PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: प्रयागराज के नैनी क्षेत्र में NSIC परिसर में इन दिनों आयोजित ग्राम शिल्प महौत्सव के दौरान रविवार (27 अक्टूबर 2024) को पत्रकार और साहित्यकार राकेश कुमार वर्मा ‘नूतन’ के साहित्यिक संकलन ‘कालचक्र: एक प्रारब्ध (1966-2020)’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर स्वर्गीय राकेश कुमार वर्मा स्मृति सम्मान की भी शुरुआत की गई।
महोत्सव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंच पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर प्रयागराज के आकाशवाणी केंद्र के निदेशक आशुतोश सुंदरम और भारत के युवा आयोग के पूर्व सदस्य योगेश शुक्ला ने शिरकत की। वहीं, विशिष्ठ अतिथि के तौर पर पत्रकार-साहित्यकार राकेश कुमार वर्मा ‘नूतन’ की मां माथुरी देवी वर्मा, प्रयागराज के दूरदर्शन-आकाशवाणी केंद्र के सलाहकार हर्षित कुमार, वात्सल्य अस्पताल की निदेशक डॉक्टर कीर्तिका अग्रवाल, प्रयागराज मंडल के उपलेखाकार रवि कथूरिया और वरिष्ठ शासकीय अधिवक्त शशांक शेखर पांडेय सहित कई गणमान्य लोगों की मौजूदगी रही।
पत्रकार और साहित्यकार राकेश कुमार वर्मा ‘नूतन’ के साहित्यिक संकलन ‘कालचक्र’ का का संपादन प्रियांशु श्रीवास्तव ‘दीपक’ और डॉक्टर आकांक्षा पाल ने किया है। प्रियांशु श्रीवास्तव ‘दीपक’ पत्रकार और साहित्यकार राकेश कुमार वर्मा “नूतन” के पुत्र हैं। वो जिला पंचायत में लिपिक के तौर पर कार्यरत हैं। साथ ही यमुनापार कलाकार संघ के अध्यक्ष भी हैं। वहीं, डॉक्टर आकांक्षा पाल चौधरी महादेव प्रसाद डिग्री कॉलेज के संगीत विभाग में अतिथि प्रवक्ता हैं। साहित्यिक संकलन ‘कालचक्र: एक प्रारब्ध (1966-2020)’ का प्रकाशन ग्रेटर नोएडा स्थित दिशा इंटरनेशनल पब्लिशिंग हाउस की ओर से किया गया है। 14 सितंबर 2024 को राष्ट्रीय हिंदी दिवस केे दिन प्रयागराज में ही इस साहित्यिक संकलन ‘कालचक्र: एक प्रारब्ध (1966-2020)’ का कवर पेज लॉन्च किया गया था।
बता दें कि 8 जनवरी 1966 को जन्में राकेश कुमार वर्मा ‘नूतन’ का निधन 18 दिसंबर 2020 को हो गया था। अपने जीवन काल में वो पत्रकार के तौर पर कई मीडिया संस्थानों से जुड़े रहे। साथ ही साहित्यकार के तौर पर कई रचनाएं समाज को समर्पित की। वो जिला पंचायत में वरिष्ठ सहायक के तौर पर भी कार्यरत रहे। उनकी साहित्यिक रचनाओं का संकलन उनकी पत्नी नूतन वर्मा ने किया है। राकेश कुमार वर्मा ‘नूतन’ के निधन के 5 दिन बाद उनका भी निधन हो गया था।
प्रियांशु श्रीवास्तव ‘दीपक’ ने बताया कि मेरे पिता ने अपने करीब 30 साल के साहित्यिक जीवन के दौरान गद्य और पद्य में कई रचनाएं की हैं। इन सभी का संकलन ‘कालचक्र: एक प्रारब्ध (1966-2020)’ में किया गया है। ये सारगर्भित पुस्तक सामाजिक विषयों पर गद्य और पद्य के रूप में साहित्य का समसामयिक सागर है और विमोचन के बाद अब ये पुस्तक लोगों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पिता के साहित्यिक विचारों को जीवंत रखने की इस कोशिश में दादी माधुरी वर्मा और चाचा राजीव वर्मा सहित सहित पूरे परिवार और मित्रों का भरपूर सहयोग रहा है।
P HIGHLIGHTS में प्रकाशित ये ख़बरें भी पढ़िए-
BULANDSHAHR NEWS: बुलंदशहर में बड़ा हादसा.. ऑक्सीजन सिलेंडर फटने गिरा मकान, 6 की मौत
BAHRAICH VIOLENCE CASE: बहराइच हिंसा मामले में अब तक 12 मुकदमे और 50 गिरफ्तारियां, हटाए गए CO