LUCKNOW ZONE BUREAU: पेपर लीक के कारण निरस्त की गई उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा फिर से आयोजित होने जा रही है। इसके लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है। 60244 पदों पर भर्ती के लिए 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त 2024 को परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इस परीक्षा का आयोजन हर दिन 2 पालियों में होगा और हर पाली में लगभग 5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे।
बता दें कि पहले हो चुकी ये परीक्षा पेपर लीक के कारण निरस्त कर दी गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परीक्षा का आयोजन 6 महीने के अंदर शुचिता और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों का ध्यान रखते हुए फिर से आयोजित कराने के लिए कहा था। ऐसे में अब इस परीक्षा को एक निश्चित समय सीमा में पारदर्शी तरीके से उच्चतम मानकों के अनुसार आयोजित करने की प्रतिबद्धता के साथ कार्यकम घोषित किया गया है।
चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और शुचितापूर्ण ढंग से कराए जाने के सम्बंध में परीक्षा संबंधित कई व्यवस्थाओं जैसे-परीक्षा की तैयारियों, परीक्षा केंद्रों के चयन, परीक्षार्थियों का सत्यापन और छद्मनिरूपण रोके जाने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश उत्तर प्रदेश शासन की ओर से 19 जून 2024 को जारी किया गया है। ये परीक्षा इन सभी मानकों के अनुसार की जा रही है।
प्रवेश पत्र दिखाकर अभ्यर्थी कर सकेंगे निशुल्क बस यात्रा
परीक्षा का आयोजन हर दिन 2 पालियों में होगा। हर पाली में करीब 5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। परीक्षा में सम्मिलित होने वाले अभ्यर्थियों को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की निःशुल्क बस सेवा की सुविधा रहेगी। अभ्यर्थी अपनी सुविधानुसार इसका लाभ ले सकते हैं। इसके लिए बस से यात्रा करने वाले अभ्यर्थियों को अपने प्रवेश पत्र की अतिरिक्त 2 प्रतियां डाउनलोड करनी होंगी और उसकी 1 प्रति परीक्षा केंद्र के जिले तक की यात्रा और दूसरी प्रति परीक्षा के बाद अपने जिले तक की यात्रा के लिए बस कंडक्टर को प्रस्तुत करना होगा।
परीक्षाओं की शुचिता से छेड़छाड़ करने पर अब होगी ये सजा
उत्तर प्रदेश शासन ने सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों (जैसे- प्रश्नपत्र लीक होना, उत्तर पुस्तिकाओं से छेड़छाड़ आदि) को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 (उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या-6, सन 2024, दिनांक -1 जुलाई, 2024) को अधिसूचित किया गया है। इस अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि इस अधिनियम के अन्तर्गत परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग करना, नकल करना या नकल कराना, प्रश्न पत्र का प्रतिरूपण करना या प्रकट करना या प्रकट करने का षड्यंत्र करना आदि कृत्य अपराध की श्रेणी में आते हैं, जो कि इस अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय है। ऐसे प्रकरणों में 1 करोड़ तक का जुर्माना और आजीवन कारावास तक की सजा दोनों ही हो सकती है।
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