LUCKNOW ZONE BUREAU: देश के कई राज्यों की तरह अब उत्तर प्रदेश में भी इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले सियासी समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं। जहां एक ओर सोमवार को राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी ने NDA में शामिल होने का एलान कर दिया। वहीं, मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया। इन बदलावों से बहुत पहले ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ( सुभासपा) भी सपा से नाता तोड़कर NDA में शामिल हो चुकी है।
ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में राजनीति का एक नया दौर शुरू हो रहा है, जिसका असर सभी जगहों पर देखने को मिल सकता है। खास तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में BJP और RLD के एक साथ होने से सियासी बिसात ही पूरी तरह बदल जाएगी। माना जा रहा है कि इसका फायदा कहीं ना कहीं NDA को होगा।
एक भी विधायक इस फैसले से नाराज नहीं- जयंत चौधरी
राष्ट्रीय लोकदल प्रमुख जयंत चौधरी का NDA में शामिल होना कई दिनों से तय माना रहा था, लेकिन आधिकारिक पुष्टि का इंतजार था और ये आधिकारिक पुष्टि सोमवार को हुई। दिल्ली में अपने पिता चौधरी अजित सिंह की जयंती पर उनको श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत की। NDA में शामिल होने के ऐलान पर जयंत चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी का एक भी विधायक इस फैसले से नाराज नहीं है। उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी विधायकों से सलाह की गई थी और कार्यकर्ताओं से भी बातचीत करके फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर पहले से कोई योजना नहीं थी, लेकिन बहुत कम समय में परिस्थितियों के कारण ये फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि अपने लोगों और देश के लोगों के लिए हम कुछ अच्छा करना चाहते हैं। इसलिए भी ये फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया गया। वो मेरे परिवार और दल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानो और नौजवानों का सम्मान है। बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव को सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ देने का एलान किया था। साथ ही वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने का एलान किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘X’ हैंडल के जरिए इसका एलान किया था, जिसके बाद चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी ने अपने ‘X’ हैंडल के जरिए लिखा कि दिल जी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने भेदभाव का आरोप लगाते हुए दिया इस्तीफा
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा नेतृत्व पर अपने बयानों को लेकर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दिया है। पूर्व कैबिनेट मंत्री व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर दलितों और पिछड़ों को उचित भागीदारी नहीं देने सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, माना ये भी जा रहा है कि वो राज्यसभा के टिकट वितरण को लेकर नाराज चल रहे हैं। उनके इस्तीफे को सपा नेतृत्व पर दबाव की राजनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे गए त्याग-पत्र में उन्होंने कहा है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया सहित सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था। लेकिन, समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का पर्चा और सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक उसे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजे त्यागपत्र में उन्होंने कहा है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर और डॉ. राममनोहर लोहिया समेत सामाजिक न्याय के पक्षधर महापुरुषों ने 85 बनाम 15 का नारा दिया था। लेकिन, समाजवादी पार्टी इस नारे को लगातार निष्प्रभावी कर रही है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों का पर्चा और सिंबल दाखिल होने के बाद अचानक उम्मीदवारों को बदला गया। इसके बावजूद वो पार्टी का जनाधार बढ़ाने में सफल रहे। विधानसभा में पार्टी को 45 से 110 पर पहुंचा दिया।
UP HIGHLIGHTS की ये ख़बरें भी पढ़िए –