AGRA-MATHURA ZONE BUREAU: 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। इस बार भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्म महोत्सव मनाया जाएगा। पूरे देश में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण के 5251 वें जन्म महोत्सव को भव्य और दिव्य बनाने के लिए तैयारियां तेजी से चल रही हैं। यहां इस बार कान्हा पद्मकान्ति पुष्प बंगले में विराजेंगे। यहां शास्त्रीय विधि और मंदिर परंपराओं के मुताबिक जन्म महोत्सव मनाया जाएगा। इसमें शामिल होने के लिए बड़ी संख्या भक्त मथुरा पहुंचने लगे हैं। वहीं, जन्माष्टमी के अवसर पर यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी दौरा संभावित है।
अब तक मिली जानाकारी मुताबिक भाद्रपद कृष्ण अष्टमी यानी 26 अगस्त को ठाकुरजी पद्मकांति पुष्प बंगले में सोम-चंद्रिका पोषाक धारण करेंगे। इससे पहले ठाकुरजी का जन्माभिषेक कामधेनु स्वरूपा गऊ के जरिए रात 12.10 बजे से रात्रि 12.25 बजे तक होगा। सुबह शहनाई और नगाड़ों के ध्वनि के बीच भगवान की मंगला आरती के दर्शन सुबह 5.30 बजे से होंगे। इसके बाद 8 बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक होगा। इस बीच स्त्रोतों का पाठ और पुष्पार्चन होगा। सुबह 9 बजे भागवत भवन में भगवान राधाकृष्ण का कमल-पुष्प और तुलसीदल से पुष्पार्चन होगगा। इस दौरान मंगलार्चन और वेदमंत्रों का उच्चारण जारी रहेगा।
26 अगस्त को जन्म महाभिषेक का मुख्य कार्यक्रम रात 11 बजे श्रीगणेश-नवग्रह पूजन से आरंभ होगा। 1008 कमल-पुष्पों से ठाकुरजी का सहस्त्रार्चन होगा। रात 12 बजे भगवान के प्राकट्य होगा। इस दौरान मंदिर परिसर में हमेशा की तहर ढोल-नगाड़े, झांझ-मंजीरे और मृदंग की ध्यनि के बीच भक्तजन झूम उठेंगे। भगवान के जन्म की महाआरती रात 12.10 बजे तक होगी। केसर और सुगंधित द्रव्यों से लिपटे हुए भगवान श्रीकृष्ण के चल विग्रह मोर्छलासन में विराजमान होकर अभिषेक स्थल ले जाया जाएगा। यहां स्वर्ण मढित चांदी की गऊ से रात्रि 12.10 बजे से 12. 25 बजे तक भगवान के श्रीविग्रह का प्रथम अभिषेक करेंगी। इसके बाद ठाकुरजी को अभिषेक स्थल पर रजत कमल में विराजमान कर जन्म महाभिषेक रात 12.25 बजे से 12. 40 बजे होगा। ये महाभिषेक श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास महाराज के सानिध्य होगा। जन्माभिषेक पंचामृत दूध, दही, घी, बूरा, शहद, औषधियों, इत्रों से किया जाएगा। इसके बाद ठाकुरजी की शृंगार आरती रात 12.45 बजे से 12.50 बजे तक होगी। भगवान को लड्डू एवं मेवा-पाग का भोग लगेगा। मंदिर की रसोई में भगवान का भोग कारीगरों द्वारा रात दिन तैयार किया जा रहा है। इसमें मेवे, कूटू, गोंद और मिंगी के लड्डू बनाए जा रहे हैं। श्रीकृष्ण जन्मस्थान में श्रद्धालुओं का प्रवेश रात 1.30 बजे तक होगा।
25 और 26 अगस्त को धूमधाम से निकाली जाएगी शोभायात्रा
25 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्मस्थान से उत्तर प्रदेश ब्रजतीर्थ विकास परिषद की ओर से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से कलाकार अपना प्रदर्शन करेंगे। शोभायात्रा श्रीकृष्ण जन्मस्थान के गेट-1 से निकाली जाएगी। वहीं, 26 अगस्त को श्रीकृष्ण लीला महोत्सव समिति की ओर से परंपरागत शोभायात्रा भरतपुर गेट से शाम 6 बजे से शुरू होगी। ये शोभायात्रा होलीगेट, छत्ता बाजार, स्वामीघाट, चौक बाजार, मण्डी रामदास, डीगगेट होते हुए श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पहुंचेगी।
कोलकाता और गुजरात के कारीगरों के सहयोग से तैयार हुई पोषाक
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर ठाकुरजी पीले रंग की सोम-चंद्रिका पोषाक धारण करेंगे। भगवान श्रीराधाकृष्ण सोम-चंद्रिका पोषाक धारण करके भक्तों को दर्शन देंगे। बता दें कि सोमरस यानी वनस्पतियों का अर्क होता। इसी थीम को लेकर रेशम के कपड़े पर वनस्पतियां और बेल-बूटे उकेरे गए हैं। ये पोषाक 25 अगस्त की शाम 6 बजे शोभायात्रा, घंट-घड़ियाल, झांझ-मंजीरे, मृदंग और डमरू की मंगल ध्वनि के मध्य को अर्पित की जाएगी। मथुरा में तैयार हुई ठाकुरजी की विशेष पोशाक पश्चिम बंगाल और गुजरात के कारीगरों के सहयोग से तैयार हुई है। पोशाक बनाने में 5 से ज्यादा कारीगरों को करीब 4 महीने का वक्त लगा है। नवरत्न जड़ित स्वर्ण कंठाहार भी श्रीठाकुरजी को धारण कराया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में विराजमान चतुर्भुज नारायण के श्रीविग्रह की भी पोषाक विशेष होगी। भगवान केशवदेव, श्रीगर्भगृह, श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार और भगवती योगमाया के श्रीविग्रह के लिए जरदोजी का कार्य, रेशम, जरी, रत्न-प्रतिकृति आदि के साथ सिल्क के वस्त्र पर किया जा रहा है। जन्मोत्सव पर ठाकुरजी दिव्य मुकुट धारण करेंगे, भगवती योगमाया स्वर्ण मुकुट धारण कर भक्तों को दर्शन देंगी।
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