LUCKKNOW ZONE BUREAU: लखनऊ में पुलिस हिरासत में व्यापारी मोहित पांडेय की पुलिस हिरासत में मौत का मामला सामने आया है। चचेरे भाई से पैसों के विवाद के चलते मारपीट की सूचना पर शुक्रवार रात (25 अक्टूबर 2024) करीब 9:30 बजे चिनहट थाना पुलिस मोहित को थाने लेकर गई थी। रात भर मोहित को थाने में रखा। लॉकअप में उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। शनिवार दोपहर में लोहिया अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने हवालात में मोहित की पिटाई की, जिससे उनकी मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि चिनहट थाने इलाके के नई बस्ती जैनाबाद के रहने वाले 32 साल के व्यापारी मोहित पांडेय का शुक्रवार को सप्लाई काे काम से जुड़े और गोंडा के रहने वाले आदेश से विवाद हो गया था। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। शिकायत पर पुलिस पुलिस मोहित और आदेश को चिनहट थाने ले गई थी। पुलिस ने दोनों का शांतिभंग में चालान कर दिया था। शनिवार दोपहर ( 25 अक्टूबर 2033 हवालात में मोहित की तबीयत बिगड़ी और अस्पताल पहुंचते ही उनकी मौत हो गई थी।
मां तपेश्वरी का आरोप है कि आदेश के कहने पर चिनहट पुलिस ने मोहित को रात भर प्रताड़ित किया। उनके मुताबिक आदेश ने किसी व्यक्ति से मोहित की पिटाई करने के लिए पुलिस कर्मियों को फोन करवाया था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने मोहित को जमकर पीटा, जिससे उनकी जान चली गई। इस मामले में उनकी मां तपेश्वरी ने आदेश, उसके चाचा, चिनहट थाने के इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है।
वही, मोहित को थाने ले जाने की जानकारी मिलने पर उनके बड़े भाई शोभाराम चिनहट कोतवाली पहुंचे थे। शोभाराम का कहना है कि उन्होंने पुलिसकर्मियों से भाई को छोड़ने की गुहार लगाई। मोहित की मां तपेश्वरी ने बताया कि शोभाराम को पुलिस ने ये कहते हुए लॉकअप में डाल दिया कि तुम नेता बन रहे हो। इसके बाद शोभाराम को भी शांति भंग की धारा में हिरासत में ले लिया।
लॉकअप में मोहित के साथ बंद उसके भाई शोभाराम ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि भाई को लॉकअप में टॉर्चर किया गया। उसे पीटा गया। तबीयत खराब होने के बाद भी उसे अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। मामले में मोहित की मां की तहरीर पर चिनहट थाना इंस्पेक्टर और चचेरे भाई आदेश सहित कई लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस मामले में पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह सेंगर ने चिनहट थाने के इंस्पेक्टरअश्वनी कुमार चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया है। । उनकी जगह पर गाजीपुर थाने में तैनात दरोगा भरत कुमार पाठक को नया थानाध्यक्ष बनाया गया है। साथ ही पीड़ित परिवार की सीएम योगी से मुलाकात के बाद 2 और इंस्पेक्टर को चिनहट थाने से हटा दिया गया है। चिनहट थाने में तैनात और पुलिस वालों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। इसके अलावा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज की गई है। अधिवक्ता गजेंद्र सिंह यादव ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की है।
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम रविवार (27 अक्टूबर 2024) को डॉक्टर्स के पैनल से कराया गया। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी की गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका। डॉक्टरों ने हृदय और विसरा सुरक्षित रखा है। मामले की विवेचना इंस्पेक्टर गोमतीनगर विस्तार सुधीर अवस्थी को दी गई है। रविवार को चिनहट थाने पहुंचने के बाद उन्होंने जांच शुरू कर ददी है। डीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि फोरेंसिक जांच के लिए कुछ घंटे के लिए चिनहट थाने की हवालात को सील किया गया था। मौके पर पहुंची फॉरेंसिंक टीम की जांच के बाद हवालात को खोल दिया गया है। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मोहित के सिर, हाथ, कमर और पीठ पर चोट के निशान मिलने के सवाल परडीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने कहा कि ये निशान थाने आने से पहले हुई मारपीट के हैं।
वहीं, इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़ित परिवार से मिलकर 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी। साथ ही बच्चों को शिक्षा फ्री और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने का आश्वासन दिया है। इससे पहले विरोध-प्रदर्शन के दौरान बीकेटी से भाजपा विधायक योगेश शुक्ला और सभासद शैलेंद्र वर्मा मोहित के घर पहुंचे थे। विधायक योगेश शुक्ला ने मोहित की मां को एक लाख रुपये की मदद दी और परिजनों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान मोहित पांडेय की पत्नी सुषमा भाजपा विधायक पर बिफर पड़ी थी। उन्होंने आक्रोश भरे लहजे में कहा- ”मेरा सुहाग उजड़ गया… अब ये कागज के टुकड़े मेरे किस काम के।” सुषमा ने ये कहते हुए विधायक योगेश शुक्ला के दिए रुपये मोहित के शव पर रख दिए थे। विधायक योगेश शुक्ला विरोध-प्रदर्शन के दौरान यहां पहुंचे थे।
इससे पहले पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाया और शव घर भिजवा दिया। शाम को पुलिस की मौजूदगी में भैंसाकुंड में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान परिजनों ने एक करोड़ रुपये मुआवजे, मोहित की पत्नी को सरकारी नौकरी और आरोपी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
पहले भी हुआ था चचेरे भाईयों में विवाद
मोहित टाई बेल्ट बनाकर बेचता था। मोहित के यहां गोंडा का रहने वाला आदेश टाई की सप्लाई का काम करता था। चचेरे भाई ऋषि पांडेय ने बताया कि आदेश आए दिन मोहित के घर से रुपये निकाल लेता था। इसको लेकर पहले भी कई बार विवाद हुआ था। शुक्रवार को आदेश फिर से मोहित के घर आया था। मोहित ने आदेश को काम से हटाने की बात कही। इस पर दोनों में विवाद हो गया। दोनों में हाथापाई भी हो गई। आदेश ने पुलिस को घटना की सूचना दी। रात 9:30 बजे चिनहट पुलिस मोहित के घर पहुंची और उन्हें उठा ले गई।
पहले भी पुलिस अभिरक्षा में हुई है मौत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस अभिरक्षा में पहले भी लोगों की जान गई है। हाल ही में विकासनगर पुलिस की हिरासत में अमन गौतम की मौत हो गई थी। इस मामले में भी काफी हंगामा हुआ था। वहीं, 3 जुलाई 2020 को गोमतीनगर विस्तार थाने में सीतापुर निवासी उमेश की मौत हो गई थी। इससे पहले साल 2013 में हसनगंज पुलिस की हिरासत में वीरेंद्र मिश्र की जान चली गई थी।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-
BULANDSHAHR NEWS: बुलंदशहर में बड़ा हादसा.. ऑक्सीजन सिलेंडर फटने गिरा मकान, 6 की मौत
BAHRAICH VIOLENCE CASE: बहराइच हिंसा मामले में अब तक 12 मुकदमे और 50 गिरफ्तारियां, हटाए गए CO