HIGHLIGHTS NEWS NETWORK: उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार शाम (9 अक्टूबर की शाम) मुंबई में निधन हो गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन टाटा काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें 7 अक्टूबर 2024 को ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट के कारण अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके स्वास्थ्य में पहले सुधार होने की सूचना मिली थी, लेकिन बाद में हालत बिगड़ने से उनका निधन हो गया।
रतन टाट के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत देश की तमाम हस्तियों ने शोक जताया है। राजनीति, उद्योग, फिल्म और खेल जगत की कई हस्तियों ने उनके निधक पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि दी और देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। उनके निधन पर महाराष्ट्र और झारखंड में राजकीय शोक घोषित किया गया है। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
रतन टाटा केअंतिम दर्शन के लिए मुंबई के NCPA लॉन में जनसैलाबउमड़ पड़ा है। बता दें कि पद्म विभूषण के सम्मानित रतन टाटा जी ने टाटा ग्रुप को 30 साल तक लीड किया। वो टाटा संस के चेयरमैन भी रहे। रतन टाटा ट्रस्ट के भी हेड थे। अपने निधन के पहले तक वो देश के इस सबसे बड़े कारोबारी ट्रस्ट टाटा संस के मानद चेयरमैन रहे।
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अपने एक बयान में कहा- ”बहुत दुख के साथ हम श्री रतन नवल टाटा जी को विदाई देते हैं। वह एक महान नेता थे। उन्होंने टाटा ग्रुप को ही नहीं बल्कि हमारे देश को भी आकार दिया। टाटा ग्रुप के लिए श्री टाटा सिर्फ एक चेयरपर्सन से बढ़कर थे। मेरे लिए, वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। रतन टाटा जी अब हमारे बीच नहीं रहे। लेकिन उनके विचार और मूल्य हमेशा जीवित रहेंगे।”
रतन टाटा के अंतिम दर्शन के लिए दिल्ली से मुंबई रवाना होते वक्त अमित शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रतन टाटा सच्चे राष्ट्रभक्त थे। मेरा उनसे बहुत खास नाता रहा है. उन्होंने टाटा समूह को उस लेवल पर संभाला जब वो इतना ऊंचा नहीं था। साथ ही उन्होंने अपने ट्रस्ट से भारत के लिए बहुत कुछ किया। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
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