PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: प्रयागराज के धूमनगंज कोतवाली इलाके में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। यहां के राजरूपपुर में रहने वाली इलाहाबाद हाईकोर्ट की एक वकील ने एक लाख रुपये की ठगी की आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। पीड़िता की शिकायत पर धूमनगंज कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है।
पीड़िता के मुताबिक जालसाजों ने खुद को पुलिस और सीबीआई अधिकारी बताकर झांसा दिया कि उनकी आईडी से मलेशिया के कुआलालंपुर के लिए अवैध पार्सल बुक किया गया है। पीड़िता ने बताया कि 8 सितंबर को उनके मोबाइल पर एक अंजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने कहा कि वो नई दिल्ली कस्टम ऑफिस से बोल रहा है। साथ ही कहा कि आपकी आईडी और मोबाइल नंबर से मलेशिया कुआलालंपुर में वान गैंग नाम के व्यक्ति के पते पर 118 फर्जी पासपोर्ट, 148 ग्राम ड्रग्स और 14 एटीएम बुक किए गए हैं।
बातचीत के दौरान पीड़िता ने कहा कि वो प्रयागराज से बोल रही हैं तो आरोपी ने खुद को दिल्ली के वसंतकुंज पुलिस थाने से सुनील कुमार कहकर दूसरे जालसाज से बात कराई। उसने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल की। व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करके आरोपी अपना नाम संजय बताया और कहा कि आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग और ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में आया है। आपने मुंबई स्थित एचडीएफसी बैंक मैनेजर के साथ मिलकर ये अपराध किया है। इसके बाद सीबीआई चीफ अजीत श्रीवास्तव से बात कराने के लिए फोन ट्रांसफर कर दिया। सीबीआई चीफ के तौर पर बात कर रहे आरोपी ने निजी जानकारी लेते हुए कहा कि ये गोपनीय केस है, इसे किसी को ना बताएं। इसके बाद उनके एक लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए और कहा कि आरबीआई की तरफ से बैंक खाते का सत्यापन किया जाएगा।
डिजिटल अरेस्ट से ऐसे बचें
कोई खुद को पुलिस अधिकारी बताकर आपसे बात करें तो अलर्ट हो जाएं। इस तरह का फोन आने पर सबसे पहले नजदीकी थाने या फिर 1930 पर संपर्क करें वर्दी पहने व्यक्ति की व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आए तो समझिए फर्जी कॉल है। कॉल आने पर फौरन अपने जानकार या दोस्तों से इसके बारे में चर्चा करना चाहिए।
UP HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-