रह की स्थापना की गई और हवन किया गया। काशी के आचार्य अरुण दीक्षित ने प्रधान यजमान डॉ. अनिल मिश्र के साथ अरणि मंथन की प्रक्रिया पूरी कराई। अरणि मंथन के दौरान लगातार अग्नि मंत्र गूंजते रहे। अरणि मंथन से पहले गणपति भगवान की पूजा हुई। फिर जलाधिवास में विराजे रामलला को जगाया गया। साथ ही राम मंदिर का वास्तु पूजन किया गया। ये प्रक्रिया करीब 40 मिनट तक चली। रामलला को औषधि, केसर और घी में अधिवास कराया गया है।
बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी 2024 से अनुष्ठान हो रहे हैं। इस दौरान सभी विधि-विधान में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी उषा मिश्रा प्रधान यजमान हैं। वहीं, अनुष्ठान के प्रधान पुजारी वाराणसी के लक्ष्मीकांत दीक्षित हैं। उनके साथ 121 आचार्य अनुष्ठान का संचालन कर रहे हैं। पहले दिन प्रधान यजमान डॉ. अनिल मिश्रा ने सरयू नदी में स्नान कर पंचगव्य (गाय का दूध, दही, घी, गोबर, गौमूत्र) का भोग किया और अपना व्रत शुरू किया। इस दौरान उन्होंने द्वादशाब्द पक्ष से प्रायश्चित के लिए गोदान भी किया।
इसके बाद 17 जनवरी 2024 को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया। पहले इस रामलला की मूर्ति को मंदिर परिसर भ्रमण कराने का प्लान था, लेकिन मूर्ति का वजन ज्यादा होने की वजह से इसकी जगह रामलला की 10 किलोग्राम की चांदी की मूर्ति परिसर में घुमाई गई और फिर मूर्ति को गर्भगृह में लाया गया। इसी दिन गर्भगृह में श्रीराम यंत्र की भी स्थापना की गई।रामलाला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त निकालने वाले आचार्य गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने प्रधान यजमान डॉ. अनिल मिश्र के जरिए श्रीराम यंत्र स्थापित कराया। इस दौरान श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री दिनेशचंद्र भी मौजूद रहे। वहीं, 18 जनवरी 2024 को गणेश अंबिका पूजा, वरुण पूजा, मातृका पूजा, ब्राह्मण वरण और वास्तु पूजा के साथ औपचारिक अनुष्ठान शुरू हुए।
वहीं, अब प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी अंतिम दौर में है। आज ( 20 जनवरी 2024) को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह को सरयू नदी के जल से धोकर वास्तु शांति और अन्नाधिवास अनुष्ठान किया जाएगा। इसके बाद कल (21 जनवरी 2024) को रामलला की मूर्ति को 125 कलशों के जल से स्नान कराया जाएगा। इसके बाद 22 जनवरी 2024 को सुबह की पूजा के बाद दोपहर करीब 12:30 बजे ‘मृगशिरा नक्षत्र’ में रामलला के मूर्ति का अभिषेक किया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर करीब 1 बजे समाप्त होगा। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित 6 हजार लोग मौजूद रहेंगे। इनमें करीब 4 हजार संतों की मौजूदगी रहेगी।
बाल स्वरूप की है भगवान राम की अचल मूर्ति
गर्भगृह में स्थापित की गई भगवान राम की मूर्ति उनके बाल स्वरूप की है, जिसे कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। 4. 24 फीट ऊंची और 3 फीट चौड़ी मूर्ति के पीछे आभामंडल बनाया गया है। करीब 200 किलोग्राम की इस अचल मूर्ति को गर्भगृह में 3़य4 फीट ऊंचे संगमरमर के सिंहासन पर विराजित किया गया है। मुकुट को लेकर मूर्ति की ऊंचाई करीब 8 फीट हो जाएगी।दुनिया में ये रामलला का एकमात्र मूर्ति होगी, जिसमें श्रीहरि यानी भगवान विष्णु के 10 अवतारों को एक साथ दर्शाया गया है। इस मूर्ति में दाहिने ओर मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह और वामन अवतार को दर्शाया गया है। साथ ही बायीं ओर भगवान परशुराम, राम, कृष्ण और कल्कि अवतार को दर्शाया गया है। कमल के आसन पर रामलला खड़ी मुद्रा में हैं। दाहिने चरण के पास हनुमान जी और बाएं चरण पर गरुण जी की मूर्ति बनी है। मूर्ति के शिखर पर सूर्य भगवान, स्वास्तिक, ऊं, चक्र, गदा के चित्र भी उकेरे गए हैं। रामलला को धनुष और बाण अलग से धारण कराया जाएगा।
योद्धा स्वरूप में है भगवान राम की की चांदी की मूर्ति
पूजन कार्यक्रम के दौरान 200 किलोग्राम की अचल मूर्ति को बार-बार एक जगह से दूसरी जगह ले जाना संभव नहीं था, इसलिए राम लला के प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के लिए रामलला की एक चांदी की मूर्ति का भी निर्माण कराया गया है। 10 किलोग्राम की इस चांदी की मूर्ति में भगवान राम योद्धा स्वरूप में है। वो धनुष-बाण धारण किए हुए हैं। बताया जा रहा है कि रावण से युद्ध के दौरान भगवान राम ने जब रावण को मारने के लिए उसके नाभि पर अग्निबाण चलाया था तो उस वक्त उनका जो स्वरूप था, उसी में रजत विग्रह का निर्माण कराया गया है।
5 स्तर का होगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुरक्षा घेरा
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुरक्षा घेरा 5 स्तर का होगा। इसके लिए एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) के 550 कमांडो और SPG के 35 जवान अयोघ्या पहुंच चुके हैं। अलग-अलग स्तर में सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले अन्य जवान भी अयोध्य में चप्पे-चप्पे पर मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने से पहले सरयू नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाएंगे। इसके मद्देनजर विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के अधिकारी जायजा ले चुके है। अयोध्या में राम नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की कई टीम भी तैनात की जा चुकी हैं। ये टीम केमिकल, बायलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर अटैक जैसी किसी भी आपदा से निपट सकती है। वहीं, ATS ने गुरुवार रात अयोध्या में 3 संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है। बताया जा रहा ये तीनों संदिग्ध खालस्तानी आतंकी है।
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