सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर सुब्रत रॉय (फाइल तस्वीरें)सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर सुब्रत रॉय (फाइल तस्वीरें)

HIGHLIGHTS NEWS NETWORK, LUCKNOW: सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक और अध्यक्ष सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में निधन हो गया। मंगलवार रात उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें 12 नवंबर को तबीयत ज्यादा खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि उनका निधन रात 10.30 बजे कार्डियक अरेस्ट के चलते हुआ। वो पिछले कुछ दिनों से ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। इस साल जनवरी में कोकिलाबेन अस्पताल में ही उनके ब्रेन की सर्जरी भी हुई थी।  

सहारा श्री सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए बुधवार को लखनऊ लाया गया है। लोग लगातार उनके अंतिम दर्शन के लिए सहारा सिटी पहुंच रहे हैं। गुरुवार को लखनऊ के बैकुंठधाम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सहारा श्री सुब्रत रॉय के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई गणमान्य लोगों ने शोक जताया है। साथ ही कई बॉलीवुड हस्तियों ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। फिल्म निर्माता बोनी कपूर, पटकथा लेखक मुश्ताक शेख और अभिनेत्री राय लक्ष्मी सहित अन्य लोग मंगलवार को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन की जानकारी मिलते ही मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल पहुंचे थे।

सहारा श्री के जीवन का सफर रहा काफी रोचक

सहारा श्री सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 को हुआ था। वो भारत के प्रमुख कारोबारी और सहारा इंडिया परिवार के फाउंडर थे। उन्हें देशभर में ‘सहाराश्री’ के नाम से भी जाना जाता था। बिहार के अरारिया जिले में जन्में सुब्रत रॉय ने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। सहाराश्री ने साल 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय शुरू किया था। कहा जा सकता है कि इस दौरान उन्होंने शून्य से लेकर शिखर तक का रोचक सफर तय किया। उन्होंने अपने करिअर की शुरुआत गोरखपुर में नमकीन और स्नैक्स बेचने से की। अपनी लैंब्रेटा स्कूटर पर सवार होकर वो स्नैक्स बेच करते थे। इसके बाद साल 1978 में गोरखपुर में एक छोटे से ऑफिस में सहारा समूह की नींव रखी। सबसे पहले इंडस्ट्रियल एरिया में कपड़े और पंखे की फैक्टरी शुरू की। इसके बाद सहारा समूह ने उनके नेतृत्व में सहारा इंडिया ने कई व्यवसायों में विस्तार किया। साल 1983 में उनके कारोबारी मित्र एसके नाथ ने अलग होकर राप्ती फाइनेंस नाम से अलग कंपनी बना ली, वहीं इसी साल सुब्रत रॉय ने लखनऊ में कंपनी का हेड ऑफिस बनाया। उन्होंने लखनऊ में सिनेमा रोड स्थित कार्यालय में 2 कुर्सियों और एक स्कूटर के साथ शुरुआत की थी। 42 निवेशकों के साथ शुरू हुई चिटफंड कंपनी से सहारा ग्रुप ने धीरे-धीरे देश के तमाम उद्योगों में जगह बना ली। रियल स्टेट, टेलीकॉम, टूरिज्म, एयरलाइंस, सिनेमा, खेल, बैंकिंग और मीडिया जैसे कई क्षेत्रों में सहारा इंडिया ने कदम रखे। सहारा श्री ने सहारा वन मोशन पिक्चर्स की स्थापना और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम को कई सालों तक स्पांसर किया। इसी तरह हॉकी को भी प्रोत्साहित किया। सहारा इंडिया ने न्यूयॉर्क और लंदन में भी अपने कदम। प्रतिष्ठित टाइम्स मैग्जीन ने सहारा ग्रुप को भारत में रेलवे के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली कंपनी का तमगा दिया था। साल 2012 में इंडिया टुडे पत्रिका ने उन्हें भारत के 10 सबसे ज्यादा शक्ति संपन्न लोगों में शामिल किया था। सुब्रत रॉय सहारा अपनी कंपनी को एक परिवार कहते थे और खुद को इसका अभिभावक बताते थे।

सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा कारोबारी सफर
सुब्रत रॉय के करीब 4 दशक के कारोबारी सफर ने सफलता की बुलंदियों को छूआ। एक आंकड़े के मुताबिक सहारा समूह के पास जून 2010  तक करीब 1लाख 9 हजार 224 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति थी। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से उनके करीबी रिश्ते जगजाहिर थे। साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के तमाम बड़े नेता भी उनके मुरीद रहे। बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन और समाजवादी पार्टी के नेता रहे अमर सिंह उनके पारिवारिक सदस्यों की तरह थे। सुब्रत रॉय बड़े उत्साह से ‘भारत पर्व’ कार्यक्रम आयोजित करते थे। लखनऊ में शाही अंदाज में हुई उनके दोनों बेटों की शादी में खर्च की चर्चा कई साल तक लोगों की जुबान पर रही। सहारा सिटी में नेता, फिल्म स्टार और क्रिकेटर्स पूरे उत्साह से उनके कार्यक्रमों में शामिल होते थे।

दोस्तों से लेकर हर किसी के बने मददगार
सहारा श्री सुब्रत रॉय हमेशा अपने दोस्तों से लेकर हर किसी से मददगार भूमिका में नजर आए। वो अपने उन 13 दोस्तों को कभी नहीं भूले, जिन्होंने उनके बुरे समय में हमेशा साथ दिया। सहारा ग्रुप में उन्होंने सभी पुराने दोस्तों को जोड़ा और कंपनी में बड़ा ओहदा दिया। इसके साथ ही वो अपने जीवन में हर किसी के मददार की भूमिका में भी नजर आए। सहारा समूह गरीब लड़कियों का सामूहिक विवाह समारोह भी भव्य तरीके से आयोजित करता था। गोरखपुर और लखनऊ में श्मशान घाट के पुनरुद्धार का काम भी सहारा समूह ने किया था। 

ऐसे हुई सहारा इंडिया के पतन की शुरुआत

सहारा इंडिया के पतन की शुरुआत प्राइम सिटी के IPO से हुई थी। इस धोखाधड़ी का पता चलने के बाद सेबी ने सहारा इंडिया के सेबी अकाउंट को फ्रीज कर दिया और केस दायर किया। इस केस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सुब्रत रॉय को 2 साल तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ा। वो साल 2016 में पैरोल पर जेल से बाहर आए थे। सहारा इंडिया के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद जहां एक ओर शोक का माहौल है, वहीं दूसरी तरफ निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। निवेशकों के मन में अब सवाल है कि सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए निवेश की गई जो राशि वापस मिल रही थी, क्या वो प्रक्रिया अब रुक जाएगी। बता दें कि निवेशकों की राशि सेबी के पास है और ये ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को वापस मिल जाएगी। पिछले 11 साल में सेबी ने निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किया हैं। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 में सहारा ग्रुप को आदेश दिया था कि वो निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाए। इस आदेश के बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस देने के लिए सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया था। रिफंड के लिए केवल ऑनलाइन ही क्लेम किया जा सकता है। अगर किसी निवेशक को कोई समस्या होती है तो वो टोल फ्री नंबर ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क कर सकते हैं।

सहारा समूह के घाटे का सौदा रहा ये कदम
सहारा समूह ने एयरलाइंस कंपनी भी खोली थी, जिसके बेड़े में कई जहाज थे। हालांकि, ये कारोबार सुब्रत राय को रास नहीं आया, जिसके बाद उन्होंने अपने हाथ वापस खींच लिए।  सेबी विवाद के बाद सहारा क्यू शॉप नाम से कंज्यूमर प्रोडक्ट की रिटेल चेन की शुरुआत की, लेकिन ये काम भी जल्द बंद करना पड़ गया। हालांकि मुंबई में उनका सहारा स्टार होटल बनाने का फैसला सही साबित हुआ।

सहारा श्री की जिंदगी पर बन रही फिल्म
सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक सुब्रत रॉय की जिंदगी पर आधारित फिल्म ‘सहारा श्री’ नाम बन रही है। निर्माता संदीप सिंह और जयंतीलाल गड़ा ये फिल्म बना रहे हैं। सुदीप्तो सेन, संदीप सिंह और जयंतीलाल गड़ा ने फिल्म ‘सहाराश्री’ का मोशन पोस्टर भी रिलीज किया है। 

By Sandeep Kumar Srivastava

Mr. Sandeep Kumar Srivastava is a media professional and educator. He has more than 15 years of journalistic experience. He was attached with the newsroom of many reputed media houses in BHARAT. He worked as a News Anchor, News Producer and Correspondent. He is very well known for his news and program presentation skills in Television and Digital Media. He is Founder and Editor-In-Chief of UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS. E-Mail: tvjournalistsandeepsrivastav@gmail.com

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