HIGHLIGHTS NEWS NETWORK: उत्तर प्रदेश में पिछले 3 दिनों से कांग्रेस सुर्खियों में है। दरअसल, 14 फरवरी 2024 को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन किया और फिर रायबरेली की जनता को भावुक पत्र लिखा। अपने इस पत्र में सोनिया गांधी ने परिवार से रायबरेली की जनता के रिश्तों का जिक्र करते हुए आगे भी परिवार को संभाल लेने की अपील की।
वहीं, आज यानी 16 फरवरी 2024 को कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में पहुंच गई। इस दौरान चंदौली में राहुल ने राम मंदिर पर को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। इस दौरान राहुल ने चदौली के नेशनल इंटर कॉलेज के ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अरबपतियों के लिए कालीन बिछी, लेकिन गरीबों के लिए कुछ भी नहीं किया गया।
प्रियंका की तबीयत खराब, फिलहाल यात्रा में नहीं होंगी शामिल
राहुल गांधी की चंदौली में होने वाली सभा में प्रियंका गांधी तबीयत खराब होने के चलते शामिल नहीं हों सकेंगी। उन्होंने अपने ‘X’ हैंडल के जरिए अपनी तबीयत ख़राब होने की जानकारी दी और बताया कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है। उन्होंने पोस्ट के जरिए बताया कि ‘मैं बड़े चाव से उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पहुंचने का इंतजार कर रही थी, लेकिन बीमारी की वजह से मुझे आज ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। थोड़ा बेहतर होते ही मैं यात्रा में जुड़ूंगी। तब तक के लिए चंदौली-बनारस पहुंच रहे सभी यात्रियों, पूरी मेहनत से यात्रा की तैयारी में लगे उत्तर प्रदेश के मेरे सहयोगियों और प्यारे भाई को शुभकामनाएं देती हूं।’
सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता से की भावुक अपील
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को लिखे अपने पत्र में स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की बात कही है। हालांकि, रायबरेली से गहरा रिश्ता बताते हुए आगे भी परिवार को संभालने की अपील की है। उनकी अपील के आधार पर माना जा रहा है कि गांधी परिवार से ही कोई व्यक्ति रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेगा। इस अपील के साथ ही सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा है कि उनका परिवार दिल्ली में अधूरा है। वो रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। उन्होंने लिखा कि रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तें की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में मेरे ससुर फीरोज गांधी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई। इसी रौशन रास्ते पर आपने मुझे भी चलने की जगह दी। सास और जीवनसाथी को हमेशा के लिए खोकर मैं आपके पास आई और आपने अपना आंचल मेरे लिए फैला दिया। पिछले दो चुनाव में विषम परिस्थतियों में भी आप एक चट्टान की तरह मेरे साथ खड़े रहे, मैं यह कभी भूल नहीं सकती। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि आज मैं जो कुछ भी हूं, आपकी बदौलत हूं और मैंने इस भरोसे को निभाने की हरदम कोशिश की है। सोनिया ने कहा कि इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आये हैं। उन्होंने जल्द मिलने का भी वादा किया।
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