HIGHLIGHTS NEWS NETWORK: आज ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आज़ादी के 77 साल पूरे हुए हैं। ऐसे में पूरे देश में 78वां स्वतंत्रता दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी आज सुबह सबसे मुख्य कार्यक्रम लाल किला परिसर में हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र ने लाल किले पर 11वीं बार ध्वजारोहण किया और इसके बाद देशवासियों को संबोधित करते हुए विकसित भारत का विजन रखा। बता दें कि इस साल स्वतंत्रता दिवस की थीम विकसित भारत @2047 है।
इसके साथ ही हर राज्य में ध्वजारोहण के साथ ही स्वतंत्रता दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आतित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास में ध्वजारोहण किया। इस दौरान दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ ही लगभग सभी मंत्री मौजूद रहे। वहीं, अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से पंच प्रण का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में उत्तर प्रदेश प्रगति, सुरक्षा और खुशहाली की यात्रा पर बढ़ चला है, जिसकी प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रण का पालन और अनुसरण करना होगा। देश की स्वाधीनता के लिए खुद को न्योछार कर देने वाले क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों और सभी ज्ञात-अज्ञात वीर बलिदानियों को नमन करते हुए उनसे प्रेरणा लेनी होगी।
सीएम योगी ने सत्य-अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया। साथ ही कहा कि ये वक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराव अंबेडकर और डॉ. श्यमा प्रसाद मुखर्जी जैसे महापुरुषों के सपनों को पूरा करने का है, उनकी जीवनी से प्रेरणा लेकर हमें देश को निर्धारित लक्ष्यों की ओर बढ़ाना होगा।उन्होंने कहा कि अगर सभी अपने कर्तव्यों का पालन करे तो कोई कारण नहीं कि साल 2047 तक हम विकसित राष्ट्र न बन सकें। यही भाव हमें दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाएगा।
इस साथ ही उत्तर प्रदेश के हर जिले में 78वे स्वतंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा फहराया गया। लोगों ने अपने घरों के नजदीक, पार्कों और स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस पर खास कार्यक्रम आयोजित किए। स्कूलों में ध्वजारोहण के सा ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। वहीं, शाम को भी कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
वहीं, इस दौरान आतंकी खतरें के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतमाम किए थे। आतंकी और अन्य संगठनों की गतिविधियों के मद्देनजर सड़क, रेल और हवाई मार्गों पर विशेष सतर्कता बरती गई। प्रदेश और जिलों के सभी प्रवेश मार्गों पर लगातार चेकिंग के लिए चेकपोस्ट और बैरियर ड्यूटी को सतर्क रख गया। रेलवे, मेट्रो, बस स्टेशन, सिनेमाहाल, मल्टीप्लेक्स, शॉपिंगमॉल, होटल, धर्मशाला, गेस्टहाउस, भीड़-भाड़ वाले स्थानों और धार्मिक स्थलों पर विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। साथ ही लभी जिलों में स्कूल और कॉलेज के आस-पास भी पर्याप्त सुरक्षा करने, जिलों के अभिसूचना तंत्र को और अधिक सक्रिय रखने के साथ राष्ट्र विरोधी और समाज विरोधी गतिविधियों की कड़ी निगरानी रखी गई।
अपने संबोधन में PM मोदी ने इस बातों का खास से किया जिक्र
आज लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड, बांग्लादेश में जारी हिंसा, देश की बेटियों सहित युवाओं के मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि यूनियन सिविल कोड पर चर्चा जारी है। हमने सांप्रदायिक सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की तरफ जाना होगा। उन्होंने देश की न्याय व्यवस्था पर भी बात की और कहा कि न्याय में विलंब होना चिंताजनक है। हमारे देश की न्याय व्यवस्था में सुधार की बहुत जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में महिलाओं के काम को सराहते हुए कहा कि हर क्षेत्र में महिलाओं के कदम बढ़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने महिलाओं के साथ होन वाले अत्याचारों पर चिंता भी जताई। उन्होंने कहाकि हमें समाज के तौर पर गंभीरता से सोचना पड़ेगा कि महिलाओं के प्रति अत्याचार बंद होना चाहिए। युवाओं के मुद्दों पर PM मोदी ने कहा कि 10 साल के भीतर युवाओं के सपनों को उड़ान मिली है और उसकी चेतना में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। आज विश्व भर में देश को देखने का नजरिया बदला है। रोजगार के नए अनगिनत अवसर मिले हैं। संभावनाएँ बढ़ती गई हैं और नए मौके बन रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।उन्होंने कहा किआजादी का ये पर्व हमें उन दिनों की याद दिलाता है, जब देश के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। हमारे स्वाधीनता संग्रमियों ने हमें नई अभिव्यक्ति प्रदान की। सरदार पटेल, बोस, भगत सिंह, बाबा साहेब आंबेडकर जैसे कई अन्य लोग थे, जिनके बलिदान की सराहना होती रही है। उहोंने कहा कि ‘वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है। ये हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और हम जल्द ही विश्व की 3 शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। ये सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हमारे अन्नदाता किसानों ने उम्मीदों से बेहतर कृषि उत्पादन सुनिश्चित किया है। ऐसा करके उन्होंने भारत को कृषि-क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और हमारे देशवासियों को भोजन उपलब्ध कराने में अमूल्य योगदान दिया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि जी-20 की अपनी अध्यक्षता के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद भारत ने वैश्विक दक्षिण को मुखर अभिव्यक्ति देने वाले देश के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत बनाया है। भारत अपनी प्रभावशाली स्थिति का उपयोग विश्व शांति और समृद्धि के विस्तार के लिए करना चाहता है। समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर एक साथ आगे बढ़ रहे हैं। समावेश के साधन के रूप में, सकारात्मक कार्रवाई को मजबूत किया जाना चाहिए। मैं दृढ़ता के साथ ये मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि महिलाओं को केंद्र में रखते हुए सरकार द्वारा अनेक विशेष योजनाएं भी लागू की गई हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उद्देश्य महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है। ग्लोबल वॉर्मिंग के सबसे गंभीर कुप्रभावों से पृथ्वी को बचाने के लिए मानव समुदाय द्वारा किए जा रहे संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने पर भारत को गर्व है। मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे किन्तु प्रभावी बदलाव करें तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि ‘इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं। राष्ट्रपति ने आगे कहा, ‘आज के युवा हमारी स्वतंत्रता की शताब्दी तक के ‘अमृत काल’ को यानी आज से लगभग एक चौथाई सदी के कालखंड को स्वरूप प्रदान करेंगे। उनकी ऊर्जा और उत्साह के बल पर ही हमारा देश नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। सरकार की एक नई पहल से 5 वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में प्रशिक्षण लेंगे। ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे। हाल के वर्षों में भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। आप सभी के साथ मैं भी अगले साल होने वाले गगनयान मिशन के शुभारंभ की उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रही हूं। इस मिशन के तहत भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान में भारतीय अंतरिक्ष टीम को अंतरिक्ष में ले जाया जाएगा। खेल जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें हमारे देश ने पिछले दशक में बहुत प्रगति की है। सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास को समुचित प्राथमिकता दी है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया। मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है। अपने संबोधन के आखिर में राष्ट्रपति ने कहा कि ‘पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तत्पर है। इस उल्लासपूर्ण अवसर पर मैं आप सब को एक बार फिर बधाई देती हूं। मैं सेनाओं के उन बहादुर जवानों को विशेष बधाई देती हूं, जो अपनी जान का जोखिम उठाते हुए भी हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं।
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