HIGHLIGHTS NEWS DESK: भगवान सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा विराम हट जाएगा। काशी के पंचांगों के अनुसार 16 जनवरी से विवाह के मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। नए साल में विवाह के लिए 7 महीने में 90 शुभ मुहूर्त मिल रहे हैं। ये मुहूर्त पिछले साल से 16 ज्यादा हैं। विवाह के लिए जनवरी से जून के बीच सबसे अधिक 79 मुहूर्त मिल रहे हैं। सबसे अधिक फरवरी में 20 दिव मुहूर्त और मई में 19 दिन मुहूर्त हैं। वहीं, सबसे कम दिसंबर 4 दिन के मुहूर्त में मिल रहे हैं।
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 16 जनवरी से विवाह के मुहूर्त शुरू हो जाएंगे। जनवरी में विवाह के लिए 11 दिन, फरवरी में 20 दिन, मार्च में नौ दिन, अप्रैल में 12 दिन, मई में 19 दिन और जून में 8 दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त मिलेंगे। देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने और चातुर्मास के कारण नवंबर में विवाह के मुहूर्त मिलेंगे। नवंबर में 7 दिन और दिसंबर में सबसे कम 4 दिन का ही विवाह मुहूर्त मिल रहा है। देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने के बाद मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। देवगुरु के अस्त होने के साथ ही आषाढ़ शुक्ल एकादशी 6 जुलाई से चातुर्मास आरंभ हो जाएगा और 1 नवंबर देवोत्थान एकादशी तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि 1 नवंबर के बाद देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने के कारण शुभ मुहूर्तों का अभाव रहेगा। नवंबर में विवाह के मुहूर्त 21 नवंबर से 6 दिसंबर तक मिलेंगे। देवगुरु बृहस्पति 11 दिसंबर को अस्त हो जाएंगे और इसके बाद 2026 में ही लग्न मुहूर्त शुरू होंगे।
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