HIGHLIGHTS NEWS NETWORK: रमजान का पाक महीना चल रहा है। रोजेदार पूरी शिद्दत के साथ रोजा रख रहे हैं और अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। वहीं, अब शब-ए-कद्रके दिन भी नजदीक हैं। रमजान के आखिरी 10 दिन शब-ए-कद्र के दिन कहे जाते हैं और इन दिनों के लेकर मुस्लिम समाज में खास मान्याताएं हैं। शब-ए-कद्र के दौरान मस्जिदों में विशेष व्यवस्थाएं भी की जाती हैं।
प्रयागराज में खुल्दाबाद के शाही मस्जिद के इंतजामकार असदउल्लाह ने बताया कि शब-ए-कद्रके दिनों के दौरान रात के वक्त अल्लाह की रहमत बरसती है। रोजेदार जो भी दुआ मांगते हैं, वो कुबूल होती है। हिजरी कैंलेडर की 21वीं, 23वीं, 25वीं, 27वीं और 29वीं तारीख में से किसी एक दिन अल्लाह की रहमत बरसती है। रमजान के आखिरी 10 दिनों की 5 रातों को रोजेदार रात जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं। अगर किसी वजह से पांच रात नहीं जाग पाते तो 27वीं तारीख को सभी ज़रूर जागते हैं। दरअसल, इसी दिन रहमत की बारिश होने और दुआ कुबूल होने की ज्यादा संभावना रहती है।
शाही मस्जिद के इंतजामकार असदउल्लाह ने कहा कि रमजान के आखिरी 10 दिनों के दौरान कुछ लोग अपने कारोबार, घर और रिश्तेदार सबकुछ छोड़कर अल्लाह को मनाने के लिए मस्जिद में रुकते हैं और ईद का चांद देखकर ही वो मस्जिद से बाहर निकलते हैं। उसी तरह महिलाएं भी घर में पर्दे में रहकर 10 दिनों के दौरान इबादत करती हैं।