PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: पिछले दिनों हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर हुई बारिश का असर गंगा और यमुना नदी के जलस्तर पर पड़ा है। गंगा और यमुना का जलस्तर शुक्रवार से अचानक तेजी बढ़ना शुरू हुआ। शनिवार तक दोनों नदियों का जलस्तर इतना बढ़ गया कि कई जगहों पर लोगों के लिए मुसीबत बन गया। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के बेहद नजदीक पहुंच चुका है।
गंगा नदी का पानी संगम क्षेत्र में किले की दीवार से होते हुए बांध के नीचे पानी नीचे तक आ गया। इसे देखने के लिए देर रात तक लोगों की भीड़ लगी रही। रविवार (15 सितंबर 2024) को भी जलस्तर में बढोतरी जारी है। कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। ऐसे में राहत और बचाव का काम जारी है। कई परिवारों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया है। वहीं, जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है।
बता दें कि खतरे का निशान 84.734 मीटर है। शुक्रवार सुबह फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 79.58 मीटर, छतनाग में 78.10 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 79.35 मीटर था। शनिवार को गंगा नदी में उफान पर आ गई। रात 8 बजे तक छतनाग में गंगा का जलस्तर 4.51 मीटर बढ़कर 82.61 मीटर हो गया। वहीं, चंबल, केन और बेतवा के उफान पर होने से यमुना नदी में भी तेजी से पानी बढ़ा। इस दौरान यमुना नदी का वेग इतना तेज हो गया कि शनिवार रात तक लेटे हनुमान जी डूब गए और मंदिर परिसर में कमर तक पानी भर गया। देखते ही देखते में नैनी में यमुना का जलस्तर 3.69 मीटर बढ़कर 83.03 मीटर हो गया है।
बाढ़ नियंत्रण इकाई की बुलेटिन के मुताबिक गंगा और यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा है। बाढ़ का पानी लगातार कई निचले इलाकों में पहुंच रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। रविवार शाम 4 बजे तक फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 83.92 मीटर और छतनाग में 83.14 पर है। गंगा नदी का जलस्तर करीब 10 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। वहीं, यमुना नदी का जलस्तर नैनी में 83.78 मीटर रिकॉर्ड किया जा चुका है। 4 घंटे में दस सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। रविवार के बाद दोनों नदियों का जलस्तर कम होने की संभावना है।
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