AGRA-MATHURA ZONE BUREAU: जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शहीद हुए कैप्टन शुभम गुप्ता का शुक्रवार (24 नवंबर 2023) को अंतिम संस्कार किया गया। आगरा के उनके पैतृक कुआं खेड़ा गांव में छोटे भाई ऋषभ ने मुखाग्नि दी। कैप्टन शुभम गुप्ता जम्मू-कश्मीर के राजोरी में बुधवार रात को आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। बुधवार रात की मुठभेड़ में कैप्टन शुभम गुप्ता सहित सेना के 5 जवान शहीद हुए हैं।
आगरा के लाल कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर शहीद होने के करीब 50 घंटे बाद उनके घर पहुंचा था। दोपहर करीब 3:30 बजे एयरपोर्ट से सेना के वाहन में पार्थिव शरीर घर लाया गया। इससे पहले दोपहर करीब 3:15 बजे कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा था, जहां सैना के जवानों ने कैप्टन शुभम गुप्ता को सलामी दी। एयरपोर्ट से घर तक सड़क के दोनों ओर लोगों की भारी भीड़ थी। इस दौरान कैप्टन शुभम गुप्ता अमर रहे के नारे गूंजते रहे।
कैप्टन शुभम गुप्ता के अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। बुधवार रात सूचना मिलते ही लोग शहीद के घर पर जुटने लगे थे। कैप्टन शुभम गुप्ता के पार्थिव शरीर को करीब 1 घंटे के लिए अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। 27 साल की उम्र में कैप्टन शुभम के बलिदान से उनके परिजनों के साथ ही हर किसी की आंखें नम हैं।
आगरा के लाल कैप्टन शुभम गुप्ता का अंतिम दर्शन कर जहां एक ओर सभी की आंखे नम हैं, वहीं सभी आक्रोशित भी नजर आ रहे हैं। शहीद को नमन कर लोगों ने पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद और वंदे मातरम का नारा भी लगाया। इस दौरान हर कोई शुभम की बहादुरी का जिक्र कर रहा था। कहा जा रहा था कि कब तक हम अपने जवानों का बलिदान सहेंगे, अब पाकिस्तान से आर-पार की जंग होनी ही चाहिए।
वर्दी को बेटे की तरह दुलारती रही शहीद कैप्टन की मां
सेना के जवानों ने कैप्टन शुभम गुप्ता की वर्दी और तिरंगा उनकी मां को सौंपा। इस दौरान कैप्टन शुभ की मां के हाथ-पैर कांपने लगे। उनकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। रोते हुए वो वर्दी को बेटे की तरह दुलारने लगीं। कभी वर्दी पर लगे मेडल चूमती तो कभी उसे सीने से लगा लेतीं। काफी देर तक मां बेटे की आखिरी निशानी को निहारती रहीं। इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिए जा रहे 50 लाख रुपये की सहायता राशि को भी लेने से मना कर दिया और लगातार अपने बेटे वापस लौटाने की बात कहती रही।
वर्दी में एयपोर्ट पहुंचा शहीद कैप्टन का छोटा भाई ऋषभ
आगरा में बुधवार रात से कैप्टन शुभम के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार हो रहा था। शुक्रवार को कैप्टन शुभम के पार्थिव शरीर के घर पहुंचने से पहले छोटा भाई ऋषभ एयरपोर्ट जाने के लिए तैयार हो गया। ऋषभ ने अपने भाई की पुरानी वर्दी पहनी और अपनी मां से कहा- ‘भाई कहीं नहीं गया, वो जिंदा है, मैं उसे हमेशा यादों में जिंदा रखूंगा’। बिलखती मां से ये कहकर और वर्दी पहनकर ही ऋषभ अपने भाई शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता का पार्थिव शरीर लेने एयरपोर्ट गया।
बेटे के फौजी साथियों से लिपटकर रोने लगे पिता बसंत गुप्ता
कैप्टन शुभम गुप्ता के शहीद होने की जानकारी मिलते ही आम लोग, अधिकारी और कई नेता उनके घर पहुंचे थेष सभी नेे परिजनों को ढ़ांढस बंधाया। इस दौरान जब कैप्टन शुभम गुप्ता के फौजी साथी उनके पिता से मिलने आए तो वो उनके सीने से लिपटकर रोने लगे। शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के पिता बसंत गुप्ता ने बताया कि 2 दिन पहले ही बेटे से फोन पर बात हुई थी। इस दौरान उसने कहा था कि कुछ काम बाकी है, उसे पूरा करके बहुत जल्द वापस आऊंगा।
50 लाख रुपये की सहायता राशि देने पहुंचे योगी सरकार के मंत्री ृ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता के परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। इसके तहत कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय शुक्रवार को परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि देने पहुंचे थे। लेकिन, इस दौरान शहीद कैप्टन की मां ने चेक लेने से इंकार कर दिया और कहा- ‘प्रदर्शनी मत लगवाओ, मुझे बस मेरा बेटा शुभम लौटा दो’। शहीद कैप्टन की मां के चेक लेने से इंकार करने के बाद पिता को 50 लाख का चेक सौंपा गया। साथ ही बता दें कि योगी सरकार की घोषणा के मुताबिक पैतृक गांव में शहीद शुभम गुप्ता के नाम पर स्मारक भी बनाया जाएगा। कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आगरा मेट्रो स्टेशन का नाम शहीद के नाम पर रखने के लिए प्रक्रिया अपनाई जाएगी। वहीं, समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक पोस्ट में शहीद कैप्टन परिजनों को चेक देने के नाम पर फोटोशूट कराने का आरोप लगाया है। पोस्ट में शहीदों के नाम पर राजनीति करने और माफी मांगने की बात कही गई है।