HIGHLIGHTS EDITORIAL DESK: आज से 2 दिनों बाद यानी 29 अक्टूबर से खुशहाली और सुख-समृद्धि के महापर्व ‘दीपावली’ की शुरुआत होनी जा रही है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 5 दिनों तक जारी रहने वाले इस महापर्व की शुरुआत धनतरेस से होती है। इसके बाद नरक चतुर्दशी और फिर दीपावली का मुख्य दिन होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से 1 नवंबर को 6 बजकर 16 मिनट तक है। इस साल दीपावली मनाने को लेकर विद्वानों के बीच अलग-अलग राय है। ऐसे में इस साल कुछ लोग 31 अक्टूबर को और कुछ लोग 1 नवंबर को दीपावली पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे। दीपावली के त्योहार के दौरान चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दूज मनाया जाता है। इस महापर्व के मूल में भगवान श्रीराम की घर वापसी का प्रसंग है। बताया जा रता है कि जब भगवान राम ने 14 साल के वनवास और रावण का वध करके लंका से अयोध्या लौटे तो अयोध्यावासियों ने नगर को दीपों से सजाकर उनका स्वागत किया। इसके साथ ही ये पर्व धन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाने वाली मां लक्ष्मी की पूजा का भी पर्व है।
दीपावली के महापर्व में विशेष धार्मिक अनुष्ठानों के साथ ही भारतीय समाज की सामूहिक भावना और सांस्कृतिक समृद्धि शामिल होती है। ये महापर्व हमें उस आध्यात्मिक और सामाजिक समन्वय की याद दिलाता है, जो हमें अपने भीतर की बुराइयों को समाप्त कर अच्छाई को अपनाने की प्रेरणा देता है। भारत में बेहद उत्साह के साथ मनाए जाने वाले दीपावली के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत, अंधकार पर प्रकाश की विजय और अज्ञानता पर ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। दीपावली के इस महोत्सव का सामाजिक जीवन पर गहरा असर पड़ता है। आर्थिक, सामाजिक या धार्मिक भिन्नताओं के बावजूद हमें एक साथ मिलकर खुशियां मनानी चाहिए। बीते कुछ साल के दौरान पटाखों से होने वाले ध्वनि और वायु प्रदूषण के चलतेकई लोगों की स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती है। इसलिए पटाखों का न्यूनतम प्रयोग करना ही उचित होता है। वहीं, ‘हरित दीपावली” के विचार के तहत कई परिवार अब केवल मिट्टी के मिट्टी के दीपक जलाकर और सजावट के जरिए ही उत्सव मनाते हैं। ये हमारी संस्कृति और पर्यावरण दोनों के लिए हितकारी होता है।
दीपावली के पर्व को बेहतर तरीके से मनाए जाने के लिए उत्तर प्रदेश के हर शहर में लोग खास तैयारी करते नज़र आ रहे हैं। वहीं, अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के बाद भगवान के ऱाघव स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली दीपावली मनाई जएगी है। ऐसे में अयोध्या में इस साल पहले से भी ज्याादा भव्य और दिव्य दीपोत्सव मनाने की तैयारियां की जा रही है। इस बार 30 अक्टूबर को अयोध्या धाम में सरयू नदी के 55 घाटों पर 25 लाख से ज्यादा दीपक जलाकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड मनाते हुए दीपोत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है।
दीपावली का महापर्व हमें कई तरह की शिक्षा और प्रेरणा भी देता है। जिस तरह एक दीपक अंधकार को दूर कर देता है, वैसे ही हमारी सकारात्मक सोच और सत्कर्म हमें जीवन की हर चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाती हैं। हमें इस पर्व के जरिए अपने अंदर छिपे अंधकार (जैसे- ईर्ष्या, क्रोध औ घृणा आदि) को दूर करके आत्मज्ञान के प्रकाश में आगे बढ़ना चाहिए। दीपावली का महापर्व हमें हर तरह के नकारात्मक विचारों और कार्यों से दूर रखकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का भी स्मरण कराता है। हमें इस महापर्व पर अपने विचारों को सकारात्मक बनाने के साथ ही ऐसे काम करने चाहिए, जो समाज और देश की उन्नति में सहायक हों। उत्तर प्रदेश हाईलाइट्स की पूरी टीम की ओर से आप सभी को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-