PRAYAGRAJ AND VARANASI ZONE BUREAU: वो दबंग था, फिर विधायक बना और अब उसकी पहचान रेपिस्ट के तौर पर भी है। उसे MP/MLA कोर्ट ने गायिका से रेप के मामले में 5 नवंबर 2023 को 15 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 1 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अपने गुनाहों की अब लगातार सजा पाने वाला उत्तर प्रदेश का ये पूर्व विधायक विजय मिश्रा है।
विजय मिश्रा भदोही जिले की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुका है। कोर्ट ने पिछले एक साल में उसे तीसरे केस में सजा सुनाई है और उसके खिलाफ चल रहे कई मामलों में भी जल्द फैसला आने की उम्मीद है। इससे पहले उसे आर्म्स एक्ट में 2.5 साल और चुनावी सभा में फायरिंग के मुकदमे में 5 साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। उसके खिलाफ धमकी, जालसाजी और रेप सहित कुल 83 मुकदमे दर्ज हुए थे। विजय मिश्रा के खिलाफ साल 1982 में पहला मुकदमा प्रयागराज के हंडिया थाने में दर्ज हुआ था। साल 2010 में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर हुए हमले में भी पूर्व विधायक विजय मिश्रा मुख्य आरोपी है। ये मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
बताया जाता है कि एक वक्त ऐसा था कि अपने इलाके में सिर्फ विजय मिश्रा की ही तूती बोलती थी। वो मूंछों पर ताव देते हुए बातें करता था और एक तरह से कहा जा सकता है कि कई लोग उसके आतंक के साए में जीने को मजबूर थे। लेकिन, जैसा कि कहा जाता है ‘ऊपर वाले के घर देर है, अंधेर नहीं’। अब वैसा ही होता नज़र आ रहा है। बदले वक्त और हालात में वो असहाय है और केस दर केस फैसला आने के साथ ही उसका साम्राज्य ढहता चला जा रहा है। साथ ही योगी सरकार के सख्त एक्शन के चलते उसकी करोड़ों की संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं।
वाराणसी की रहने वाली गायिका से रेप के मामले में उसे सलाखों के पीछे रहने की सजा सुनाई गई है। पीड़ित गायिका ने साल 2020 में भदोही के गोपीगंज कोतवाली में गैंग रेप केस दर्ज कराया था। हालांकि, रेप की ये वारदात साल 2014 की है। पीड़िता के आरोप के मुताबिक पूर्व विधायक विजय मिश्रा ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए उसे घर बुलाया था। विजय मिश्रा ने अपनी बेटी और समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार सीमा मिश्रा के चुनाव प्रचार के लिए गायिका को बुलाया था। पीड़िता के मुताबिक इस दौरान विजय मिश्रा ने चेंजिंग रूम में रेप किया। साथ ही उसके बेटे विष्णु मिश्रा और नाती विकास मिश्रा ने भी रेप किया। लेकिन, विजय मिश्रा के बाहुबल के खौफ के चलते पीड़िता चुप रही। इस मामले में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने 3 नवंबर 2023 को विजय मिश्रा को रेप का दोषी माना। वहीं, विजय मिश्रा के बेटे और नाती को सबूत के अभाव में बरी कर दिया। इसके बाद 5 नवंबर 2023 को उसे सजा सुनाई गई। सजा सुनाई जाने के बाद उसे वज्र वाहन से आगरा जेल भेजा गया।
ज्ञानपुर से 4 बार विधायक रहा विजय मिश्रा
ज्ञानपुर विधानसभा सीट से 4 बार विधायक रह चुके विजय मिश्रा को राजनीति में पू्र्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता था। साल 2002 में वो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बना था, जिसके बाद वो लगातार 2017 तक समाजवादी पार्टी के ही टिकट पर चुनाव जीतकर 3 बार विधायक रहा। साल 2017 में जब समाजवादी पार्टी ने उसे टिकट नहीं दिया तो उसने निषाद पार्टी का दामन थामा और एक बार फिर विधानसभा चुनाव में उसकी जीत हुई। इसके बाद जब साल 2022 के विधानसभा चुनाव में सलाखों के पीछे रह रहे विजय मिश्रा को निषाद पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वो प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन उसकी हार हुई। साथ ही बता दें कि साल 2002 में पहली बार विधायक बनने से पहले विजय मिश्रा ने भदोही के डीघ ब्लॉक में खुद को सियासी तौर पर सक्रिय किया था।
2019 से ज्यादा बढ़ी विजय मिश्रा की परेशानी
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद विजय मिश्रा की परेशानी शुरू हुई। उसके ही एक रिश्तेदार की संपत्ति हड़पने के मुकदमे में शासन सख्त हुआ तो वो फरार हो गया। इसके बाद स्पेशन टॉस्क फोर्स (STF) ने उसे मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, अपने सियासी सफर के दौरान पहले भी वो कई बार जेल जा चुका है और फरार भी रह चुका है। साल 2012 में जब स्पेशल टॉस्क फोर्स (STF) ने दिल्ली से उसे गिरफ्तार किया तो वो साधु के वेश में था, जो कि काफी चर्चा का विषय बना था।
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