LUCKNOW ZONE BUREAU: योगी सरकार 12 शहरों में नई आवासीय परियोजनाएं लाने की तैयारी कर रही है। इनमें राजधानी लखनऊ के साथ झांसी, बरेली, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा (ककुआ), कानपुर (न्यू कानपुर सिटी योजना), मथुरा (ट्रांसपोर्ट नगर), मुरादाबाद (डिडोसी), बुलंदशहर, गाजियाबाद और मेरठ परियोजनाएं शामिल हैं। योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री नगरीय विस्तार योजना की परियोजनाएं जून से दिसंबर तक चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएं। उन्होंने विकास प्राधिकरणों में लंबित मानचित्र के मामलों को समय सीमा तय कर निपटाने और बार-बार आपत्ति न लगाने के निर्देश भी दिए हैं।
सीएम ने की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री ने शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने कहा कि नगरीय नियोजन, आवासीय सुरक्षा, अवस्थापना विकास और डिजिटल प्रबंधन आदि को एकीकृत दृष्टिकोण से लागू करना जरूरी है। बैठक में बताया गया कि अगले तीन माह की कार्ययोजना में नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम-2025, लैंड पूलिंग नीति-2025 और भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 जैसी महत्वपूर्ण नीतियों के क्रियान्वयन की प्रक्रिया शामिल है।
इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के तहत परियोजना
भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2025 के प्रारूप पर 30 मई तक आम जनता से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। इनके आधार पर इस उपविधि को अंतिम रूप दिया जाएगा। वहीं, इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति के तहत परियोजनाओं को पूरा करने के लिए जल्द ही संशोधित गाइडलाइन जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री नगरीय विस्तार-नव नगर संवर्धन योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी की गाइडलाइन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दिशा में तेजी से काम करने और सभी परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रदेश के 59 शहरों के मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि जीआईएस आधारित मास्टर प्लान संरचना के तहत प्रदेश के 59 शहरों के मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें से 42 स्वीकृत हो चुके हैं। शेष चार मास्टर प्लान (झांसी, मैनपुरी, फर्रुखाबाद-फतेहगढ़ और बहराइच) की स्वीकृति की प्रक्रिया इसी माह पूरी कर ली जाए। उन्होंने कहा कि मानचित्रों से संबंधित मामलों में बार-बार आपत्तियां लगाने के बजाय उनका सरलीकरण कर एक ही बार में समाधान किया जाना चाहिए।
उन्होंने मेट्रो परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। बताया गया कि कानपुर मेट्रो के मोतीझील से कानपुर सेंट्रल स्टेशन तक 6.7 किलोमीटर लंबे भूमिगत सेक्शन का निर्माण पूरा हो चुका है। कॉरिडोर एक और दो का काम इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा।
आगरा मेट्रो का पहला कॉरिडोर भी दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है, जबकि दूसरे कॉरिडोर का काम 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। वहीं, लखनऊ मेट्रो परियोजना में चारबाग से बसंतकुंज तक 11.165 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर की प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ने की जानकारी दी गई।
योगी ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के सीमा विस्तार की आवश्यकता जताई और जेपीएनआईएसी को जल्द ही लखनऊ विकास प्राधिकरण को हस्तांतरित करने के निर्देश भी दिए। सीएम योगी ने दिए ये निर्देश
लखनऊ में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि 900 करोड़ रुपये की लागत से 32.50 एकड़ भूमि पर विकसित किए जा रहे इस विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर को अधिकतम दो वर्ष में पूरा किया जाए।
यह कन्वेंशन सेंटर नए लखनऊ की पहचान बनेगा। उन्होंने यूपी-एससीआर परियोजना की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि 27,826 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की इस परियोजना में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी जिले शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर आधारित परियोजनाओं को प्राथमिकता देने, प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष आवास योजनाएं चलाने और ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेशन, सोलर रूफटॉप सिस्टम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग और अपशिष्ट प्रबंधन को अनिवार्य नगरीय मानकों के रूप में लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने यूपी आवास ऐप और रेरा पोर्टल को और अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
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