PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: पूरे महाकुंभ नगर में इन दिनों निरंजनी अखाड़े से जुड़ी 30 साल की हर्षा रिछारिया की खूब चर्चा हो रही है। पेशवाई के दौरान उनके रथ पर बैठाने को लेकर कई तरह के बयान सामने आ रहे हैं। सोशल मीडिया में उनके साध्वी होने के सवाल और विश्व की सबसे सुंदर संत होने को लेकर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। साथ ही टेलिविजन और प्रिंट मीडिया की सुर्खियों में भी हो छाईं हुई हैं।

कई मीडिया संस्थानों के पत्रकार उनसे उनके मॉडल से संत होने होने की चर्चा को लेकर खास बातचीत करना चाहते हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश हाईलाइट्स के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ संदीप श्रीवास्तव के साथ डिप्टी मैनेजर और स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट अमित राज आनंद ने निरंजानी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज की शिष्या हर्षा रिछारिया के साथ महाकुंभ की शुरुआत से पहले ही 19 दिसंबर 2024 को एक्सक्लूसिव बातचीत की थी।
हर्षा रिछारिया से बातचीत का शुरुआती अंश
उत्तर प्रदेश हाईलाइट्स के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ संदीप श्रीवास्तव महाकुंभ को लेकर उनके उत्साह और कई बातों को लेकर हर्षा रिछारिया से खास बातचीत की थी। इस दौरान हर्षा रिछारिया ने कई मसलों पर अपना पक्ष रखा था। मॉडल से संत बन चुकी हर्षा कछारिया ने सनातन संस्कृति की बात करते हुए कई ऐसे सवालों पर भी जवाब दिया था, जो पिछले दिनों सुर्खियों में थे। लेकिन, अब खुद हर्षा रिछारिया सुर्खियों में हैं। उनसे उनके साध्वी होने को लेकर सवाल पूछा जा रहा है, जिस पर वो स्पष्ठ तौर पर कह चुकी हैं। उनका कहना है कि वो साध्वी नहीं हैं। साथ ही बताया कि मंत्र दीक्षा लेकर वो युवा संत हैं।
हर्षा रिछारिया के दो टूक बयान के बावजूद कई मीडिया संस्थान उन पर सवाल उठा रहे हैं। कई संतों ने भी उनको लेकर बयान दिए हैं। संतों के साथ रथ पर बैठने को लेकर काली सेना के प्रमुख स्वामी आनंद स्वरूप ने उनके आचरण पर आपत्ति जताते हुए कहा कि कुंभ का आयोजन ज्ञान और आध्यात्मिकता फैलाने के लिए किया जाता है।इसे मॉडलों द्वारा प्रचार कार्यक्रम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने कहा है कि ये बिल्कुल लेभी उचित नहीं है। इससे समाज में गलत संदेश फैलता है। धर्म को प्रदर्शन का हिस्सा बनाना खतरनाक है। साधु-संतों को इससे बचना चाहिए, नहीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। वहीं, एक फेसबुक पोस्ट में स्वामी आनंद स्वरूप ने बताया कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी जी के साथ निरंजनी अखाड़े में ‘भोजन प्रसाद’ के दौरान मैंने कहा कि कुंभ का आयोजन मॉडल दिखाने के लिए नहीं किया जाता है। कुंभ ‘जप’ (जाप), ‘तप’ (तप) और ‘ज्ञान’ (ज्ञान) के प्रवाह के लिए है। इसीलिए कृपया इस अनुचित कृत्य के खिलाफ कार्रवाई करें।
हालांकि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने इस मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि भगवा कपड़े पहनना कोई अपराध नहीं है और युवती ने निरंजनी अखाड़े के एक महामंडलेश्वर से ‘मंत्र दीक्षा’ ली थी। महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि वो मॉडल हैं और सोशल मीडिया पर छाई रहती हैं। उन्होंने रामनामी कपड़ा पहना हुआ था। हमारी परंपरा है कि जब भी सनातन का कोई कार्यक्रम होता है तो हमारे युवा भगवा कपड़े पहनते हैं। यह कोई अपराध नहीं है।
बता दें कि हर्षा रिछारिया मॉडल होने के साथ ही सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर भी रही हैं। वो लगातार सनातन संस्कृति की पताका फहराती रही हैं। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक मिलियन से ज्यादा फॉलोवर्स हैं।
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