PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करीब 300 मीडियाकर्मियों को निकालने के मामले में न्यूज नेशन चैनल के प्रबंधन को कोई अंतरिम राहत यानी स्टे नहीं दिया है। कोर्ट अब इस मामले की पूरी सुनवाई करेगा। कर्मचारियों ने पहले ही कोर्ट में कैविएट दायर कर रखी थी, जिससे प्रबंधन को एकतरफा राहत नहीं मिल सकी।कोर्ट की अगली सुनवाई में स्थिति और साफ होगी कि न्यूज नेशन प्रबंधन कर्मचारियों को वेतन देगा या नहीं। अगर कर्मचारियों को न्याय नहीं मिला तो वो आंदोलन और कानूनी लड़ाई को और तेज करने की तैयारी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि न्यूज नेशन प्रबंधन ने नवंबर-दिसंबर 2024 में अचानक करीब 300 मीडियाकर्मियों को नौकरी से निकाल दिया था। इन कर्मचारियों में रिपोर्टर, एंकर, कैमरामैन, एडिटर्स और टेक्निकल स्टाफ शामिल थे। आरोप है कि निकाले गए कर्मचारियों को बिना कोई पूर्व सूचना या नोटिस दिए संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। नौकरी से निकालने के लिए कोई वैध कारण नहीं बताया गया। मीडियाकर्ियों को न तो मुआवजा दिया गया और ना ही बकाया वेतन चुकाया गया। प्रबंधन ने बातचीत तक करने से इंकार कर दिया।
इसके विरोध में कर्मचारियों ने गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) स्थित डिप्टी लेबर कमिश्नर के कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। लंबी जांच के बाद लेबर कोर्ट ने न्यूज नेशन प्रबंधन को निर्देश दिया कि निकाले गए कर्मचारियों का बकाया भुगतान किया जाए। लेकिन प्रबंधन ने इस आदेश की अनदेखी की। जब न्यूज नेशन प्रबंधन ने हाई कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ अपील की तो निकाले गए कर्मचारियों ने पहले से ही कैविएट दायर कर रखी थी, जिससे चैनल को कोई स्टे नहीं मिला। अब कोर्ट इस मामले की पूरी सुनवाई करेगा और दोनों पक्षों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।
कर्मचारियों की मांग है कि सभी निकाले गए कर्मचारियों को बहाल किया जाए। बकाया वेतन और मुआवजा तुरंत दिया जाए। बिना पूर्व सूचना और कारण बताए निकाले जाने की नीति को रोका जाए। निकाले गए कर्मचारियों का कहना है कि न्यूज नेशन का मैनेजमेंट बेहद क्रूर और अमानवीय व्यवहार कर रहा है। चैनल ने एक बार भी इन कर्मचारियों से बात करने की कोशिश नहीं की। मीडिया संगठनों और पत्रकार यूनियनों ने भी प्रबंधन के इस रवैए की कड़ी निंदा की है।
इस बीच मीडिया जगत में येचर्चा जोरों पर है कि न्यूज नेशन चैनल आर्थिक संकट में है और जल्द ही बंद हो सकता है। सोशल मीडिया पर कई रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि चैनल ने अपने 80 फीसदी से ज्यादा कर्मचारियों को आधी रात में निकाल दिया है और अपने अधिकांश क्षेत्रीय चैनलों को बंद करने की तैयारी कर रहा है। हालांकि, चैनल की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-