HIGHLIGHTS NEWS NETWORK : राज्यसभा के हालिया सत्र में एक घटना ने न केवल सदन का ध्यान खींचा, बल्कि समाज में महिलाओं की पहचान और स्वतंत्रता के मुद्दे को भी उजागर किया। प्रसिद्ध अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन ने अपने पति अमिताभ बच्चन के नाम के साथ संबोधित किए जाने पर दृढ़ता से अपनी असहमति जताई। यह घटना सोमवार को हुई जब उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने उन्हें बोलने के लिए आमंत्रित किया।
स्वतंत्र पहचान व्यक्तिगत महत्ता
जब हरिवंश ने “श्रीमती जया अमिताभ बच्चन जी” कहकर उन्हें पुकारा, तो जया बच्चन ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “सिर्फ जया बच्चन बोलते तो काफी होता।” यह छोटा सा वाक्य अपने आप में एक गहरा संदेश समेटे हुए था – एक ऐसा संदेश जो महिलाओं की स्वतंत्र पहचान और उनके व्यक्तिगत अस्तित्व की महत्ता को रेखांकित करता है।
उपसभापति पर नाराज हुई जया बच्चन
उपसभापति हरिवंश ने अपने बचाव में कहा कि उन्होंने वही नाम पुकारा जो फाइल में दर्ज था। लेकिन जया बच्चन इस से संतुष्ट नहीं हुईं। उन्होंने इस अवसर का उपयोग समाज में व्याप्त गहरे स्त्री-द्वेष पर प्रकाश डालने के लिए किया। उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने पति के नाम से जानी जाती है। उनका कोई अस्तित्व नहीं है।जया बच्चन के इस बयान ने एक ऐसे मुद्दे को छेड़ दिया जो भारतीय समाज में गहराई से जड़ें जमाए हुए है। यह प्रथा अक्सर महिलाओं को उनके पति या परिवार के पुरुष सदस्यों के संदर्भ में ही पहचानती है, उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों और पहचान को नजरअंदाज करते हुए।
जया बच्चन का परिचय
जया बच्चन ने 1973 में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन से शादी की थी और अपने करियर में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। वे न केवल एक सफल अभिनेत्री रही हैं, बल्कि एक सक्रिय राजनेता और समाज सेविका भी हैं। उनके दो बच्चे हैं – बेटा अभिषेक बच्चन और बेटी श्वेता बच्चन नंदा, जो अपने-अपने क्षेत्रों में सफल हैं।
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