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LUCKNOW ZONE BUREAU: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में योगी सरकार ने काफी हद तक अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। योगी सरकार इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देना चाहती है। साथ ही किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने देना चाहती। ऐसे में फिलहाल इलहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शिक्षकों की भर्ती की नई सूची तैयार की जाएगी। साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि आरक्षण के सभी पात्र अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ मिले।

बता दें कि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में पुरानी सभी सूची रद्द करते हुए नए सिरे से सूची जारी करने का आदेश दिया है। इसके बाद से बेसिक शिक्षा विभाग और शासन स्तर पर मंथन जारी है। इस मामले में रविवार (18 अगस्त 2018) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने इस मामले से जुड़े हर पहलू को समझा। साथ ही अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शिक्षकों के भर्ती मामले में सुप्रीम कोर्ट के पर्यवेक्षण और इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के तहत ही शिक्षक भर्ती की जाए।

मुख्यमंत्री ने योगी आदित्यनाथ अधिकारियों से ये भी कहा कि सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान में दी गई आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के सभी पात्र अभ्यर्थियों को मिलना ही चाहिए। किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। बैठक में हाईकोर्ट के आदेश को लेकर ये भी चर्चा हुई कि इस पर महाधिवक्ता से भी राय ली जाए। वहीं, अब इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग आगे की कार्रवाई करते हुए नई सूची तैयार करेगा और इससे जो लोग प्रभावित होंगे, उनके लिए क्या किया जाएगा, विभाग इसका भी प्रस्ताव तैयार करेगा।

माना जा रहा है कि दोबारा सूची बनने से नौकरी कर रहे करीब 6000 युवा प्रभावित होंगे। क्योंकि इस मामले में सिंगल बेंच में सरकार की ओर से जनवरी 2022 में आरक्षित वर्ग के 6800 प्रभावित अभ्यर्थियों की सूची दी गई थी। हालांकि बाद में इसे सिंगल बेंच ने इसे भी निरस्त कर दिया था और नई सूची बनाने को कहा था।

वहीं, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने एक चैनल से बातचीत में कहा कि हाईकोर्ट ने हमें 3 महीने का समय दिया है। हाईकार्ट के आदेश के क्रम नए सिरे से सूची तैयार होगी। उत्तर प्रदेश सरकार सभी को साथ लेकर चलने का काम कर रही है। हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा जा रहा है। किसी भी व्यक्ति या युवा के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। सबका भविष्य सुरक्षित रखेंगे। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने पाएगा। युवाओं के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

5 दिसंबर 2018 से शुरू हुई थी 69000 शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया

69000 शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 5 दिसंबर 2018 को जारी किया गया था। 6 जनवरी 2019 को परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। 12 मई 2020 को परिणाम घोषित हुआ, जिसमें 1,46,060 अभ्यर्थी चयनित हुए। अनारक्षित श्रेणी का कटआफ 67.11 प्रतशित और पिछड़ा वर्ग श्रेणी का कटऑफ 66.73 प्रतिशत रहा। 7 जनवरी 2019 को राज्य सरकार के भर्ती प्रक्रिया में किए गए बदलाव के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। 29 मार्च 2019 को कोर्ट ने राज्य सरकार के बदलाव के आदेश को निरस्त किया। मामले की अपील 6 मई 2020 को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में की गई। 18 नवंबर 2020 को मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के 6 मई 2020 के आदेश को सही माना। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया। हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने माना कि आरक्षण एक्ट 1994 का सही ढंग से पालन नहीं किया गया, जिससे आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थी प्रभावित हुए। सरकार ने 5 जनवरी 2022 को आरक्षित वर्ग के 6800 अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित की। 13 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने चयनित अभ्यर्थियों की सभी सूचियों को रद्द कर नए सिरे से सूची बनाकर भर्ती करने का आदेश दिया।

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By Sandeep Kumar Srivastava

Mr. Sandeep Kumar Srivastava is a media professional and educator. He has more than 15 years of journalistic experience. He was attached with the newsroom of many reputed media houses in BHARAT. He worked as a News Anchor, News Producer and Correspondent. He is very well known for his news and program presentation skills in Television and Digital Media. He is Founder and Editor-In-Chief of UTTAR PRADESH HIGHLIGHTS. E-Mail: tvjournalistsandeepsrivastav@gmail.com

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