UP: गृह मंत्रालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में युद्ध बचाव के लिए मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू हो गई। बुधवार, 7 मई को पूरे प्रदेश में यह अभ्यास किया जाएगा, जिसमें आम जनता को हवाई हमले, ड्रोन हमले और मिसाइल हमले जैसी घटनाओं को टालने के बारे में जानकारी दी जाएगी। सोमवार को नागरिक सुरक्षा विभाग ने पुलिस अधिकारियों के साथ इसकी कार्ययोजना तैयार की, जिसे जल्द अमल में लाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। बता दें कि इससे पहले वर्ष 1971 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध के दौरान मॉक ड्रिल हुई थी।
इसी कड़ी में मंगलवार को लखनऊ के पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल का अभ्यास किय़ा गया। इस दौरान जवानों ने किसी भी प्रकार के हमले और अराजक स्थिति से निपटने का अभ्यास किया। साथ ही इस स्थिति में आमजन की सुरक्षा का ध्यान किस तरह रखा जाएगा, इसका भी अभ्यास किया।
इस मॉक ड्रिल में करीब 54 वर्ष बाद लोगों को हवाई हमलों आदि से बचाव के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। पब्लिक एड्रेस सिस्टम की मदद से ब्लैक आउट की जानकारी दी जाएगी। इसी के साथ-साथ अस्पतालों को भी अलर्ट पर रखा जा रहा है। डीजी नागरिक सुरक्षा अभय कुमार प्रसाद ने गृह मंत्रालय से दिशा निर्देश मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि इस बाबत सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रदेश के बड़े शहरों से इसकी जल्द शुरुआत की जाएगी।
ब्लैकआउट की भी होगी तैयारी
मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट रणनीति का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिसमें पूर्ण अंधकार शामिल है। हमले के दौरान दुश्मन का ध्यान भटकाने के लिए सभी घरों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक क्षेत्रों की लाइटें बंद कर दी जाएंगी। साथ ही चेतावनी के तौर पर सायरन भी बजेगा। लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सायरन सुनते ही सुरक्षित कमरे, बंकर और खुले क्षेत्रों जैसे सुरक्षित स्थानों से बचना चाहिए।
डीजीपी बोले कल होगा मॉक ड्रिल
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 7 मई को सिविल डिफेंस के मॉक ड्रिल के संबंध में भारत सरकार से निर्देश प्राप्त हुए हैं। (यूपी में) 19 जिलों की पहचान की गई है, जिसमें एक जिला ए श्रेणी में है, 2 जिले सी श्रेणी में हैं और बाकी बी श्रेणी में हैं। यहां की संवेदनशीलता को मद्देनजर रखते हुए शासन द्वारा यह निर्देश दिए गए हैं कि सभी जिलों में सिविल प्रशासन, पुलिस प्रशासन, अग्निशमन सेवा, आपदा प्रतिक्रिया बल के साथ मिलकर यहमॉक ड्रिल की जाए ताकि आकस्मिकता की स्थिति में हम इन चीजों से निपट सकें।
UP के 15 जिलों में है सिविल डिफेंस का नेटवर्क
विभाग के महानिदेशक अभय प्रसाद के अनुसार, नागरिक सुरक्षा विभाग के राज्य के 15 जिलों में कार्यालय हैं, जो कुल 26 जिलों को कवर करते हैं। लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, मेरठ, गोरखपुर और प्रयागराज जैसे शहर मुख्य रूप से इन जिलों में पाए जाते हैं। घायल व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने, प्राथमिक उपचार देने और उन्हें आपातकालीन सेवाओं के संपर्क में लाने की प्रणाली की प्रभावशीलता का भी पूरे अभ्यास के दौरान मूल्यांकन किया जाएगा। विभाग का लक्ष्य लोगों के जीवन को बचाना और उन्हें युद्ध जैसी स्थिति के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करना है।
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