LUCKNOW AND PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: इन दिनों नजूल भूमि विधेयक पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ये बिल विधानसभा में पास हो गया, लेकिन विधान परिषद में अटक गया है। यह बिल विधानसभा में पास हो गया था। इस बिल को प्रवर समिति में भेज दिया गया है। इस विधेयक के विरोध में जहां समाजवादी पार्टी के विधायक धरने पर बैठे। वहीं, इस बिल को लेकर कुछ BJP विधायकों के साथ ही सरकार में शामिल सहयोगी दलों असहमति जताई है।
विधानसभा में प्रयागराज की शहर पश्चिमी सीट से BJP विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस बिल को लेकर सवाल उठाए। वहीं, प्रयागराज की ही शहर उत्तरी विधानसभा सीट से BJP विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने भी इस बिल को लेकर बुधवार (31 जुलाई 2024) को अपनी ही सरकार को घेरा। इस दौरान विधानसभा में गजब नजारा देखने को मिला। खात तौर से वित्त और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना असहज महसूस करने लगे। ऐसे में जब वित्त और संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने जब उन्हें टोंका तो विपक्ष ने भी बयानबाजी की।
विधानसभा में भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने नजूल भूमि विधेयक को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठए। उन्होंने ने कहा कि आजादी के 75 साल पहले से 100-100 साल से लोग यहां रह रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोगों को आवास देकर बसा रहे हैं, लेकिन आप उनके घर गिरा देंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग नजूल भूमि पर पहले से रह रहे हैं, उसको फ्री होल्ड किया जाए। उन्होंने कहा कि राजा भैया और सिद्धार्थ नाथ सिंह जी के घर के आस-पास 100 मीटर के दायरे में लोग रहते हैं। अधिकारियों ने गलत फीडबैक दिया है।
राजा भैया ने भी नजूल भूमि विधेयक का किया विरोध
कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने भी नजूल भूमि विधेयक पर विधानसभा में कहा कि ये कौन सा विकास हो रहा है। लाखों लोगों को सड़क पर लाने की कोशिश की जा रही है। ये जानकारी किन अधिकारियों ने दी है, ये समझ से परे है। अगर अंग्रेज फ्री होल्ड कर सकते हैं तो ये जनहितकारी सरकार क्यों नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट भी नजूल की भूमि पर बना है। क्या इसे भी खाली करा देंगे। इस व्यवस्था से अव्यवस्था पैदा होगी।
”हम इन्हें उजाड़ेंगे तो 2027 में ये लोग हमें उजाड़ देंगे”
नजूल सम्पत्ति विधेयक को लेकर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि 578 जातियां हैं, जो अंग्रेजों लड़ने के चलते कानून से उजड़े हुए हैं। ये लोग कहीं पन्नी और कहीं झोपड़ी डालकर शहरों के किनारे पड़े हैं। क्योंकि अंग्रेजों को मारने के लिए इन लोगों को भी शहर आना पड़ा था। इस तरह के लोग 70-80 साल से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो जहां पर है, उसे किसी भी कीमत पर बसाया जाए। क्योंकि अगर हम इन्हें उजाड़ेंगे तो 2027 में ये लोग हमें उजाड़ देंगे। अगर आप किसी को उजाड़ोगे तो कोई हमें क्यों वोट देगा।
प्रवर समिति को गया भेजा गया नजूल संपत्ति विधेयक
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य ने नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक (जैसा विधानसभा में संशोधनों सहित पारित हुआ था) प्रस्तुत किया। उनके तत्काल बाद भूपेंद्र चौधरी ने खड़े होकर सभापति से इस विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने का आग्रह किया। इस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने भूपेंद्र चौधरी को टोकते हुए कहा कि पहले विधेयक विचार के लिए प्रस्तुत हो जाए, उसके बाद ही इस पर अपनी बात रखें।इसके बाद सभापति ने सदन में विधेयक पर विचार के लिए वोटिंग कराई। ”हां” के पक्ष में मत ज्यादा होने पर इसे विचार के लिए स्वीकार कर लिया। तब भूपेंद्र चौधरी ने विधेयक प्रवर समिति को सौंपने का दोबारा अनुरोध किया। साथ ही कहा कि प्रवर समिति के सदस्यों के नाम बाद में तय हो जाएंगे। सदन में विधेयक प्रवर समिति को सौंपे जाने के लिए वोटिंग कराई गया। सौंपे जाने के पक्ष में ज्यादा हाथ खड़े हुए। तब सभापति ने निर्देश दिए कि इस विधेयक को सदन की किसी एक प्रवर समिति को सौंपा जाता है।
नजूल सम्पत्ति विधेयक में ये बातें हैं शामिल
उत्तर प्रदेश नजूल सम्पत्ति विधेयक, 2024 के मुताबिक उत्तर प्रदेश में स्थित नजूल भूमियों का निजी व्यक्ति या निजी संस्था के पक्ष में पूर्ण स्वामित्व के रूप में प्रतिवर्तन (हक) नहीं किया जाएगा। नजूल भूमि के पूर्ण स्वामित्व परिवर्तन संबंधी किसी भी न्यायालय की कार्यवाही या प्राधिकारी के समक्ष आवेदन निरस्त हो जाएंगे और अस्वीकृत समझे जाएंगे। अगर इस संबंध में कोई धनराशि जमा की गई है, तो ऐसे जमा किए जाने की तारीख से उसे भारतीय स्टेट बैंक की मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) की ब्याज दर पर धनराशि वापस की जाएगी।
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