PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: महाकुंभ 2025 के मद्देनज़र प्रयागराज के दारागंज स्थित निरंजनी अखाड़े में संत निवास और भंडार के निर्माण की शुरुआत बुधवार (9 अक्टूबर 2024) से हो गई है। निरंजनी अखाड़े में कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संत निवास और भंडार के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी और महामंत्री महंत हरि गिरि सहित कई संतों ने महाकुंभ की तैयारियों के साथ ही शहर में चल रहे निर्माण कार्यों की स्थिति के बारे में मेलाधिकारी से जानकारी ली। अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने समय पर काम पूरा कराने और मानक-गुणवत्ता का ध्यान रखने की बात भी कही।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि संत निवास और भंडार का निर्माण जल्द ही अन्य अखाड़ों में भी शुरू कराया जाएगा। इसके लिए संतों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हाल में हुई बैठक के दौरान पिछले कुंभ की तुलना में दोगुना अधिक बजट आवंटित करने का आग्रह किया था। सीएम योगी ने अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों के अलावा अन्य संतों को भरोसा दिलाया है कि नासिक, हरिद्वार और उज्जैन की ही तरह इस महाकुंभ में भी अखाड़ों को अनुमन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। संत निवास का निर्माण कराने के साथ ही अन्य बाधाओं को भी जल्द दूर कराने के लिए अफसरों को कहा गया है।
वहीं, जूना अखाड़े से जुड़े हुए किन्नर अखाड़े में माघ मेले के दौरान शिविर में आग लगने को लेकर छिड़ा विवाद अब तक जारी है और आंतरिक घमासान के साथ ही अब 2 फाड़ होने की वजह बन गया है। बताया जा रहा है कि किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर अखाड़े के विवाद को थामने की पूरी कोशिश की, लेकिन जब किसी तरह से विवाद सुलझता नहीं दिखा तो महामंडलेश्वर भवानीनंद गिरि उर्फ भवानी मां के निष्कासन पर विचार किया जाने लगा। ऐसे में नाराज भवानीनंद गिरि ने इस्तीफा दे दिया और किन्नर अखाड़े से अलग किन्नर धाम बना लिया है। वो हरिद्वार से सनातन धर्म के प्रचार के लिए काम कर रही हैं।
किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी का कहना है कि किन्नर अखाड़े से किसी को निष्कासित नहीं किया गया है। लेकिन, जो लोग अलग संस्था बनाकर काम कर रहे हैं उनके लिए कोई दबाव भी नहीं डाला जा सकता। हमारी कोशिश देश-दुनिया के किन्नरों को एकजुट कर उन्हें अखाड़े में गरिमा और सनातन के अनुरूप सम्मान दिलाने का है। वहीं, भवानीनंद गिरि का कहना है कि वो महाकुंभ में शिविर नहीं लगाएंगी। उन्होंने महाकुंभ में आने पर अपनी जान को खतरा भी बताया। उन्होंने कहा कि माघ मेले में मुझको जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की गई थी। साथ ही कहा कि वो जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि की शिष्य हैं और सनातन के लिए जूना अखाड़े के साथ मिलकर संन्यासियों के लिए आजीवन काम करती रहेंगी।
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर ने जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि से की मुलाकात
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बुधवार ( 9 अक्टूबर 2024) को जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि से मौज गिरि मंदिर में मुलाकात की। इस दौरान दोनों संतों ने महाकुंभ की तैयारियों पर चर्चा की। बताया जा ररहा है कि इस बार महाकुंभ में जूना अखाड़े केे साथ किन्नर अखाड़ा सबसे पहले शाही स्नान करेगा। इस दौरान छावनी प्रवेश यानी पेशवाई भी निकाली जाएगी। इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। वहीं, महंत हरि गिरि ने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के साथ बैठक के बाद कहा कि जूना अखाड़े के दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं। किन्नर अखाड़ा हमेशा से जूना के साथ रहा है। किन्नर अखाड़े को महाकुंभ में पर्याप्त भूमि-सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही शाही स्नान और पेशवाई पर भी चर्चा हुई है। किन्नर अखाड़े को पहले की तरह सम्मान दिया जाएगा।
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