HIGHLIGHTS NEWS DESK: इस लेख में पोषण विशेषज्ञ और स्वास्थ्य कोच के तौर पर विवेक सेंगर ने फैटी लिवर से जुडी बीमारियों के बारे में जागरुक करते हुए कुछ सलाह दिया है। उनसे मोबाइल नंबर +91- 97170 41141 के जरिए संपर्क किया जा सकता है।
इन दिनों एक खामोश और खतरनाक स्वास्थ्य समस्या, जिसे फैटी लिवर कहा जाता है, हमारे समाज में तेजी से फैल रही है। ये समस्या न केवल वयस्कों, बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों में भी बड़ी चिंता का विषय बनती जा रही है। फैटी लिवर तब होता है, जब लिवर की कोशिकाओं में वसा जमा होने लगती है। ये स्थिति प्रारंभिक चरण में ज्यादा लक्षण नहीं दिखाती, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, ये लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करती है और कई अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बनती है।
वर्तमान समय में बड़े मेट्रो शहरों में 35-40 फीसदी लोग फैटी लिवर से प्रभावित हैं। बच्चों में भी ये स्थिति चिंताजनक है, जहां हर 10 में से 2 बच्चे फैटी लिवर की शुरुआती स्थिति से जूझ रहे हैं। खान-पान की आदतों, फास्ट फूड, और स्क्रीन टाइम की अधिकता ने बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है। फैटी लिवर सिर्फ एक लिवर से जुड़ी समस्या नहीं है। ये हृदय रोग, स्ट्रोक, मोटापा और डायबिटीज जैसी बीमारियों से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। अध्ययनों के अनुसार, फैटी लिवर से पीड़ित लोगों में दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा 2-3 गुना बढ़ जाता है। वहीं, मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज के मामले भी फैटी लिवर के मरीजों में अधिक होते हैं।
अभी तक, पारंपरिक चिकित्सा में फैटी लिवर का कोई स्पष्ट और सटीक इलाज नहीं है। दवाइयां और थेरेपी केवल इसके लक्षणों को नियंत्रित करती हैं, लेकिन समस्या की जड़ तक नहीं पहुंच पातीं। इसलिए भविष्य में अगर इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये हमारे समाज के स्वास्थ्य को और भी प्रभावित कर सकती है। अगर फैटी लिवर को समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो ये अगली पीढ़ी की जीवन प्रत्याशा और गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा। ये बीमारी न सिर्फ शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी कमजोर कर सकती है। आने वाले दशकों में, हम कम उम्र में गंभीर बीमारियों से जूझती एक पीढ़ी को देख सकते हैं।
फैटी लिवर की पहचान शुरुआती अवस्था में करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस समय पर इसे नियंत्रित करना आसान होता है। नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और फाइब्रोस्कैन जैसे परीक्षण इसके शुरुआती संकेतों की पहचान कर सकते हैं। जीवनशैली में बदलाव कर इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। टाइम-रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग (समय सीमित भोजन), कार्बोहाइड्रेट की सीमित मात्रा, उचित नींद और शारीरिक गतिविधियाँ इस समस्या के समाधान में मदद कर सकती हैं। इसके अलावा, ध्यान दें कि चीनी और तले हुए भोजन की मात्रा कम करें और प्राकृतिक आहार पर जोर दें। फैटी लिवर की महामारी को रोकना हमारी ज़िम्मेदारी है। अगर हम सही समय पर सही कदम उठाएं, तो हम अपने और अपने परिवार की सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।
For more information related to this article anyone may contact with our respective health experts –
- Dr. Satendra Kumar (MD Medicine, ACCD-EASD Europe) : General Physician and Non Invasive Cardiac Expert and Respective, Medical Officer at MEDJOIN EDUCATION TRUST. Mobile Number- +91- 8448011769.
- Mr. Vivek Sengar : Clinical Nutrinist, Heart and Diabetes Expert, Founder & CEO of FIT MY HEART. Mobile Number- +91- 97170 41141.
Disclaimer: इस लेख में बताई गई की सलाह के साथ ही अपने नजदीकी, अनुभवी और भरोसमंद डॉक्टर से सलाह जरूर लें। UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS किसी भी अनहोनी के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। साथ ही DOCTER SATENDRA KUMAR भी किसी अनहोनी के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
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