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HIGHLIGHTS NEWS NETWORK : हाल ही में सामने आए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साल 2022 के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश देश में महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले में आठवें नंबर पर है। यहां साइबर अपराध के मामले भी पहले के मुकाबले ज्यादा दर्ज किए गए हैं, वहीं पर्यावरण संबंधी अपराधों में कमी आई है। इस लिंक पर क्लिक करके NCRB के साल 2022 के आंकड़े समझे जा सकते हैं।
NCRB के मुताबिक उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराध का आंकड़ा बढ़ा है। महिलाओं के साथ हुए अपराध में ब्लैकमेलिंग, दहेज हत्या, बच्चियों से दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और साइबर अपराध जैसे मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश में साल 2020 में महिला अपराध के 49, 385 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, साल 2021 में 56,083 मामले में दर्ज हुए और फिर साल 2022 में 65,743 मामले दर्ज हुए।
उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध के मामले भी पहले के मुकाबले ज्यादा दर्ज किए गए हैं। साइबर अपराध के साल 2020 में 11,097, साल 2021 में 8,829 और साल 2022 में 10,117 मामले दर्ज हुए हैं। साइबर अपराध के 45.3 फीसदी मामलों में ही कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल हुआ है।
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक साइबर अपराध के साथ ही यौन शोषण के मामले दर्ज करने में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है और उत्तर प्रदेश आठवें नंबर पर है। साल 2022 के दौरान महाराष्ट्र में ऐसे 787 मामले दर्ज हुए और उत्तर प्रदेश में 542 मामले दर्ज हुए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में साइबर अपराध से जुड़े 108 मामलों में वजह गुस्सा, 37 मामलों में वजह आपसी रंजिश, 57 मामलों में वजह राजनीतिक और 13 मामलों में वजह देश के प्रति नफरत रही है।
साइबर अपराध के 4,506 मामलों में धोखाधड़ी, 1,250 मामलों में वसूली, 883 मामलों में छवि धूमिल करना मकसद था। इसके अलावा 58 मामले में वजह प्रैंक (मजाक) करने की वजह से अंजाम दिए गए थे। साल 2022 के दौरान उत्तर प्रदेश में पोर्नोग्राफी के 450 मामले भी दर्ज हुए। साइबर अपराध से जुड़े इन मामलों में साल 2022 में 7,122 आरपियों की गिरफ्तार हुई थी।
UP में पर्यावरण संबंधी अपराधों में आई कमी
उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संबंधी अपराधों में लगातार कमी दर्ज की गई है। साल 2020 में पर्यावरण संबंधी अपराध के 2,981 मामले दर्ज किए गए थे। इस के बाद साल 2021 में 1,573 और साल 2022 में 1,486 मामले दर्ज किए गए। इसमें वन्य संरक्षण अधिनियम के तहत 1,201, वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के 120, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के 103, वायु एवं जल प्रदूषण के 6, सिगरेट एवं तंबाकू उत्पादों से संबंधित 55 और ध्वनि प्रदूषण का 1 मामला दर्ज हुआ है। पुलिस ने कोर्ट में इनमें से 96.2 फीसदी मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया है।