HIGHLIGHTS NEWS NETWORK : उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम आज घोषित हो गए। इस उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की 7, राष्ट्रीय लोकदल की 1 और समाजवादी पार्टी की 2 सीटों पर जीत हुई है। प्रयागराज में फूलपुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार दीपक पटेल, अंबेडकरनगर में कटेहरी सीट पर भाजपा उम्मीदवार धर्मराज निषाद, मुरादाबाद में कुंदरकी सीट पर भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह, अलीगढ़ में खैर सीट पर भाजपा उम्मीदवारसुरेंद्र दिलेर, गाजियाबाद सीट पर भाजपा उम्मीदवार संजीव शर्मा, मिर्जापुर में मझवां सीट पर भाजपा उम्मीदवार की सुचिस्मिता मौर्य और मुजफ्फरनगर में मीरापुर सीट पर आएलडी उम्मीदवार मिथिलेश पाल, मैनपुरी में करहल सीट पर सपा उम्मीदवार तेज प्रताप सिंह यादव और कानपुर में सीसामऊ सीट पर सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी की जीत हुई है।
उपुचुनाव में बहुजन समाज पार्टी का प्रदर्शन बेदम रहा। वो 4 सीटों पर 10 हजार वोट से नीचे सिमट गईं। वहीं, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने मीरापुर और कुंदरकी सीट पर अपनी ठीकठाक उपस्थिति दर्ज कराई। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम कुंदरकी में रहा, जहां 65 फीसदी मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद सपा उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान की जमानत जब्त हो गई। यहां भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह 1.45 लाख मतों से जीते। रामवीर सिंह को 76.68 फीसदी वोट मिले। वहीं, कटेहरी में 33 साल बाद भाजपा उम्मीदवार की जीत हुई है। इससे पहले साल 1991 में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार की जीत हुई थी।
गौरतलब है कि इस उपचुनाव को 2027 से पहले होने वाले ‘लिटमस टेस्ट’ के तौर पर समझा जा रहा था। इस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद से ही सभी दलों ने उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज कर दी थीं। उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा की अगुवाई वाले N.D.A. और विपक्षी I.N.D.I.A. के प्रमुख दल सपा ने इस चुनाव में जीत के लिए हर हर मुमकिन कोशिश की। दोनों की गठबंधन इस उपचुनाव के में 2027 के मद्देनज़र तमाम दावों के बीच कहीं ना कहीं खुद की ताकत भी परख रहे थे। ऐसे में इस उपचुनाव के परिणाम को समझे तो भाजपा ने हाल ही हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम में हुई कई चूक दोबारा नहीं की। भाजपा के सभी नेता संगठित नज़र आए, जिसका परिणाम बड़ी जीत के रूप में सामने आया है। भाजपा एक फिर अपना जनाधार मजबूत करते हुए नज़र आई है। साथ ही ये भी माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अब तक के काम पर मतदाताओं ने पक्की मुहर लगा दी है। हालांकि, 2 सीटों पर सपा की जीत और ्न्य राजनीतिक दलों के प्रदर्शन ने ये राजनीतिक संकेत भी दिया है कि कि 2027 के चुनाव में एक बार फिर सत्ता के लिए कड़ी टक्टर होगी। ये टक्कर भाजपा और सपा के बीच ही होगी, ये भी अभी से तय माना जाने लगा है।
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