LUCKNOW ZONE BUREAU: IPS प्रशांत कुमार उत्तर प्रदेश पुलिस के नए मुखिया ( पुलिस महानिदेशक) बनाए गए हैं। उन्होंने बुधवार शाम को कार्यवाहक DGP के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। उत्तर प्रदेश पुलिस में वो बीते करीब 3.5 साल से वो स्पेशल DG कानून व्यवस्था के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके पास EOW और स्टेट SIT की जिम्मेदारी भी रही है। कार्यवाहक DGP विजय कुमार के बुधवार को सेवानिवृत्त होने के बाद प्रशांत कुमार को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ये लगातार चौथी बार है, जब उत्तर प्रदेश में कार्यवाहक DGP की नियुक्ति हुई है। साल 1990 बैच के IPS अधिकारी प्रशांत कुमार 16 अधिकारियों को सुपरसीड करके कार्यवाहक DGP बने हैं। वो मुकुल गोयल, आनंद कुमार, शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, संजय एम. तरडे, एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव और सुभाष चंद्रा को सुपरसीड करके कार्यवाहक DGP बने हैं।
DGP बनाए जाने को लेकर प्रशांत कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और आभार जताया। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया साइट ‘X’ पर पोस्ट किया कि गौरवशाली उत्तरदायित्व के लिए वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विश्वास और आशीर्वाद के लिए अत्यंत आभारी हैं। यूपी पुलिस परिवार और प्रदेश के नागरिकों के साथ मिलकर विश्वास और सुरक्षा की नींव को मजबूत करते के लिए माफियाओं और अपराधियों का सफाया जारी रहेगा।
वहीं, उत्तर प्रदेश में लगातार चौथी कार्यवाहक DGP की नियुक्ति होने को लेक अखिलेश यादव ने अपने ‘X’ हैंडल के जरिए सवाल उठाया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए पोस्ट किया कि जनता पूछ रही है कि हर बार कार्यवाहक DGP बनाने का खेल दिल्ली-लखनऊ के झगड़े की वजह से हो रहा है या फिर अपराधियों के संग सत्ता की सांठगांठ के कारण।
साल 1994 से उत्तर प्रदेश के कैडर में हैं IPS प्रशांत कुमार
1990 बैच के IPS अधिकारी प्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। उन्होंने MBA, M.Sc. और M.Phil. किया है। साल 1990 में IPS अधिकारी बनने के बाद उन्हें सबसे पहले तमिलनाडु कैडर मिला था। इसके बाद 1994 में वो यूपी कैडर में शामिल हुए। बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 3 बार पुलिस मेडल मिल चुका है। साल 2020 और 2021 में उन्हें वीरता पुरस्कार मिला था। उन्हें अंतर्राज्यीय गैंगस्टर शिव शक्ति नायडू के एनकाउंटर के लिए पुलिस पदक प्रदान किया गया था। शिव शक्ति नायडू ने साल 2015 में दिल्ली के कार्ट परिसर में पुलिस कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके साथ ही IPS प्रशांत कुमार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अफसरों में शामिल माना जाता है और लोगों के बीच ‘सिंघम’ के नाम से भी मशहूर हैं। ADG मेरठ जोन रहने के दौरान उन्होंने कई अपराधियों का एनकाउंटर किया था, जिसके बाद उनको ADG कानून व्यवस्था बनाया गया था। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के 66 माफियाओं की सूची तैयार कर कानून का शिकंजा कसा। उनके नेतृत्व में एसटीएफ और जिलों की पुलिस ने एनकाउंटर करने का सिलसिला जारी रखा। वहीं, उनकी पत्नी डिंपल वर्मा रिटायर्ड IAS अधिकारी हैं और इन दिनों रेरा में सदस्य हैं।
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