PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: प्रयागराज के कीडगंज में बुधवार शाम (19 मार्च 2025 की शाम) को नगर निगम के संयोजन में होली मिलन के साथ ही सेवा सेवा सम्मान समारोह और काव्य चकल्लस का आयोजन किया गया। सेवा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने 522 महाकुंभ सेवकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। महाकुंभ सेवकों में समाजसेवी, व्यापारी, पाषर्द, सफाईकर्मी, तीर्थ पुरोहित, साहित्यकार, गीतकार और नाविक शामिल रहे।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महाकुंभ का पर्व प्रयागराज का गौरव बना। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान प्रयागराज वासियों ने जिस तरह से सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है, उसकी पूरे विश्व में इसकी सराहना हो रही है। साथ ही कहा कि मेयर गणेश केसरवानी के नेतृत्व प्रयागराज नगर निगम की ओर से स्वच्छता को लेकर किए गए कार्य ने प्रयागराज की गरिमा और गौरव को बनाए रखा है।
कार्यक्रम के दौरान काव्य चकल्लस आयोजन समिति के संरक्षक मेयर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने कहा कि रचनाकारों को सम्मानित करना एवं उनकी कविताओं का श्रवण करना, दोनों ही महत्वपूर्ण है। रचनाकारों के माध्यम से विश्व समाज को अत्यधिक समृद्ध किया जा सकता है। रचनाकारों ने राष्ट्र की लड़ाई से लेकर देश की साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक राजनीतिक विकास के गतिविधियों में भी अपनी अग्रणी भूमिका निभाई है।

वहीं, काव्य चकल्लस में कवियों ने अपनी साहित्यिक होली की रसधार से लोगों को आनंदित कर दिया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ उद्घोषिका और कवियित्री डॉ. आभा मधुर श्रीवास्तव ने वाणी वंदना के साथ किया। उन्होंने वाणी वंदना के बाद काव्य पाठ ”नखरैली गुलनार हाय मै पीली हो गई, आया होली का त्यौहार चुनर मेरी नीली हो गई” से श्रोताओं को आह्लादित कर डाला। युवा हास्य कवि अमित जौनपुरी ने अपनी होली की रचनाओं ”लकड़ी बुझी बा न पूड़ी बनत बा, चूल्हा पे खाली कढ़ाई जरत बा कौवा उड़ा लेके गुजिया दूंई तल्ला,मची देखा होली मोहल्ला मोहल्ला”’ से श्रोताओं को भरपूर हंसाया। रायबरेली से पधारे हास्य कवि नर कंकाल ने अपनी रचनाओं ”कोई पानी बेंचता है, कोई खून बेंचता है, कोई हवा बेंचता है, कोई बैलून बेंचता है, अजीब देश है, यहां एक प्रेमी कुंभ में दातून बेंचता है” से श्रोताओं को जमकर हंसाया।

देश के प्रतिष्ठित गीतकार शैलेंद्र मधुर ने अपने गीतों ”आंधी चराग साथ है होगा नहीं दंगा, मन है यदि चंगा, तो कठौती में भी गंगा, चेहरे पे मुखौटे लगा के घूम रहे हैं, झूठों के इस बाजार में सच्चा हुआ नंगा” से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।। जबलपुर से पधारी श्रेष्ठ कवियत्री मणिका दुबे की गीतों-गजलों ”शहर के शोर में वीरनियां हैं, यहां तुम हो मगर तन्हाइयां हैं, वहीं पे बैठ के अरसा गुजारूँ, जहाँ तेरी मेरी परछाइयाँ हैं” से श्रोताओं को भरपूर आनंदित किया। नई दिल्ली से आए ओज के सशक्त हस्ताक्षर उपेंद्र पांडेय ने ”यह सुभाष का देश है मेरा, इसको यदि बचाना है, जैसे को तैसे की नीति, सरहद पर अपनाना है” से अपनी राष्ट्रीय पंक्तियों से श्रोताओं में जोश भर डाला। कानपुर से आए ओज के प्रख्यात रचनाकार मुकेश मानक ने अपनी पंक्तियों ‘भारत माता रो ही देगी, अंगार काम कर जाएंगे, औरंगजेब यदि मरा नहीं, अब्दुल कलाम मर जाएंगे” से श्रोताओं को सोचने पर विश्वास कर डाला ।
वरिष्ठ गीतकार छत्तीसगढ़ के रायपुर से आए रमेश विश्वहार ने अपनी कविताओं ”भौंरे हैं गुनगुनाने लगे फूल फूल पर प्रतिबंध लग गए है, यहां हर उसूल पर फागुन है रूठने और मनाने का महीना, सारी खताएं माफ हैं होली में भूल पर” से श्रोताओं को आह्लादित कर डाला। हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी ने अपनी रचनाओं तुम मेरी फिजा मैं हूं तेरा चांद मोहम्मद।
हास्य कवि योगेश झमाझम ने अपने रचनाओं से ”मेल हो फीमेल कॉमन सेंस होना चाहिए, प्यार के चश्मे में लगा लेंस होना चाहिएसे श्रोताओं को जमकर हंसाया” से श्रोताओं को भरपूर गुदगुदाया।
कार्यक्रम में हाईकोर्ट के जज शेखर यादव, केपी ट्रस्ट अध्यक्ष सुशील कुमार सिन्हा, भाजपा महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, डॉक्टर उदय प्रताप सिंह, पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, केसरी देवी पटेल, जिला पंचायत अध्यक्ष वीके सिंह सांसद प्रवीण पटेल, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, विधायक दीपक पटेल और विधायक सुरेंद्र चौधरी की भी मौजूदगी रही।
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