AGRA-MATHURA ZONE BUREAU: हाथरस में एक तरफ मतदान चल रहा था और वहीं दूसरी तरफ कई गांव में जर्जर सड़क को लेकर चुनावी बहिष्कार चरम पर था। कुछ गांव में स्थिति ऐसी बनी हुई थी की शाम 5 बजे तक 0% प्रतिशत मतदान रहा। और जमकर रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ चुनाव बहिष्कार चरम पर रहा। वहीं प्रशासनिक अधिकारी भी गांव में पहुंचकर लोगों को समझने का प्रयास कर रहे थे। जिसके बाद गांव में डीएम एसपी ने पहुंच कर मोर्चा संभाला। डीएम एसपी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया। जिसके बाद मतदान प्रक्रिया शुरू हुई।
दरअसल, सासनी से नानऊ मार्ग संपर्क मार्ग जो अलीगढ़ को भी जोड़ था है। जिसकी काफी सालों से हालत खस्ता बनी हुई है। वहीं गांव नया नगला से लेकर सीकुर तक के सभी ग्रामीणों ने मिलकर चुनावी बहिष्कार किया। और सुबह 9 बजे तक नया नगला से लेकर सीकुर गांव में मतदान की स्थिति 0% प्रतिशत रही।
बता दें हैं की नया नगला में कुछ ग्रामीणों ने मतदान किया परंतु गांव उतरे, सीकुर, खिटौली, में 11 बजे तक 0% प्रतिसत मतदान रहा। यहां रोड को लेकर ग्रामीण जमकर रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ बहिष्कार कर रहे हैं। जब इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को हुई तो अधिकारियों की गाड़ी गांव की तरफ दौड़ गईं इस बीच कुछ ग्रामीणों की अधिकारियों से तीखी नोंकझोंक भी हुई। परंतु ग्रामीण अपनी बात पर अटल है जब तक सड़क नहीं तो वोट नहीं। वहीं बीजेपी प्रत्याशी अनूप प्रधान ने भी गांव में पहुंचकर लोगों को समझने का प्रयास किया। जिसमे वो विफल रहे। वहीं शाम क़रीब 5 बजे डीएम एसपी भी गांव में पहुंच गए। जिन्होंने ग्रामीणों को समझाया जिसके बाद ग्रामीणों ने मतदान करना शुरू किया।
वहीं इसके साथ ही हाथरस में लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग खत्म हो गई है। यहां सुबह 7 से शाम 6 बजे तक 55.36% मतदान हुआ। पिछली बार से 6% कम वोट पड़े। 2019 में 61.2 फीसदी मतदान हुआ था। हाथरस से 10 प्रत्याशी मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश की राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान, बसपा के हेमबाबू धनगर और सपा के जसवीर वाल्मीकि में है। इस संसदीय सीट पर 19,30,297 वोटर्स वोट करेंगे। यहां बीजेपी और सपा और बसपा में टक्कर है।
105 साल की वृद्धा ने किया वोट
हाथरस में 105 साल की वृद्धा सरस्वती इंटर कॉलेज के बूथ पर मतदान के लिए पहुंची। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 105 साल की है। फिर भी मैं वोट करने पहुंची हूं। सभी से अपील है कि अपने वोट का प्रयोग जरूर करें।
अब जानिए चुनावी समीकरण
राजनीतिक जानकार बताते हैं, ‘हाथरस भाजपा की सेफ सीट है। 15 चुनाव में 7 बार भाजपा के सांसद जीते। यह सीट भाजपा की परंपरागत रही है। यही वजह है कि विपक्षी दलों ने लोकल चेहरों को टिकट नहीं दिया। सपा ने जसवीर सिंह वाल्मीकि को हाथरस से उतारा है, जो सहारनपुर से आते हैं। उनका लोकल में आधार नहीं है। बसपा ने हेमबाबू धनगर को उम्मीदवार बनाया है, उनकी भी लोकल में पहचान नहीं है। हालांकि भाजपा के अनूप वाल्मीकि भी अलीगढ़ से आते हैं। लेकिन उनकी विधानसभा हाथरस लोकसभा में आती है। अनूप वाल्मीकि राजस्व राज्यमंत्री हैं। उनका हाथरस से अच्छा जुड़ाव भी रहा है। भाजपा यहां बढ़त की तरफ है।
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