LUCKNOW ZONE BUREAU: उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र इस साल 29 जुलाई से 1 अगस्त तक चला। गुरुवार (1 अगस्त 2024) को विधानमंडल के सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) का मानसून सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले विधानसभा और विधान परिषद में 12 विधेयक पेश किए गए।

मानसून सत्र के दौरान विधानसभा और विधान परिषद में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय( द्वितीय संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (तृतीय संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (चतुर्थ संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश विधि विरूद्व धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संसोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक, उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण ) विधेयक, उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र औरं अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण विधेयक, कारखाना (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक, उत्तर प्रदेश नोडल विनिधान रीजन विनिर्माण (निर्माण) क्षेत्र विधेयक, बोनस संदाय (उत्तर प्रदेश संशोधन) विधेयक और उत्तर प्रदेश विनियोग (2024 – 2025 का अनुपूरक) विधेयक पेश किया गय। विधान परिषद में उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक को छोड़कर सभी पारित कर दिया गया।

वहीं, 18वीं विधानसभा के इस सत्र में नियम-300 के अंतर्गत कुल 16 सूचनाएं मिलीं। नियम-301 के तहत कुल 356 सूचनाएं मिलीं, जिनमें से 191 स्वीकृत और 165 अस्वीकृत हुई। कार्यवाही के दौरान कुल 2233 प्रश्न पूछे गए, स्वीकृत तारांकित प्रश्न 372 और अतारांकित प्रश्न 1448 रहे। इनमें कुल 819 प्रश्नों का जवाब दिया या। 1903 ( 85.22 प्रतिशत) प्रश्न ऑनलाइन मिले। नियम 56 के तहत कुल 29 सूचनाएं मिली। नियम 103 के तहत मिले कुल 28 प्रस्तावों में सभी 28 प्रस्ताव स्वीकार किए गए। 

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों (विधानसभा और विधान परिषद) की कार्यवाही शुक्रवार (2 अगस्त 2024) तक चलनी थी, लेकिन इसे एक दिन पहले ही स्थगित कर दिया गया। खास बात ये भी रही कि विधानसभा सत्र के दौरान एक बार भी सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं हुई। सदन की कार्यवाही कुल 19 घंटे 41 मिनट तक चली। इस दौरान अधिकांश सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के बेहतर स्वास्थ्य की भी कामना की। वित्त और संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि उन्होंने बायपास सर्जरी होने के बाद भी सदन का सुचारू और बेहतर ढंग से संचालन किया। नेता प्रतिपक्ष ने भी यही बात दोहराई। वहीं, सत्र के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने मुख्यमंत्री और नेता सदन योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांंडेय सहित सभी दलों के नेताओं के सहयोग की प्रशंसा की।

योगी सरकार ने पेश किया 12 हजार 209 करोड़ 93 लाख रुपये का अनुपूरक बजट

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने अनुपूरक बजट पेश किया। वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा में 12 हजार 209 करोड़ 93 लाख रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। अनुपूरक बजट का आकार मूल बजट का 1.6 प्रतिशत है। बजट में सबसे ज्यादा आवंटन औद्योगिक विकास के लिए हुआ है। औद्योगिक विकास के लिए 7500.81 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है। वहीं, ऊर्जा विभाग के लिए 2000 करोड़ रुपये और परिवहन विभाग को नई बसें खरीदने के लिए 1 करोड़ रुपये प्रस्तावित किया गया है। नगर विकास विभाग की अमृत योजना की सहायता के लिए 600 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 200 करोड़ रुपये, ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपन जिम के लिए 100 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत 284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब की स्थापना के लिए 28.40 करोड़ रुपये, 1040 राजकीय इंटर कॉलेज में आईसीटी लैब की स्थापना के लिए 66.82 करोड़ रुपये की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गई है। इसके अलावा संस्कृति विभाग की कई योजनाओं के लिए 74.90 करोड़ रुपये, अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना के लिए 53.85 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। इनमें आवासीय और आवास रहित भवनों के अनुरक्षण के लिए 2.79 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

नजूल संपत्ति विधेयक पर मचा सियासी घमासान, भाजपा विधायकों ने भी उठाए सवाल

नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंधन और उपयोग) विधेयक को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। ये विधेयक विधानसभा में तो पास हो गया है, लेकिन विधान परिषद में अटक गया है। इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजा गया है। इस विधेयक का विपक्ष के नेताओं के साथ ही भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कुछ नेता भी विरोध कर रहे हैं। विधानसभा में प्रयागराज की शहर पश्चिमी सीट से भाजपा विधायक सिद्धार्थनाथ सिंह और प्रयागराज की ही शहर उत्तरी विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेयी ने इस विधेयक पर सवाल उठाए। इसके बाद जब विधान परिषद में नेता सदन और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ये विधेयक प्रस्तुत किया तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इसे प्रवर समिति को सौंपने का अनुरोध किया। ऐसे में सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने मतदान कराकर इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का निर्देश दिया। कैबिनेट मंत्री संजय निषाद भी इस विधेयक को लेकर सरकार से फैसले से असहमत नजर आए हैं। कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने भी इस विधेयक पर विधानसभा में सवाल उठाते हुए कहा कि ये कौन सा विकास हो रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नजूल संपत्ति विधेयक को घर उजाड़ने वाला बतया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ के जरिए कहा कि जनता रोजी-रोटी-रोजगार के लिए भटक रही है और अब भाजपाई मकान भी छीनना चाहते हैं। उन्होंने इस विधेयक को हमेशा के लिए वापस लिए जाने की मांग की है।

लव जिहाद से जुड़े मामलों को लेकर और सख्त हुई योगी सरकार, पेश किया ये विधेयक

योगी सरकार ने लव जिहाद से जुड़े मामलों पर पूरी तरह से लगाम लगाने के लिए बेहद सख्त कदम उठाया है। मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार (29 जुलाई 2024) को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक पेश किया गया। इस विधेयक के जरिए धर्म परिवर्तन से जुड़े अपराधों में सजा की अवधि को बढ़ाया गया है। कई अपराधों की सजा बढ़ाकर दोगुनी की गई है। आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। अब ये प्रावधान किया गया है कि अगर कोई किसी नाबालिग, दिव्यांग या मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला और एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराता है तो उसे आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है। साथ ही इसमें विदेशों से धर्म परिवर्तन के लिए होने वाली फंडिंग पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त प्रावधान किए गए हैं।विदेशी या गैरकानूनी संस्थाओं से फंडिंग हासिल करने पर 14 वर्ष तक की सजा और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा हो सकती है। बता दें कि योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ पहला कानून 2020 में बनाया था। इसके बाद विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया गया था।

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By Sandeep Kumar Srivastava

Mr. Sandeep Kumar Srivastava is a media professional and educator. He has more than 15 years of journalistic experience. He was attached with the newsroom of many reputed media houses in BHARAT. He worked as a News Anchor, News Producer and Correspondent. He is very well known for his news and program presentation skills in Television and Digital Media. He is Founder and Editor-In-Chief of UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS. E-Mail: tvjournalistsandeepsrivastav@gmail.com

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