NOIDA ZONE BUREAU: खनन माफिया और पूर्व बसपा एमएलसी मोहम्मद इकबाल की सहारनपुर स्थित ग्लोकल यूनिवर्सिटी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जब्त कर लिया है। लखनऊ स्थित ईडी के जोनल कार्यालय ने शुक्रवार (14 जून 2024) को अवैध खनन के मामले में मोहम्मद इकबाल की इस यूनिवर्सिटी की 121 एकड़ जमीन और सभी भवनों को जब्त करने की कार्रवाई की।

बताया जा रहा है कि इकबाल बीते कई महीनों से फरार होकर दुबई में है। उसके खिलाफ देश भर की करीब एक दर्जन से ज्यादा एजेंसियां जांच कर रही हैं। वहीं, मोहम्मद इकबाल के 4 बेटे और भाई अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं।

ईडी के मुताबिक ग्लोकल यूनिवर्सिटी को अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए संचालित किया जा रहा था। इसका नियंत्रण, प्रबंधन और संचालन मोहम्मद इकबाल और उनके परिवार के सदस्यों की ओर से किया जाता है। ईडी ने करीब 10 साल पहले मोहम्मद इकबाल के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज की गई खनन घोटाले की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई थी। ये मुकदमा सहारनपुर में खनन के पट्टों में हुई धांधली से जुड़ा था। इसमें लीज होल्डर महमूद अली, दिलशाद, मोहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, नरेंद्र कुमार जैन, विकास अग्रवाल, मोहम्मद इकबाल का बेटा मोहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, नरेंद्र कुमार, पुनीत कुमार और कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों को नामजद किया गया था।

ईडी की जांच से पता चला कि सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मोहम्मद इकबाल के पास था। इकबाल और उसके करीबियों की कंपनियां और फर्में सहारनपुर और आस-पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर अवैध खनन में शामिल थीं। इसके जरिए मोहम्मद इकबाल के साथ करोड़ों रुपये का लेन-देन किया गया, जबकि इन कंपनियों से उसका कोई कारोबारी संबंध नहीं था। साथ ही मोहम्मद इकबाल ने इस अवैध कमाई को आयकर विवरण में इसे छिपा लिया था। बाद में मोहम्मद इकबाल ने सारी धनराशि अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई।

अधिकतर रकम को असुरक्षित कर्ज और दान के रूप में दिया जाना दर्शाया गया था। बाद में ट्रस्ट ने इस धनराशि का उपयोग यूनिवर्सिटी की भूमि खरीदने और भवनों के निर्माण के लिए किया गया। ED की जांच में सामने आया है कि इस तरह करीब 500 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश किए गए। वर्तमान में यूनिवर्सिटी की जमीन और भवनों की कीमत 4440 करोड़ रुपये है।

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By Sandeep Kumar Srivastava

Mr. Sandeep Kumar Srivastava is a media professional and educator. He has more than 15 years of journalistic experience. He was attached with the newsroom of many reputed media houses in BHARAT. He worked as a News Anchor, News Producer and Correspondent. He is very well known for his news and program presentation skills in Television and Digital Media. He is Founder and Editor-In-Chief of UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS. E-Mail: tvjournalistsandeepsrivastav@gmail.com

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