HIGHLIGHTS NEWS NETWORK, BANDA: बांदा में मरौली बालू खदान खंड-5 में लगातार नियमों के खिलाफ जाकर अवैध खनन हो रहा है और इसकी तस्वीरें भी सामने आ रहीं हैं, लेकिन प्रशासन कोई लगाम नहीं लगा पा रहा है। ऐसा लग रहा है कि अधिकारियों ने मनमाने ढंग से खनन करने की छूट दे रखी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि यहां अवैध खनन पर शिकंजा कब कसेगा?
वहीं, मंगलवार को खान निरीक्षक ने नदी में अवैध रास्ता बनाने को लेकर शिल्पाही बालू खदान पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इस दौरान मीडिया में जो तस्वीरें सामने आई थी, उसमे साफ तौर पर देखआ गया कि प्रतिबंधित मशीनों से जलधारा में खनन किया जा रहा है, जो कि अवैध है। लेकिन, यहां के अधिकारियों को ना ही अवैध खनन दिखता है और ना ही अवैध मशीनें दिखती है। बताया जाता है कि ये मशीनें निर्धारित सीमा से कहीं ज्यादा गहराई तक खनन करती हैं।
मटौंध थाना इलाके में आने वाले मरौली बालू खदान में पहले भी गुंडई और माफिया राज के मामले सामने आ चुके हैं। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासन से भी की थी। वहीं इस खदान में अवैध खनन और अवैध परिवहन भी पकड़ा जा चुका है।
इसके बावजूद इस खदान के संचालकों ने प्रशासन में कुछ ऐसी सेटिंग बनाई है कि कार्रवाई ना होने पर खनिज निदेशक को खनिज अधिकारियों पर ही कार्रवाई करनी पड़ी। साथ ही जिलाधिकारी को स्थानीय कर्मचारियों और अधिकारियों की टीम बनानी पड़ी और 24 घंटे की ड्यूटी लगाई पड़ी।
आला अधिकारी भी यहां खदान संचालकों की सेटिंग का शिकार होते नजर आ रहे हैं। तभी तो यहां लगातार नियमों को धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं और प्रतिबंधित मशीनों से भारी मात्रा में खनन किया जा रहा है, जिससे नदी के अस्तित्व को गहरा आघात लग रहा है और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। वहीं, सरकारी राजस्व को भी भारी चूना लग रहा है। वहीं जिम्मेदार अपनी जेबें भरने में लगे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि जिलाधिकारी से लेकर अन्य आला अधिकारियों को ये माफिया राजस्व के नाम पर मिलीभगत से कब तक गुमराह करते रहेंगे।
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