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NOIDA ZONE BUREAU : ठंड का मौसम जहां कई वजहों और तरीकों से जीवन में एक नया बदलाव लेकर आता है, वहीं इस मौसम में कई बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में संभावित बीमारियों के खतरे को समझना और उनसे खुद का बचाव करना जरूरी हो जाता है। इस लेख में डॉक्टर सतेंद्र कुमार ने ठंड के मौसम में कई बीमारियों के खतरे और उनसे बचने के उपायों के बारे में बताया है। बता दें कि डॉक्टर सतेंद्र कुमार नोएडा में जनरल फिजिशियन हैं। उनसे मोबाइल नंबर +91- 8448011769 के जरिए संपर्क किया जा सकता है।
डॉक्टर सतेंद्र कुमार के मुताबिक ठंड के मौसम में उन लोगों को अपना खास ध्यान रखना चाहिए, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। साथ ही उन लोगों को भी बेहद सावधानी बरतनी चाहिए, जो डॉयबिटिक हैं और हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं। इसके अलावा बच्चों की सेतह पर भी इस मौसम मे खास ध्यान देते रहना बेहद जरूरी होता है। ठंड के मौसम में आहार और जीवनशैली में जरूरी बदलाव कर कई गंभीर बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है।
हृदय संबधी बीमारियां
जो लोग हृदय संबंधी रोगों के पीड़ित हैं, उन्हें ठंड के मौसम में बेहद अलर्ट रहना चाहिए। साल भर के गर्म महीनों की तुलना में ठंड के महीनों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका 30 फीसदी ज्यादा होती है। यहां तक कि लापरवाही से अच्छे स्वास्थ्य वाले लोगों का भी स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। हार्ट अटैक से 1 महीने पहले नींद में दिक्कत शुरू हो जाती है। काफी ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होती है। सांस लेने में दिक्कत होने लगती है और अधिक चिपचिपा पसीना आता है। डॉयबिटिक और ब्लड प्रेशर के मरीजों को ऐसे मौसम में बड़ी मुश्किल होती हैँ। जिन्हें ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, उनका ब्लड प्रेशर भी ठंड के मौसम में ज्यादा बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि तापमान कम होने के कारण ब्लड वेसल्स अस्थायी रूप से पतली हो जाती है और ब्लड के उचित फ्लो में दिक्कत होने लगती है। ऐसे में सबसे पहली बात ये कि हृदय संबंधी रोगों के मरीजों को बहुत कम अंतराल पर ही डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए। उन्हें इससे जुड़ी बीमारियों का प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाना चाहिए। शरीर में पानी की कमी ना होने दें। लिक्विड में चाय और कॉफी को शामिल ना करें। खुद को ऐक्टिव रखें और डायट में हेल्दी फूड ही लें। फैट बढ़ाने वाले खाने से दूर रहें। ऐसे मरीजों को मार्निंग वॉक जरूर करना चाहिए। ठंड के मौसम में बेहतर होगा कि धूप निकलने पर वॉक करें, लेकिन हेवी एक्ससाइज से बचें। सुबह घास पर चलने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है और ऐसा करना आंखों की रोशनी के लिए भी अच्छा होता है। सामान्य स्थिति में हर दिन कम से कम 30 मिनट तक वॉक करना चाहिए। वहीं, नंगे पैर घास पर चलने को नेचुरोपैथी माना जाता है और ऐसा करना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। तलवे की नसों पर दबाव पड़ने से शरीर के सभी अगों की फंक्शनिंग बेहतर हो जाती है। ठंड में ऐसा धूप निकलने के बाद वॉक किया जाता है तो शरीर को विटामिन-D भी मिल जाता है। हालांकि, अगर किसी को सर्दी-जुकाम या अन्य कोई समस्या है तो उन्हें ऐसा करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
सांस संबंधी बीमारियां
ठंड के मौसम में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करके किसी को भी बीमार कर देते हैं। सांस के जरिए संक्रमण बहुत जल्द और काफी बड़े रूप में फैल जाता है और सर्दी-जुकाम के साथ ही लंग इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां भी जल्द होती हैं और जो पहले से सांस संबंधी इन बीमारियों के शिकार हैं, वो बेहद परेशान हो जाते हैँ। सांस संबंधी बीमारियों से बचाव के लिए सबसे पहली बात तो ये कि आवश्यक जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। उन जगहों पर जाने से बचना चाहिए, जहां धूल काफी ज्यादा रहती है। साथ ही खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोना चाहिए और ज़रा भी दिक्कत महसूस होने पर फौरन डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
माइग्रेन का खतरा
ठंड के मौसम में माइग्रेन का दर्द भी बार-बार और तेजी से होता है। जिन लोगों को पहले से सिर में दर्द रहता है या माइग्रेन से पीड़ित रहते हैं, इनको इस मौसम में माइग्रेन के अटैक का रिस्क रहता है। ऐसे में शोर से बचना चाहिए और किसी भी तरह के तनाव को मस्तिष्क पर हावी नहीं होने देना चाहिए। इसके साथ ही हर दिन योग भी करना चाहिए।
निमोनिया का खतरा
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उनको ठंड के मौसम में निमोनिया होने का रिस्क बढ़ जाता है। निमोनिया होनी की मुख्य वजह ठंड लगना होता है। वैसे तो ये बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, लेकिन बच्चों में इसका खतरा ज्यादा होता है। ये बैक्टीरिया से होने वाला संक्रमण है और उचित वक्त पर इलाज नहीं मिलने पर जान भी जा सकती है। ऐसे में बढ़ती ठंड के साथ जीवन शैली में बदलाव जरूर करना चाहिए। गर्म कपड़े पहनकर रहना चाहिए, खाने से पहले साबुन से हाथ जरूर धोना चाहिए। ताजा भोजन करना चाहिए और गर्म भोजन का ही सेवन करना चाहिए। साथ ही इम्यूनिटी मजबूत करने वाले कई उपाय किए जाने चाहिए और दिक्कत महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
जोड़ों में दर्द
ठंड शुरू होते ही कई लोगो को शरीर के जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाती है। खास तौर पर जिन लोगों को अर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें शरीर के जोड़ वाले हिस्सों में तेज दर्द होना होने लगता हैं। इससे बचने के लिए धूप में बैठना चाहिए और जैतून तेल से मालिश करना चाहिए। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
कान में इन्फेक्शन
ठंड बढ़ने पर कान में इंफेक्शन होने का भी खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोगों को सर्दियों में कान के अंदर काफी तेज दर्द होता है। इसके साथ ही कान में खुजली होना और कान का बंद होने जैसा अनुभव भी होता है। कई लोगों को सुनने में भी दिक्कत हो जाती है। ऐसे में ठंड के मौसम में कानों को ढककर रखना चाहिए और समय-समय पर इसकी सफाई करवानी चाहिए।
त्वचा में रूखापन
ठंड के मौसम में त्वचा का रूखापन होना भी एक आम समस्या है। शरीर के जो हिस्से खुले रहते हैं, उनमें ये रुखेपन की समस्या ज्यादा हो जाती है। ऐसे में बेहतर होगा कि ठंडी हवा से बचें। ज्यादा गर्म पानी से स्नान ना करें। हल्के गर्म पानी से नहाकर त्वचा पर अच्छी क्रीम या बॉडी लोशन लगाएं। इसके अलावा नहाने के बाद धूप में बैठकर सरसों के तेल से मालिश भी कर सकते हैं।
For more information related to this article anyone may contact with our respective health experts –
- Dr. Satendra Kumar (MD Medicine, ACCD-EASD Europe) : General Physician and Non Invasive Cardiac Expert and Respective, Medical Officer at MEDJOIN EDUCATION TRUST. Mobile Number- +91- 8448011769.
- Mr. Vivek Sengar : Clinical Nutrinist, Heart and Diabetes Expert, Founder & CEO of FIT MY HEART. Mobile Number- +91- 097170 41141.
Disclaimer: इस लेख में बताई गई की सलाह के साथ ही अपने नजदीकी, अनुभवी और भरोसमंद डॉक्टर से सलाह जरूर लें। UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS किसी भी अनहोनी के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। साथ ही DOCTER SATENDRA KUMAR भी किसी अनहोनी के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे।
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