LUCKNOW ZONE BUREAU: आज कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश विधानसभा के घेराव की कोशिश की। इस दौरान किए गए विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई। कार्यकर्ता प्रभात पांडेय प्रदर्शन में शामिल होने के लिए गोरखपुर से लखनऊ आया था। उसके शव को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां कुछ देर बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भी पहुंचे। अजय राय के बाद डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक भी सिविल अस्पताल पहुंचे।
बता दें कि यूपी विधानसभा का घेराव करने के लिए लखनऊ कूच की तैयारी में लगे कांग्रेस नेताओं को उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ही रोक लिया गया था। जगह-जगह बैरीकेडिंग कर दी गई। लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों की तैनाती कर दी गई। इस दौरान वरिष्ठ नेताओं को नजर बंद कर दिया गया। वहीं, लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर पहुंचे कांग्रेसियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और ईको गार्डेन में जाकर छोड़ दिया। जिन नेताओं ने भी विधान भवन पहुंचने का प्रयास किया, पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। घेराव करने जा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान हुई धक्कामुक्की से वो कुछ देर के लिए बेहोश हो गए थे।
वहीं, विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने विधान भवन में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास प्रदर्शन किया और प्रदेश की कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे उठाए। पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने विधानसभा में कार्रवाई के दौरान भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं को जिलों से प्रदर्शन के लिए लखनऊ नहीं आने दिया जा रहा है। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि किसी भी अव्यवस्था को रोकने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन काम कर रहा है।
इसके पहले बुधवार सुबह जैसे ही कांग्रेसी नेताओं का लखनऊ पहुंचना शुरू हुआ। उन्हें रोकने के लिए जिलों में कांग्रेस नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया और जगह-जगह बैरीकेडिंग कर दी गई। लखनऊ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) के जवानों की तैनाती कर दी गई। कांग्रेस कार्यालय के बाहर मौजूद नेताओं की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू कर दी गई।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि भाजपा सरकार की नाकामी के चलते विधानसभा घेराव का कार्यक्रम तय किया गया है। कई जिलों से हजारों कार्यकर्ता लखनऊ पहुंचे हैं। वो पुलिस प्रशासन के इस दमनकारी रवैया से पीछे नहीं हटेंगे। हमारे कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए नुकीली बैरीकेडिंग की गई है। ये ‘भाले’ हमारे कार्यकर्ताओं को गंभीर चोट पहुंचाएंगे। ऐसा पहली बार हो रहा है। ये सरकार हमारे कार्यकर्ताओं को मारना चाहती है। गाजीपुर बॉर्डर पर हमारे कार्यकर्ताओं को रोका जा रहा है, लेकिन हम इस सबके बाद भी विधानसभा में प्रवेश करेंगे। इस बीच पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, निवर्तमान प्रदेश महासचिव संगठन अनिल यादव और दिनेश सिंह सहित 24 से ज्यादा वरिष्ठ नेताओं को नोटिस भेजा गया। इन नेताओं के घर पर पुलिस का पहरा लगा दिया गया।
वहीं, पुलिस की ओर से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि विधानसभा का तृतीय सत्र चल रहा है। इसमें घेराव से कानून व्यवस्था और विशिष्ट लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। इसलिए निषेधाज्ञा के तहत धारा-163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता प्रभावी है। ऐसे में कोई घेराव, धरना और शांति-व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया जाता है तो नियमानुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नोटिस के साथ ही कांग्रेस नेताओं और प्रदेश मुख्यालय पर बैरिकेडिंग कर दी गई है।
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