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PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: अपनी जान बचाने के लिए सात समंदर पार कर कौशांबी जिले के अलवारा झील आने वाले साइबेरियन पक्षियों का ठिकाना भी अब सुरक्षित नहीं रह गया है। यहां साइबेरियन पक्षियों के शिकार का मामला सामने आया है, जिसके बाद वन विभाग और पुलिस की टीम सतर्क हुई है और एक शख्स को पकड़ा गया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि पुलिस ने इस मामले में सोमवार सुबह अरुण कुमार नाम के एक शख्स को 7 साइबेरियन पक्षी के साथ गिरफ्तार किया है। वायरल वीडियो में अरुण कुमार अपने जैकेट से एक के बाद एक 7 मृत साइबेरियन पक्षियों को निकलता दिखाई दिया है। हालांकि, वायरल वीडियो में वो इन पक्षियों को शिकारी से खरीदने की बात कहता नजर आया है। फिलहाल इस मामले में जांच जारी है।
पुलिस ने इस मामले में वन विभाग के रेंजर की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया है और अरुण कुमार को अलवारा गांव ले जाकर शिकारियों की पहचान कराने की कोशिश की गई है। हालांकि, अभी तक शिकारियों की पहचान नहीं हो पाई है। वहीं, पुलिस की पूछताछ में अरुण ने बताया कि उसने अलवारा गांव के ही रहने वाले एक शिकारी से साइबेरिया पक्षी को खरीदा है। उसके मुताबिक हर पक्षी की कीमत 125 रुपये लगाई गई थी।
बता दें कि अलवारा झील महेवाघाट कोतवाली थाना इलाके में आती है। इस झील में साइबेरियन के अलावा आने वाले लालसर, सुरखाब, हंस, कैमा और नकटा जैसी कई प्रजाति के पक्षियों आते हैं। बताया जा रहा है कि यहां विदेशों से आने वाले प्रवासी पक्षियों का शिकार कर शिकारी उनका मांस महंगे दामों में बेच देते हैं। यही कारण है कि यहां साइबेरियन पक्षियों की संख्या लगतार कम हो रही है। यहां खुलेआम हो रहे शिकार से पक्षी विहार के कर्मियों की कार्य शैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) आरएस यादव ने बताया कि सूचना मिली है कि अलवारा झील में पक्षियों का शिकार किया गया है। जो पकड़े गए हैं, उनके खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण)अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहां पर शिकार नहीं होने पाए, इसके लिए ग्रामीणों के साथ गोष्टी की जाती है। शिकार किए जाने के संबंध में जानकारी होने पर फौरन कार्रवाई की जाती है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर कोई वन्यजीवों के संबंध में कोई अपराध करता है तो वन विभाग और पुलिस को सूचना दें। ऐसे मामले में कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि सोशल मीडिया के जरिए जानकारी मिली है कि साइबेरियन पक्षी का शिकार किया गया है। लेकिन, साइबेरियन पक्षी है या नहीं, इसको लेकर जांच की जा रही है। 6-7 पक्षियों को मारकर किसी और को बिक्री करने की बात सामने आ रही है। इस संबंध में ट्वीट भी मिला है और वन विभाग को सूचित किया गया है। वन विभाग के रिपोर्ट के अनुसार उचित धाराओं में मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इस मामले में जो संदिग्ध व्यक्ति है, उसे पकड़ा गया है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
जहरीली दवाओं के जरिए किया जा रहा पक्षियों का शिकार !
अलवारा झील में साइबेरियन और अन्य प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर से किए जा रही कोशिश विफल होती नजर आ रही है। हजारों किलोमीटर दूर से चलकर पक्षी इस झील में पहुंचते हैं और फिर शिकारी जहरीली दवाओं का प्रयोग करके इन्हें अपना शिकार बना लेते हैं। आरोप लगते रहे हैं कि अलवारा झील के किनारे रहने वाले गांव शाहपुर, महेवाघाट, मुबारकपुर और घोघपुरवा सहित कई गांवों में शिकारी रात को ज़हर मिला अनाज झील के पानी मे होने वाले पुरैन के पत्तों पर रख देते हैं। ज़हर खाकर पक्षियों की मौते हो जाती है या फिर वो बेहोश हो जाते हैं। इसके अलावा शिकारी रात में जाल डालकर भी इनका शिकार करते हैं और दिन में इन्हें बेच देते हैं। पक्षियों के शिकार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून तो बना है, लेकिन मौके पर प्रभावी होता नहीं दिख रहा है। इससे झील की जैव संपदा के नष्ट होने का खतरा पैदा हो रहा है।