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PRAYAGRAJ ZONE BUREAU: कौशांबी में बुधवार को कई गांवों को जोड़ने वाली 8 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़क के निर्माण की मांग पुरजोर तरीके से उठाई गई। इस दौरान 8 किलोमीटर तक पदयात्रा निकाली गई और कड़ाके की ठंड में क्रमिक अनशन पर बैठ गए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा गया कि मांग पूरी नहीं हुई तो वोट देने नहीं जाएंगे।
स्थानीय लोगों के मुताबिक बालू के ओवर लोड वाहनों के चलते सड़क दलदल में तब्दील हो गई है। इसको लेकर अधिकारियों से कई बार सड़क निर्माण की मांग की गई, लेकिन अधिकारी नई तकनीक से सड़क निर्माण पर बजट में कमी बताकर सिर्फ आश्वासन देते रहे हैं।
बता दें कि भखंदा यमुना घाट से कनैली तक ट्रैक्टर और ट्रकों के जरिए बालू का परिवहन किया जाता है। इससे यहां की 8.40 किलोमीटर लंबी सड़क जर्जर हो चुकी है। बालू लदे ट्रकों से रिसे पानी से पूरी सड़क दलदल के रूप में तब्दील हो गई है। इस सड़क के निर्माण के लिए डेढ़ साल पहले 826.11 लाख रुपये में निविदा निकाली गई थी, लेकिन आज तक सड़क निर्माण का काम नहीं शुरू हो सका। ऐसे में भखंदा, धर्मपुर, कुटी, दिया, बरगदी और छेकवा गांव के करीब 30 हजार ग्रामीण नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। इस सड़क के आस-पास के गांवों में रहने वाले लोग लगातार अपनी समस्याएं अधिकारियों को बता रहे हैं, इसके बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
वहीं, दलदल बन चुकी इस सड़क में कहीं-कही पर घुटनों तक गंदा पानी भरा हुआ है। इस सड़क पर चलना मतलब जान को जोखिम में डालना माना जाता है। राहगीर सड़क पर गिरकर चोटिल हो जाते हैं। उनके कपड़े गंदे हो जाते हैं। बीमार होने पर मरीज को अस्पताल तक पहुचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां के मुश्किल हालातों में सिर्फ गर्मियों में ही शादियां हो पाती हैं। गर्मियों में सड़क पर गंदा पानी और कीचड़ नहीं होता है।
भखंदा गांव के रहने वाले मुन्ना लाल निषाद ने बताया कि हमारे गांव से अस्पताल जाने के लिए गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के वक्त एंबुलेंस तक नहीं आ पाती। इस दौरान कहा जाता है कि आप मरीज को खुद कनैली लेकर आइए, सड़क खराब होने के चलते गांव नहीं आ सकते। ऐसे में लोग किसी भी मरीज को खाट (चारपाई) पर लेकर 8 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करते हैं। इसके बाद वहां पर एंबुलेंस उपलब्ध हो पाती है।
ग्राम प्रधान धर्मपुर संतोष कुमार पटेल ने बताया कि रोड इतनी जर्जर हालत में है कि बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं, जबकि इस क्षेत्र से सबसे ज़्यादा राजस्व जा रहा है। ऐसे में सभी को अपना हक मिलना चाहिए। मिनरल फंड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि खनन से जो राजस्व आता है, उससे सड़क का निर्माण होना चाहिए। लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अगर सड़क नहीं बन जाती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में क्षेत्र का कोई भी मतदाता बूथ पर नहीं जाएगा।
मजबूर ग्रामीणों ने सरकार और अधिकारियों के कानों तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए पदयात्रा निकाली और कनैली में क्रमिक अनशन पर बैठ गए। अब इनको दूसरे संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है। किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष नुरुल इस्लाम ने भी कार्यकर्ताओं सहित अनशन में शामिल होने की बात कही है।
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