LUCKNOW ZONE BUREAU:  योगी सरकार ने लव जिहाद से जुड़े मामलों पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए अब बेहद सख्त कदम उठाया है। लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों के मद्देनज़र मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार (29 जुलाई 2024) को विधानसभा में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया। इस विधेयक के जरिए धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ाया गया है।

विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक में कई अपराधों की सजा बढ़ाकर दोगुनी की गई है। आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्राविधान किया गया है। साथ ही लव जिहाद के तहत कई नए अपराध भी इसमें जोड़े गए हैं। विदेशों से धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त प्रावधान किए गए हैं।

बता दें कि योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ पहला कानून 2020 में बनाया था। इसके बाद विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया गया था। इसमें 1 से 10 साल तक की सजा का ही प्रावधान था। ऐसे में योगी सरकार ने साल 2021 में लाए गए विधेयक को सजा और जुर्माने के जरिए और मजबूत किया है।

अब ये प्रावधान किया गया है कि अगर कोई किसी नाबालिग, दिव्यांग या मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला और एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी। विदेशी अथवा गैरकानूनी संस्थाओं से फंडिंग हासिल करने पर 14 वर्ष तक की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी। अगर कोई धर्म परिवर्तन कराने के आशय से किसी व्यक्ति के जीवन या संपत्ति को भय में डालता है, हमला अथवा बल प्रयोग करता है, शादी करने का वादा करता है, प्रलोभन देकर किसी नाबालिग, महिला या व्यक्ति की तस्करी करता है तो उसको 20 साल से कम सजा नहीं होगी। इसे आजीवन कारावास तक (मृत्यु होने तक) बढ़ाया जा सकेगा। इसके अलावा पीड़ित के इलाज और पुनर्वास के लिए भी जुर्माना देना होगा।

इसके अवाला अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है। पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी। साथ ही लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी। लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा। इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है। 

गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी कानून के दायरे में लाने की तैयारी

केंद्र सरकार की तरफ से धर्म परिवर्तन कानून बनाने को लेकर पहले ही कहा गया है कि ये राज्य सरकारों का मामला है। ऐसे में इससे जुड़े हर मामले में क्या किया जाना है, ये राज्य सरकारों को ही तय करना है। इसलिए उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे नए कानून में गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग को भी कानून के दायरे में लाने की तैयारी की गई है।

UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-

UP ASSEMBLY MONSOON SESSION 2024: 29 जुलाई से 1 अगस्त तक चला मानसून सत्र, अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले 12 विधेयक पेश

INDIA POST VACANCY: इंडिया पोस्ट में बंपर वैकेंसी, GDS के 44 हजार से ज्यादा पदों पर हो रही भर्ती

UP POLICE RE-EXAM: फिर से आयोजित होने जा रही सिपाही भर्ती परीक्षा, अगस्त की इन तारीखों में 2 पालियों में होगी परीक्षा

SBI CYBER FRAUD AWARENESS: साइबर फ्रॉड को लेकर अलर्ट कर रहे बैंक, SBI की नैनी शाखा में अधिकारियों ने दिए ये खास टिप्स

ALIGARH ROAD ACCIDENT: अलीगढ़ में भीषण सड़क हादसा.. कार और कैंटर की टक्कर.. 5 की मौत, 5 गंभीर घायल

By Sandeep Kumar Srivastava

Mr. Sandeep Kumar Srivastava is a media professional and educator. He has more than 15 years of journalistic experience. He was attached with the newsroom of many reputed media houses in BHARAT. He worked as a News Anchor, News Producer and Correspondent. He is very well known for his news and program presentation skills in Television and Digital Media. He is Founder and Editor-In-Chief of UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS. E-Mail: tvjournalistsandeepsrivastav@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *