HIGHLIGHTS NEWS DESK: उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश और दुनिया के कई हिस्सों में 5 दिनों तक चलते वाले दीपावली महापर्व की धूम है। शुक्रवार को धनतेरस पर देश के सभी बाजारों में जबरदस्त रौनक रही। लोंगों ने इस दौरान जमकर खरीददारी की और खुदरा बाजार का व्यापार 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हो गया। साथ ही धनतेरस पर पिछले साल की तुलना में इस साल का कुल कारोबार 40 फीसदी से ज्यादा का हुआ।
धनतेरस पर लोगों ने अपनी मान्यताओं के अनुसार पूजन भी किया, वहीं अब समय रूप चतुर्दशी का है। इसे नरक चतुर्दश और छोटी दीपावली भी कहा जाता है। रूप चतुर्दश का समय रविवार सुबह तक रहेगा और इसके बाद शाम को सूर्यास्त के बाद दीपावाली मनाई जाएगी। पूरे देश में दीपावली पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही लोग अपने घरों को दिए और रंगबिरंगी लाइट से सजाते हैं। गणेश-लक्ष्मी पूजन के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और फिर अगले दिन भैया दूज मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को दीपावली मनाई जाती है। 12 नवंबर यानी रविवार को दोपहर ढाई बजे के बाद कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि शुरू होगी और ये 13 नवंबर को दोपहर 3 बजे तक ही रहेगी। दीपावली पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजन का विशेष महत्व होता है। इसके लिए प्रदोष काल का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस साल प्रदोष काल शाम 05:29 बजे से रात 08:07 तक रहेगा और वृषभ काल शाम 05:40 बजे से 07:36 बजे तक रहेगा। ऐसे में भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 05:40 बजे से 07:36 बजे तक 1 घंटे 54 मिनट तक बताया जा रहा है ।
वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली बहुत ही खास रहेगी। दरअसल, कई दशक बाद दीपावली पर एक साथ कई शुभ योग और राजयोग का निर्माण हो रहा है। इस साल दीपावली 8 शुभ योगों में मनाई जाएगी। वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक इस साल दीपावली की शाम 5 राजयोगों (गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा) का निर्माण होगा। इन राजयोगों का निर्माण शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु ग्रह स्थितियों के कारण बन रहा है। कई साल बाद दीपावली पर शनि अपनी खुद की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का भी निर्माण करेंगे। साथ ही आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बन रहा है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक दीपावली पर इस तरह का शुभ योग कई दशकों के बाद बना है। इस शुभ योग में दीपावली सभी को सुख और समृद्धि देने वाली है।
महानिशीथ काल में पूजा और चौघड़िया पूजा का मुहूर्त
दीपावली के दिन महानिशीथ काल में पूजा का मुहूर्त रात 11:39 बजे से रात 12:31 तक करीब 52 मिनट तक रहेगा। इस दौरान सिंह काल रात 12:12 से 02:30 तक होगा। वहीं, दीपावली पर चौघड़िया पूजा के 4 मुहूर्त हैं। अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ) दोपहर 01:26 बजे से दोपहर 02:47 बजे तक, सायंकाल मुहूर्त्त (शुभ, अमृत, चल) शाम :29 से रात 10:26 तक, रात्रि मुहूर्त्त (लाभ) रात 01:44 से रात 03:23 तक और उषाकाल मुहूर्त्त (शुभ) सुबह 05:02 से सुबह 06:41 तक रहेगा।
इस साल 5 राजयोग, मिलेगा मान-सम्मान और लाभ
इस साल दीपावली पर एक साथ 5 राजयोग (गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा) बना है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गजकेसरी योग को बहुत ही शुभ माना जाता है। ये योग मान-सम्मान और लाभ देने वाला साबित होता है। हर्ष योग धन में वृद्धि और यश दिलाता है। काहल, उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता और शांति दिलाता है। कई साल बाद दीपावली पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी देखने को मिलेगा। इस दौरान शनि अपनी खुद की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण करेंगे।
खुदरा बाजारों में 50 हजार करोड़ रुपये का कारोबार
शुक्रवार को धनतेरस के दिन देशभर के खुदरा बाजारों में जबरदस्त भीड़ देखने को मिली। लोगों ने बाजारों में सोने-चांदी के अलावा वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, बर्तन और कई अन्य सामनों की भी खूब खरीददारी की। बताया जा रहा है कि धनतेरस पर पिछले साल की तुलना में इस साल 40 फीसदी से ज्यादा का कारोबार हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के मुताबिक धनतेरस पर देशभर के खुदरा बाजारों में 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ। वहीं, पिछले धनतेरस पर 35 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था।
धनतेरस पर बढ़े सोने-चांदी के दाम, फिर भी खूब बिक्री
धनतेरस पर सोने-चांदी के दाम में भी काफी उछाल आया । सोने का दाम जहां 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम से ज्यादा हो गया, वहीं चांदी का दाम भी 70 हजार रुपये प्रति किलो से ज्यादा का रहा। इस दौरान करीब 40 टन सोने की बिक्री हुई है, जिसमें दक्षिण भारत की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा रही। धनतेरस पर सोने की कुल ब्रिकी में दक्षिण भारत का हिस्सा करीब 60 फीसदी, पश्चिम भारत का हिस्सा करीब 20 फीसदी सोने और उत्तर भारत का हिस्सा करीब 10 और पूर्वी भारत का हिस्सा करीब 5 फीसदी रहा। धनतेरस के दिन वाहनों की करीब 5 हजार करोड़ रुपये के वाहन, करीब 3 हजार रुपये के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, करीब 1 हजार करोड़ रुपये के बर्तन और करीब 300 करोड़ रुपये के पूजा के सामानों की बिक्री हुई है।