LUCKNOW AND PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: 25 जनवरी 2005 को प्रयागराज में हुई बहुजन समाज पार्टी के तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या के मामले 19 साल बाद बड़ा फैसला आया है। इस मामले में लखनऊ की CBI कोर्ट ने इस मामले 6 आरोपियों को सुनाई है। दोष साबित होने के बाद 6 आरोपियों ( आबिद, जावेद, रंजीत पाल, अब्दुल कवि, गुलहसन और फरहान) को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने इन सभी पर अलग-अलग 1.90 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर दोषियों को 14 महीने और जेल में रहना होगा।
इस मामले में CBI कोर्ट ने फरहान को अवैध असलहा रखने के मामले में 4 साल की कैद और 25 हजार रुपये जुर्माने की अतिरिक्त सजा भी सुनाई है। वहीं, इस मामले में अब तक फरार चल रहे इसरार अहमद मौजूद के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। CBI कोर्ट की स्पेशल जज कविता मिश्रा ने शुक्रवार (29 मार्च 2024) को इस मामले में फैसला सुनाया है।
बता दें कि राजू पाल की हत्या के मामले में कुल 10 आरोपी थे। इन आरोपियों में अतीक अहमद और अशरफ उर्फ खालिद अजीम की 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में पुलिस हिरासत के दौरान हत्या हो चुकी है। वहीं, गुलफुल उर्फ रफीक अहमद की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। लिहाजा तीनों के खिलाफ मामले को कोर्ट ने खत्म कर दिया था।
25 जनवरी 2005 को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में जीटीरोड पर नेहरू पार्क मोड़ के पास बहुजन समाज पार्टी के इलाहाबाद पश्चिमी से तत्कालीन विधायक राजू पाल की गाड़ी को घेरकर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। इस वारदात में राजू पाल के साथ ही देवी दयाल और संदीप यादव की भी मौत हुई थी। इस वारदात के 9 दिन पहले राजू पाल की शादी पूजा पाल से हुई थी। पूजा पाल ने अपने पति राजू पाल की हत्या के मामले में धूमनगंज थाने में माफिया अतीक अहमद ,अशरफ उर्फ खालिद अजीम ,गुलफूल सहित कुल 9 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। CBI ने अपनी जांच में एक अन्य आरोपी अब्दुल कवि को भी दोषी पाया था।
पूजा पाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी 2016 को इस मामले की जांच CBI को सौंपी थी। 8 अप्रैल 2016 को CBI ने जांच शुरू की और 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इस दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी। 20 अक्तूबर 2022 को बचे हुए 9 आरोपियों पर आरोप तय करके कोर्ट ने गवाही शुरू की थी। इसके बाद 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ उर्फ खालिद अजीम की पुलिस हिरासत के दौरान हत्या हो गई थी। इससे पहले 6 अप्रैल 2005 को प्रयागराज में पुलिस ने अतीक और अशरफ सहित कुल 11 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। 12 दिसंबर 2008 को इस मामले की जांच CBCID को सौंपी गई थी। इसके बाद 10 जनवरी से 25 दिसंबर 2009 के बीच CBCID ने 3 पूरक चार्जशीट में 15 लोगों को आरोपी बनाया था। इसके बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI जांच की गई थी।
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