AGRA-MATHURA ZONE BUREAU: हाथरस के हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त डीजी भवेश कुमार सिंह को सदस्य बनाया गया है। आयोग 2 महीने में अपनी जांच पूरी करने के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट देगा।
राज्य सरकार ने राज्यपाल की सहमति से न्यायिक आयोग का गठन करते हुए 5 बिंदुओं पर रिपोर्ट देने को कहा है। इसमें कार्यक्रम के आयोजकों की ओर से जिला प्रशासन से मिली अनुमति और उसकी शर्तों के अनुपालन की जांच करना भी शामिल है। साथ ही इस बात की भी जांच होगी कि ये हादसा कोई हादसा है या कोई षडयंत्र या अन्य कोई सुनियोजित आपराधिक घटना। जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से कार्यक्रम के दौरान आई भीड़ का नियंत्रण और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए प्रबंध और उससे संबंधित अन्य पहलुओं की जांच भी होनी है। इसके अलावा घटना के कारणों और परिस्थितियों का परीक्षण और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने सुझाव भी दिए डाएगे है। अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि न्यायिक आयोग अपनी जांच रिपोर्ट 2 माह में सौंपेगा। इसकी अवधि में कोई परिवर्तन राज्य सरकार के आदेश पर किया जा सकेगा।
वहीं, बुधवार को हाथरस में घटना स्थल का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हाथरस कांड जैसी घटनाएं भविष्य में नE हों, इसके लिए राज्य सरकार मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) बनाएगी। उन्होंने कहा कि घटना के सभी पहलुओं को देखते हुए सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने के साथ ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए SOP बनाने का निर्णय लिया है।
अन्य राज्यों के मृतकों के परिजनों को भी मिलेगा मुआवजा
हादसे में उत्तर प्रदेश के 17 जिलों से आए श्रद्धालुओं की भी मौत हुई है। मारे गए श्रद्धालुओं में मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के श्रद्धालु भी शामिल हैं। दूसरे प्रदेश के मृतकों के परिजनों को भी योगी सरकार मुआवजा देगी। जिला प्रशासन से जारी मृतकों की सूची में 6 अन्य राज्यों से है। इनमें मध्य प्रदेश के ग्वालियर से एक, हरियाणा के पलवल से एक और फरीदाबाद से 3 और राजस्थान के डींग से 1 श्रद्धालु शामिल है। हादसे में 112 महिलाओं, 2 पुरूषो, 6 बच्चों और 1 बच्ची की मौत हुई है।
भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि का रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस
पुलिस भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध साकार विश्व हरि यानी सूरजपाल जाटव का पुराना रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस के रिकॉर्ड में उसका नाम सूरजपाल जाटव ही दर्ज है। अब तक की जांच में सामने आया है कि उसने इटावा से पुलिस की नौकरी की शुरुआत की थी। इसके बाद आगरा में तैनात हो गया था। वो वर्दी में ही सत्संग करने लगा था, जिसकी शिकायत पर पुलिस विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी। इसके बाद साल 1999 में उसने पुलिस की नौकरी छोड़ दी। बताया ये भी जा रहा है कि इससे पहले इटावा और फर्रुखाबाद सहित कई जिलों में हुए सत्संग के दौरान भी अनुमति से अधिक लोग इकट्ठे हो गए थे। औषधि और चमत्कारिक उपचार अधिनियम के तहत उसे साल 2000 में आगरा के शाहगंज थाना इलाके में गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में उसके साथ 7 लोग गिरफ्तार हुए थे, लेकिन सबूतों के अभाव में कोर्ट से सभी को बरी कर दिया गया था। इसके अलावा छेड़खानी के एक मामले में उसके जेल जाने की भी चर्चा है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें और लेख भी पढ़िए-