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LUCKNOW ZONE BUREAU : आज से उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है। ये सत्र 1 दिसंबर 2023 तक चलेगा। साल 2023 में ये विधानमंडल का तीसरा और अठारहवीं विधानसभा का छठवां सत्र होगा। इस सत्र में योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी और अन्य विधायी कार्य किए जाएंगे।
शीतकालीन सत्र से विधानमंडल में कई अहम बदलाव भी लागू होने जा रहे हैं। दरअसल, शीतकालीन सत्र से ही विधानमंडल में 65 साल बाद नई नियमावली के तहत कार्यवाही होगी। इसी साल अगस्त में मानसून सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमावली 2023 को मंजूरी मिली थी। पिछले सत्र तक उत्तर प्रदेश विधानमसभा की प्रक्रिया और कार्य का संचालन साल 1958 में बनी नियमावली तहत होता था।
नई नियमावली के तहत सदस्यों को विधानमंडल का सत्र आहूत होने की कम से कम 7 दिन पहले नोटिस दी जाएगी। पिछले सत्र तक ये नोटिस 14 दिन पहले दी जाती थी। नई नियमावली के तहत प्रश्नकाल के दौरान 1 प्रश्न के साथ पूछे जाने वाले अनुपूरक प्रश्नों की संख्या को 2 तक सीमित कर दिया गया है। अभी तक इसके लिए कोई संख्या तय नहीं थी। अगर एक से ज्यादा प्रश्नकर्ता हैं तो वो भी 1-1 प्रश्न पूछ सकेंगे। अध्यक्ष 2 अतिरिक्त अनुपूरक प्रश्नों की अनुमति दे सकेंगे।
नई नियमावली के तहत ये भी व्यवस्था की गई है कि विधानसभा में प्रश्न पूछने या किसी नियम के तहत अपनी बात कहने के लिए अगर 1 से ज्यादा सदस्य उठेंगे और उनमें से एक महिला हो तो अध्यक्ष महिला सदस्य को वरीयता दे सकते हैं। विशेषाधिकार हनन या अवमानना की गलत सूचना देने पर शिकायतकर्ता से 20 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।
नई नियमावली के तहत नेशनल ई-विधान भी लागू होगा। इस प्रावधान के चलते सदस्यों की वर्चुअल उपस्थिति भी विधानमंडल में हो सकेगी यानी सदस्य अपने घर से ही सदन की कार्यवाही में वर्चुअल माध्यम के जरिए शामिल हो सकेंगे।
नई नियमावली के तहत सबसे खास बात ये भी होगी कि अब सदस्य अपने साथ सदन में मोबाइल फोन लेकर नहीं जा सकेंगे। ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि विधानमंडल की कार्यवाही के दौरान बने कई नेताओं के ऐसे वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो जाया करते थे, जिन्हें लेकर सवाल खड़े होते थे और विवाद की स्थिति बन जाया करती थी। ऐसे में नियमों में बदलाव किया गया है।
नई नियावली के तहत सदस्य सदन की कार्यवाही के दौरान झंडे, प्रतीक या इनके जैसी अन्य वस्तुओं का प्रदर्शन भी नहीं कर सकेंगे। साथ ही ऐसे साहित्य, प्रश्नावली, पुस्तिकाओं, प्रेस टिप्पणियों और पर्चों का वितरण भी नहीं कर सकेंगे, जिसका विधानमंडल की कार्यवाही से संबंध ना हो। सदस्य सदन में किसी दस्तावेज को नहीं फाड़ सकेंगे। जरूरी होगा तो वो पटल अधिकारियों को पर्चियां भेज सकेंगे, लेकिन अध्यक्ष पीठ के पास खुद नहीं जाएंगे।
बता दें कि इस इस साल विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर 2023 से 1 दिसंबर 2023 तक चलेगा। इस दौरान विपक्षी दलों ने कई मुद्दों पर योगी सरकार को घेरने की तैयारी की है। इसमें जातिगत जनगणना, कानून व्यवस्था, किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी, महंगाई जैसे खास तौर से शामिल हैं। इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के कई नेता लगातार सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। वहीं, शीतकालीन सत्र से पहले सोमवार दोपहर विधानभवन में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों के नेताओं से सदन की कार्यवाही के संचालन के दौरान सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही के निर्बाध संचालन के लिए सभी दलों के सहयोग से सदन में सकारात्मक वातावरण बनेगा।
28 नवंबर से 1 दिसंबर तक चलेगा विधानमंडल का शीतकालीन सत्र
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी 28 नवंबर 2023 को सदन के वर्तमान और पूर्व सदस्यों के निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा। दूसरे दिन यानी 29 नवंबर 2023 को सुबह सबसे पहले सदन में औपचारिक कार्य (अध्यादेशों, अधिसूचनाओं और नियमों आदि को सदन के पटल पर रखना) किए जाएंगे। साथ ही विधेयकों का पुन:स्थापन कार्य होगा। दोपहर 12:30 बजे के बाद वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक अनुदानों की मांगों का प्रस्तुतिकरण और अन्य विधायी कार्य किए जाएंगे। शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन यानी 30 नवंबर 2023 को वित्तीय वर्ष 2023-24 के अनुपूरक अनुदानों पर चर्चा होगी। सदस्यों की मांगों पर विचार और मतदान होगा। साथ ही विनियोग विधेयक का सदन की अनुज्ञा से पुन:स्थापन किया जाएगा। इसके अलावा अन्य विधायी कार्य किए जाएंगे। 1 दिसंबर 2023 इस साल के शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन होगा, जिसमें बचे हुए विधायी कार्य किए जाएंगे।