HIGHLIGHTS NEWS NETWORK, BANDA: बांदा में लगातार अवैध खनन और परिवहन की तस्वीरें सामने आ रही हैं, लेकिन प्रशासन ने अपनी आंखें बंद कर रखी है। इसके चलते खनन माफिया जमकर मौज उड़ा रहे हैं और मन माने ढंग से अवैध खनन और अवैध परिवहन का खेल खेल रहे हैं। पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहे हैं। साथ ही सरकारी राजस्व की भी चोरी कर रहे हैं इतना ही नहीं यह तेजी से केन नदी को खोखला भी कर रहे हैं।
ताजा तस्वीरें एक बार फिर मटौंध थाना इलाके के मरौली बालू खदान खंड संख्या-5 से सामने आई हैं। यहां रात के अंधेरे में प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों से अवैध खनन किया जा रहा है, जबकि किसी भी दशा में रात के अंधेरे में खनन नहीं होना चाहिए, क्योंकि जलीय जीवों को नुकसान पहुंचता है। साथ ही पर्यावरण भी प्रभावित होता है। रात में खनन करने के लिए दिन जैसा उजाला होना चाहिए, लेकिन किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा।
वहीं, खदान में जो CCTV कैमरे लगे हैं, वो भी सो पीस के लिए लगे हैं, क्योंकि रात के अंधेरे में यहां ओवरलोड परिवहन भी किया जा रहा है, जो की अवैध है। संभव ये भी है की यहां से बिना रवन्ने के ट्रक निकाले जा रहे हों, जिससे सरकारी राजस्व को भारी नुकसान हो सकता है। इस खदान में शुरुआती दौर पर ही अवैध परिवहन करते ट्रक पकड़े गए थे और एक बार अवैध खनन पर जुर्माना भी लग चुका है, लेकिन उसके बाद से इन खदान संचालकों ने प्रशासन से ऐसी सेटिंग बैठाई कि लगातार अवैध खनन और परिवहन की तस्वीरें सामने आने के बाद भी प्रशासन ऐसा मौन बैठा है, मानों प्रशासन ने आंखों में पट्टी बांध रखी हो।
सवालिया निशान इसलिए भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि मरौली बालू खदान के अलावा शोसल मीडिया और कई मीडिया संस्थानों में जिले की कई बालू खदानों के अवैध खनन की खबरें दिखाई जा रहीं हैं, लेकिन प्रशासन को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। बीते दिन महुटा बालू खदान के संचालकों द्वारा एक किसान की जमीन जबरन खोदने का मामला सामने आया है, जहां किसान की शिकायत के बाद भी प्रशासन आंख और कान बंद किए बैठा है।अब देखने वाली बात होगी कि योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का मजाक यहां कब तक उड़ाया जाएगा।
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