HIGHLIGHTS NEWS NETWORK: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 18 जून 2024 को यूजीसी-नेट का आयोजन किया था। 317 शहरों में 1205 परीक्षा केंद्रों पर ये परीक्षा 2 शिफ्ट में आयोजित की गई थी, जिसमें 11,21,225 में से 9,45,872 कैंडिडेट्स शामिल हुए। लेकिन, 19 जून 2024 को इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया। शिक्षा मंत्रालय ने गड़बड़ी होने की जानकारी मिलने के बाद इस परीक्षा को रद्द किया। साथ ही के सीबीआई जांच का भी आदेश दे दिया गया है।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यूजीसी को गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की नेशनल साइबर क्राइम खतरा विश्लेषण इकाई से परीक्षा के संबंध में गड़बड़ी के संकेत मिले। इसके मद्देनजर ही यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करने का फैसला लिया गया है। साथ ही शिक्षा मंत्रालय का ये भी कहना है कि जल्द ही नेटन की नई तारीख का ऐलान किया जाएगा।
वहीं, नीट को लेकर लगातार चल रहे विवाद के बीच यूजीजी नेट परीक्षा रद्द कर दिए जाने से प्रतियोगी स्टूडेंट्स और ज्यादा आक्रोशित हो गए है। इसको लेकर पूरे देश में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन जारी है। इस बीच इसको लेकर राजनीति भी खूब हो रही है। जहां विपक्ष के नेता इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं, वहीं शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान इस मामले को जल्द सुलझा लिए जाने का आश्वासद दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल इंटरनल इनक्वायरी की जा रही है। साथ ही एनटीए की व्यवस्था को सुधारने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया जा रहा है।
एनटीए पर उठ रहे सवाल
2018 से पहले यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) नेट परीक्षा का आयोजन सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (C.B.S.E.) की सहायता से करता था। तब ये परीक्षा ऑफलाइन मोड यानी पेन और पेपर मोड में आयोजित की जाती है। साल 2018 के बाद इस परीक्षा के आयोजन का जिम्मा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को दिया गया। तब से ये परीक्षा सीबीटी मोड यानी कंप्यूटर बेस्ड मोड में हो रही थी। लेकिन, इस बार एनटीए ने नेट परीक्षा 18 जून को पेन और पेपर मोड में आयोजित किया और परीक्षा रद्द करने की नौबत आ गई। इसलिए एनटीए पर सवाल उठ रहे हैं कि इस बार एजेंसी ने पेपर सीबीटी मोड की जगह पेन और पेपर मोड में क्यों ली।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें और लेख भी पढ़िए-