AYODHYA ZONE BUREAU: बहराइच में भेड़ियों का आतंक जारी है। अब तक 1O की मौत हो चुकी है। इसमें 9 बच्चे और 1 महिला है। साथ ही कई घायल भी हुए हैं। इस बीच रविवार (15 सितंबर 2024) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहराइच में महसी तहसील क्षेत्र के भेड़िया प्रभावित गांवों का दौरा किया। भेड़िया प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वे करने के बाद उन्होंने सिसैया चूड़ामणि गांव में 27 पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने वन राज्यमंत्री केपी मलिक, राज्य मंत्री वन स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण सक्सेना के साथ जिले के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान न्होंने वन विभाग की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि करीब 2 महीने से भेड़ियों का आतंक है। भेड़िया को पकड़ने के लिए वन विभाग के 165 लोगों की 25 टीमें लगी हैं। पहली प्राथमिका भेड़िया को रेस्क्यू करने की है। 4 थर्मो ड्रोन लगाये गए हैं।उन्होंने बताया कि जिस तरह से वो हिंसक है और जनहानि कर रहे हैं। भेड़िये के ज्यादा हिंसक होने पर शूट करने के भी आदेश दिए गए हैं। लेकिन, शूट करना अंतिम विकल्प है उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मानव वन्यजीव संघर्ष को आपदा घोषित किया है। ऐसे में कोई जनहानि होने पर तत्काल 5 लाख रुपये की मदद दी जाती है। जिन लोगों को भेड़ियों ने घायल किया है, उन्हें एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया जा रहा है। यहां जनजीवन सामान्य है, लेकिन सतर्कता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जब तक ये क्षेत्र भेड़िये के आतंक से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता, टीमें तैनात रहेंगी।
अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ने सभी पीड़ितों की हर संभव मदद की। पीड़ित परिवारों से बातचीत के दौरान उन्होंने मासूम हरियाली को अपनी गोद में उठाया और उसे दुलार दिखाते हुए चॉकलेट भी खिलाया।
बता दें कि महसी तहसील क्षेत्र के 55 से अधिक गांवों के साथ ही आसपास की तहसीलों में आतंक का पर्याय बने भेड़िया की चालाकी के सामने वन विभाग बेबस नजर आ रहा है। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होने के बावजूद वन विभाग खुले में घूम रहे भेड़िया को पकड़ने में नाकाम साबित हो रहा है। वन विभाग 10 सितंबर को मादा भेड़िया के पकड़े जाने के बाद हुए 8 हमलों को भेड़िया का हमला नहीं मान रहा है, लेकिन ग्रामीण उसे भेड़ियों का हमला ही मान रहे हैं। लगातार वन्यजीवों के हमले से लोग दहशत हैं।
वन विभाग ने 28 मार्च को सिसैया चुडामणि के कोलैला में एक नर और एक मादा भेड़िया पकड़ा। इसके बाद 18 अगस्त को सिसैया के नदी की कछार से एक नर भेड़िया और। 29 अगस्त को सिसैया के हरिबक्शपुरवा से नर भेड़िया को पकड़ा।
वन विभाग ने 10 सितंबर 2024 को सिसैया चूड़ामणि गांव के हरबक्शपुरवा से मादा भेडिय़ा को पकड़ा। इसके बाद हमलों की बाढ़ आ गई थी। 40 घंटे के दौरान ही 8 जगहों पर हमले हुए। सिर्फ गुरुवार का दिन ही ऐसा रहा, जब कहीं भी हमले नहीं हुए। वहीं, महसी तहसील क्षेत्र में भेड़िया की दहशत इस कदर हावी है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक मुंबई, सूरत, दिल्ली सहित कई शहरों में काम के लिए जाने वाले लोग अपने परिवार की सुरक्षा के मद्देनजर नहीं जा पा रहे हैं। इससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
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