PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ नगर में शुक्रवार (13 दिसंबर 2024) को विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में महाकुंभ की सफलता के लिए अमृत काल के सिद्धि योग में कुंभ कलश का पूजन किया। इस दौरान उन्होंने हनुमान मंदिर कॉरिडोर, सरस्वती कूप कॉरिडोर, अक्षयवट कॉरिडोर,भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर और श्रृंगवेरपुर कॉरिडोर के साथ ही महाकुंभ से जुड़ी 5500 करोड़ की 167 परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसमें यात्री सुविधाओं के लिए रेलवे स्टेशनों के अपग्रेडेशन और डेवलपमेंट के साथ-साथ आरओबी फ्लाईओवर, सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और सौंदर्यीकरण की प्रमुख परियोजनाएं भी शामिल रहीं। इसके साथ ही स्थायी घाटों, रिवर फ्रंट, सीवरेज और पेयजल सुविधाओं के साथ विद्युत आपूर्ति से जुड़ी परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया गया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला करीब 11:45 बजे एयरपोर्ट पर पहुंचा। यहां से वो अरैल घाट पहुंचे।संगम पर दोपहर 12:15 बजे पहुंचने पर काली मछली निशान वाले तीर्थ पुरोहित पं. दीपू मिश्रा के आचार्यत्व में 7 वैदिक आचार्यों ने पूजा कराई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निषादराज क्रूज पर सवार होकर संगम नोज पर पहुंचे। किला घाट पर फ्लोटिंग जेटी से होते हुए वो क्रूज पर सवार हुए। पीएम मोदी ने क्रूज पर सवार होने के बाद डेक पर खड़े होकर यमुना की लहरों को निहारा। यहां से वो पूरे क्षेत्र का अवलोकन करते नजर आए। संगम नोज पर सीएम योगी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने एक बार फिर उनका स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी ने साधु संतों से मुलाकात की और उनका अभिवादन किया। इस दौरान एक संत ने उन्हें मोतियों की माला भी भेंट की।
पीएम नरेंद्र मोदी किले में स्थित सरस्वती कूप भी पहुंचे। यहां पर मां सरस्वती की पूजा की और पंचामृत का अर्पण किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कूप और मां सरस्वती की प्रतिमा का पूजन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्षय वट का दर्शन करने के बाद श्री बड़े हनुमान मंदिर परिसर पहुंचे। हनुमान मंदिर में महंत बलवीर गिरि ने पीएम मोदी को हनुमानजी का पूजन कराया। पीएम ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बजरंग बली का पूजन किया। यहां पर हनुमान मंदिर के प्रस्तावित कॉरिडोर के मॉडल का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम तट पर स्थित श्री बड़े हनुमान (लेटे हनुमान) जी दर्शन पूजन करने के बाद आरती उतारी। हनुमान मंदिर कॉरिडोर के प्रस्तावित मॉडल के अवलोकन के दौरान प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के वीसी ने पीएम को परियोजना के बारे में विस्तार से बताया।
पीएम मोदी संगम नोज पर बने पंडाल में पहुंचे। यहां उपस्थित तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें आसन ग्रहण कराया। पीएम के अगल-बगल में सीएम योगी और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी आसन ग्रहण किया। इसके बाद तीर्थ पुरोहितों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पीएम मोदी ने पूजा अर्चना की। तीर्थ पुरोहितों ने उनसे आचमन भी कराया। पीएम मोदी ने खड़े होकर त्रिवेणी का जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक किया। पीएम मोदी, सीएम योगी और राज्यपाल ने अक्षत, चंदन, रोली और पुष्पमाला के साथ ही त्रिवेणी में वस्त्र भी अर्पित किया। इसके बाद पीएम ने संगम आरती भी की। अंत में पीएम मोदी ने विशेष रूप से सजाए गए प्रांगण में फोटोशूट भी कराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम तट पर लगाई गई महाकुंभ प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। अधिकारियों ने श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ प्रबंधन आदि के बारे में उन्हें विस्तार से जानकारी दी। कई भाषाओं में एनाउंसमेंट की जानकारी दी गई। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक मौजूद रहे। वहीं, जीटी जवाहर चौराहे से लेकर संगम तट पर स्थित पंडाल तक लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बड़े वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है।
इस दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए PM मोदी ने संगम को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि यहां दिन रात काम कर रहे कर्मचारियों और सफाई कर्मियों का अभिनंदन करता हूं।उन्होंने कहा कि लगातार 45 दिनों तक चलने वाला महायज्ञ एक नया महानगर बसाने का महाभियान प्रयागराज की धरती पर नया इतिहास रचा जा रहा है।कहा कि यहां विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम के रूप में महाकुंभ की सफलता के लिए कुंभ कलश का पूजन किया। महाकुंभ एकता का महाकुंभ है, जो दुनिया को संदेश देगा। पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ से सामाजिक मजबूती तो मिलेगी ही, साथ ही लोगों का आर्थिक सशक्तिकरण भी होगा। उन्होंने कहा कि गांवों, कस्बों, शहरों से लोग प्रयागराज की ओर निकल पड़ते हैं। सामूहिकता की ऐसी शक्ति, ऐसा समागम शायद ही कहीं ओर देखने को मिले। यहां आकर संत-महंत, ऋषि-मुनि, ज्ञानी-विद्वान, सामान्य मानवी सब एक हो जाते हैं, सब एक साथ त्रिवेणी में डुबकी लगाते हैं। यहां जातियों का भेद खत्म हो जाता है, सम्प्रदायों का टकराव मिट जाता है। करोड़ों लोग एक ध्येय, एक विचार से जुड़ जाते हैं। कुंभ जैसे भव्य और दिव्य आयोजन को सफल बनाने में स्वच्छता की बहुत बड़ी भूमिका है। महाकुंभ की तैयारियों के लिए नमामि गंगे कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाया गया है, प्रयागराज शहर के सैनिटेशन और वेस्ट मैनेजमेंट पर फोकस किया गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए गंगादूत, गंगा प्रहरी और गंगा मित्रों की नियुक्ति की गई है। इस बार 15 हजार से ज्यादा मेरे सफाईकर्मी भाई-बहन कुंभ की स्वच्छता को संभालने वाले हैं। मैं आज कुंभ की तैयारी में जुटे अपने सफाईकर्मी भाई-बहनों का अग्रिम आभार भी व्यक्त करता हूं।
PM मोदी ने कहा कि किसी बाहरी व्यवस्था के बजाय कुंभ, मनुष्य के अंतर्मन की चेतना का नाम है। ये चेतना स्वतः जागृत होती है। यही चेतना भारत के कोने-कोने से लोगों को संगम के तट तक खींच लाती है। इसलिए मैं फिर एक बार कहता हूं कि ये महाकुंभ, एकता का महायज्ञ है। जिसमें हर तरह के भेदभाव का आहुति दी जाती है। यहां संगम में डुबकी लगाने वाला हर भारतीय एक भारत-श्रेष्ठ भारत की अद्भुत तस्वीर प्रस्तुत करता है। PM मोदी ने कहा कि महाकुंभ हजारों वर्ष पहले से चली आ रही हमारे देश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक यात्रा का पुण्य और जीवंत प्रतीक है। एक ऐसा आयोजन है जहां हर बार धर्म, ज्ञान, भक्ति और कला का दिव्य समागम होता है। ये केवल तीन पवित्र नदियों का ही संगम नहीं है। प्रयाग के बारे में कहा गया है- ‘माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई।।’ अर्थात जब सूर्य मकर में प्रवेश करते हैं, सभी दैवीय शक्तियां, सभी तीर्थ, सभी ऋषि, महाऋषि प्रयाग में आ जाते हैं। ये वो स्थान जिसके प्रभाव के बिना पुराण पूरे नहीं होते। प्रयागराज वो स्थान है, जिसकी प्रशंसा वेद की ऋचाओं में की गई है।
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PM मोदी ने कहा किहमारा भारत पवित्र स्थलों और तीर्थों का देश है। ये गंगा, यमुना, सरस्वती, कावेरी और नर्मदा जैसी अनगिनत पवित्र नदियों का देश है। इन नदियों के प्रवाह की जो पवित्रता है, इन अनेकानेक तीर्थों का जो महत्व है, जो महात्म्य है, उनका संगम, उनका समुच्चय, उनका योग, उनका संयोग, उनका प्रभाव, उनका प्रताप ये प्रयाग है। प्रयाग वो है, जहां पग-पग पर पवित्र स्थान हैं, जहां पग-पग पर पुण्य क्षेत्र हैं। ये एकता का ऐसा महायज्ञ होगा, जिसकी चर्चा पूरी दुनिया में होगी। मैं इस आयोजन की भव्य और दिव्य सफलता की आप सभी को शुभकामनाएं देता हूं।
इन विकास परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण
- 1610 करोड़ रुपये से यात्री सुविधाओं के लिए 9 रेलवे स्टेशनों का उन्नयन एवं विकास
- 1376 करोड़ रुपये से 61 सड़कों का चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण
- 1170 करोड़ रुपये से 10 आरओबी फ्लाईओवर
- 100 करोड़ रुपये से 4 नालों का अवरोधन, दिशा परिवर्तन एवं सुदृढ़ीकरण
- 304 करोड़ रुपये से 7 स्थायी घाटों और 8 नदी तट सड़कों का सुदृढ़ीकरण
- 215 करोड़ रुपये से 13 सीवरेज परियोजनाओं का उन्नयन, पेयजल सुविधाओं का विकास
- 203 करोड़ रुपये से 4 नए ट्रांसफॉर्मर, 2 सब स्टेशनों की स्थापना औऱ विद्युत ढांचे का उन्नयन
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