BUNDELKHAND DIVISION BUREAU: बांदा में माफिया मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर जेल प्रशासन पर कई आरोप लगाए गए थे, जिसकी जांच प्रक्रिया अब तेज हो गई है। इसको लेकर अपर जिला अधिकारी ने एक सूचना पत्र जारी किया है, जिसमें 15 अप्रैल 2014 तक आरोप दाखिल करने का समय दिया गया है। वहीं, दोपहर करीब 3 बजे सिविल जज सीनियर डिवीजन गरिमा सिंह के साथ अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार मामले की जांच करने बांदा के मंडल कारागार पहुंचे।
बता दें कि 28 मार्च 2024 को बांदा मंडल कारागार में बंद मुख्तार अंसारी की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। इसके बाद उसे देर शाम करीब 8:25 बजे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। यहां 9 डॉक्टरों की टीम ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन रात करीब 10बजे हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई।
इसको लेकर परिजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या करने का आरोप लगाया था और कोर्ट से शिकायत की थी। इसके बाद न्यायालय ने सिविल जज गरिमा सिंह को जांच अधिकारी बनाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश किए थे। इसी क्रम में अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने एक सूचना पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है की मुख्तार अंसारी मौत मामले की जांच उनके पास है और जो कोई भी साक्ष्य लिखित या मौखिक रूप से प्रस्तुत करना चाहता हो वो 15 अप्रैल 2024 तक आकर उनके कार्यकाल समय के दौरान मिल सकता है और आरोप प्रस्तुत कर सकता है।
वहीं, इसके कुछ घंटे बाद अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार और सिविल जज सीनियर डिवीजन गरिमा सिंह मंडल कारागार बांदा पहुंचे और जांच शुरू कर दी। इस जांच में मंडल कारागार के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा सकती है।
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