हाथरस में बोर्ड परीक्षा, अन्य परीक्षाओं, महाशिवरात्रि, होली, गुड फ्राइडे, ईद उल फितर, डॉ0 भीमराव अम्बेड़कर जयन्ती एवं रामनवमी के दृष्टिगत कतिपय व्यक्तियों/राजनैतिक दलों द्वारा जनपद में धरना, प्रदर्शन एवं जुलूस निकालकर उन्माद उत्पन्न कर शान्ति एवं कानून व्यवस्था भंग की जा सकती है, जिसके दृष्टिगत जनपद हाथरस क्षेत्रान्तर्गत सम्भावित साम्प्रदायिक/राजनैतिक उपद्रव/उन्माद आदि प्रतिकूल विधि व्यवस्था की स्थिति को नियन्त्रित करने तथा विभिन्न असामाजिक तत्वों द्वारा कुत्सित उद्देश्य की प्राप्ति हेतु शान्ति एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाले दुष्कृत्यों पर प्रशासनिक नियंत्रण की आवश्यकता विदित होती है, ताकि जन सामान्य के मध्य कोई अप्रिय घटना घटित न होने पाये। उपरोक्त के सम्बन्ध में उक्त सम्भावित अवसरों पर प्राप्त सूचनाओं के अनुसार आम मानव जीवन, स्वास्थ्य या क्षेम को क्षति पहुॅचने, लोक शान्ति विक्षुब्ध होने तथा राजकीय कार्य में अनुचित बाधा उत्पन्न होने की सम्भावना स्पष्ट है तथा त्वरित निवारण हेतु प्रभावी कार्यवाही अमल में लाया जाना जनहित में नितान्त आवश्यक है।
–डीएम ने जारी किया आदेश, धारा 144 लागू–
जिसको लेकर अर्चना वर्मा, जिला मजिस्ट्रेट ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते सीमा क्षेत्रान्तर्गत सर्व-साधारण पर तत्काल प्रभाव से निम्नलिखित प्रतिबन्ध लागू करते हुए आदेश दिया हे कि कोई भी व्यक्ति/राजनैतिक दल का कार्यकर्त्ता कलैक्ट्रेट/अन्य सभी सार्वजनिक स्थल, सरकारी व अर्द्ध सरकारी या अन्य कार्यालयों पर किसी भी प्रकार का आयुध/शस्त्र साथ नहीं ले जायेगा तथा लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग किसी पूर्व प्रशासनिक अनुमति के बिना नहीं करेगा और न ही उत्तेजक भाषा में भाषण आदि देगा और न आम जनता/व्यक्ति को उत्तेजित करने का प्रयास करेगा।
–बिना अनुमति आयोजन व सार्वजनिक प्रदर्शन ना करें–जुलूस आदि प्रतिबन्धित रहेंगे तथा पारम्परिक मेले, विभिन्न आयोजन व सार्वजनिक प्रदर्शन आदि के लिए पृथक से प्रशासनिक अनुमति प्राप्त करना वांछनीय होगा। कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की अफवाहें या ऐसी खबरों को प्रकाशित नहीं करेगा या करायेगा और न ही इसके प्रसारण में सहायक होगा, जिसमें आम जनता, विभिन्न वर्गो, साम्प्रदायों के मध्य घृणा, द्वेष की भावना उत्पन्न हो अथवा शान्ति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो। कोई भी व्यक्ति किसी सार्वजनिक स्थल पर बिना किसी पूर्व अनुमति के किसी प्रकार का जुलूस बनाकर सभा नहीं करेगा न ही उसमें भाग लेगा।
शादी, बारात एवं शव यात्राओं पर धारा 144 नहीं होगी लागू
यह प्रतिबन्ध शादी, बारात एवं शव यात्राओं पर लागू नहीं होगा। कोई भी व्यक्ति ऐसे तस्वीर, कार्टून, हैण्डबिल, दीवाल लेख, पोस्टर आदि नहीं लिखेगा या प्रकाशित नहीं करेगा, जिससे शान्ति व्यवस्था भंग होने की सम्भावना हो। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर किसी के प्रति अपमान जनक भाषा अथवा गालियों का प्रयोग नहीं करेगा और न ही ऐसे नारे आदि लगायेगा, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुॅचे या शान्ति भंग होने की सम्भावना हो।ईंट, पत्थर, रोड़े आदि फेंककर मारे जाने वाली वस्तुएं एकत्रित ना करेंसार्वजनिक धार्मिक स्थल मन्दिर/मस्जिद, भवन एवं मकानों पर ईंट, पत्थर, रोड़े आदि फेंककर मारे जाने वाली वस्तुएं एकत्रित नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक/धार्मिक स्थल मन्दिर/मस्जिद पर बन्दूक, रायफल, पिस्टल, चाकू तलवार, बल्लम या विस्फोटक पदार्थ जैसे-तेजाब आदि लेकर नहीं चलेगा और न ही अपने पास रखेगा। यह प्रतिबन्ध ड्यूटी पर तैनात राजकीय पुलिस कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा। अपाहिज एवं नेत्रहीन व्यक्ति अपने सहारे के लिए छड़ी रख सकते हैं।
–पांच या पांच से अधिक का समूह ना बनाएं–
सार्वजनिक स्थान पर पॉच या पॉच से अधिक व्यक्तियों का समूह नहीं बनायेगा और न ऐसे समूह में शामिल होगा। यह प्रतिबन्ध सरकारी अथवा गैर सरकारी ड्यूटी पर लगे अधिकारियों/कर्मचारियों व पुलिस फोर्स तथा धार्मिक स्थलों एवं परम्परागत प्रार्थना सभाओं पर लागू नहीं होगा।–जनहित की सेवाओं में किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न ना करें ना होने दें–आवागमन के साधन जैसे-रेल, रोडवेज, सड़क यातायात आदि विद्युत व्यवस्था, जल आपूर्ति आदि जैसे-महत्वपूर्ण आवश्यक जनहित की सेवाओं में किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न नहीं करेगा और न करायेगा। कोई भी व्यक्ति शिक्षण संस्थाओं तथा दुकानों, सार्वजनिक प्रतिष्ठानों/सरकारी कार्यालयों आदि को जबरदस्ती बन्द करवाने का न तो प्रयास करेगा और न ही उसके लिए किसी को प्रेरित करेगा।
–धार्मिक एवं साम्प्रदायिक सौहार्द को क्षति ना पहुंचाएं–
ऐसे पम्पलेट/पर्चे, बोर्ड आदि का प्रकाशन, वितरण आदि नहीं करेगा, जिससे किसी भी प्रकार की धार्मिक एवं साम्प्रदायिक सौहार्द को क्षति पहुॅचाने की आशंका होती हो। किसी भी व्यक्ति को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को कम से कम 24 घण्टे पूर्व सूचना देनी आवश्यक होगी। किसी भी प्रस्तावित सभा के लिये लाउडस्पीकर हेतु सम्बन्धित परगना मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी आवश्यक होगी।
–पूजा स्थलों का मंच के रूप में राजनैतिक उपयोग ना करें एवं परीक्षा केन्द्रों के निकट 05 से अधिक व्यक्ति एकत्रित ना हों–
मस्जिद, मन्दिर, गिरिजाघर, गुरूद्वारा आदि पूजा स्थलों का मंच के रूप में राजनैतिक उपयोग नहीं किया जायेगा। परीक्षा अवधि के दौरान परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर की परिधि में 05 से अधिक व्यक्ति एकत्रित नहीं होगें। उक्त प्रतिबन्ध परीक्षार्थियों तथा परीक्षा ड्यूटी पर तैनात कार्मिकों/पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा। परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर की परिधि में सभी प्रकार के घरनों, विरोध प्रदर्षन तथा जुलूस ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग, मोवाइल फोन, ब्लूटूथ अन्य संचार संबंधी उपकरण एवं आई0टी0 गजेट्स पूर्णतः प्रतिबन्धित रहें। परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर की परिधि में परीक्षा अवधि के दौरान किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार के षस्त्र लेकर प्रवेष करने की अनुमति नहीं होगी। उक्त प्रतिबन्ध ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों पर लागू नहीं होगा। परीक्षा केन्द्रों के 200 मीटर की परिधि में परीक्षा अवधि के दौरान अवांछित भीड का एकत्रित होना प्रतिबन्धित रहेगा। परीक्षा केन्द्रों के 01 किमी की परिधि में परीक्षा अवधि के दौरान फोटो कॉपियर एव स्केनर का संचालन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा। किसी भी व्यक्ति द्वारा परीक्षा केन्द्र में परीक्षा से समबद्ध कार्मिकों को घमकी देना, अभद्र/आपराधिक व्यवहार करना, कार्य में अनुचित हस्तक्षेप करना प्रतिबन्धित रहेगा। परीक्षा केन्द्र के अन्दर पाठ्य सामग्री, मोवाइल फोन, पेजर, स्मार्ट वॉच, केल्क्यूलेटर अथवा कोई भी इलेक्ट्रानिक/ब्लूटूथ/ वाई-फाई उपकरण ले जाना प्रतिबन्धित रहेगा। अनुचित मुद्रण अथवा प्रकाषन द्वारा परीक्षार्थियों को गुमराह करना तथा अफवाह फैलाना पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा। किसी भी परीक्षार्थी द्वारा परीक्षा में अनुचित साधनों का प्रयोग किया जाना पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा। परीक्षा से समबद्ध किसी भी कार्मिक द्वारा परीक्षा की सुचिता को दूशित किया जाना प्रतिबन्धित रहेगा।
–शांति एवं सौहाद्रपूर्ण तरीके से मनाएं त्यौहार–
महाशिवरात्रि एवं होली का त्यौहार सौहाद्रपूर्ण वातावरण में पारम्परिक तरीके से मनाये जाने के लिए जन सामान्य की प्रतिबद्धता होगी तथा पारम्परिक व पूर्व निर्धारित स्थलों पर ही निश्चित कार्यक्रमानुसार होलिका दहन होगा। कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की इच्छा के विरूद्ध न तो उसके साथ होली खेलेगा और न ही किसी प्रकार का रंग आदि डालेगा। रंग वाली होली (धूल) के दिन मध्यान्ह् 12.00 बजे के बाद सार्वजनिक स्थल पर पूर्णतः प्रतिबन्धित होगी। तद्ोपरान्त होली मिलन का त्यौहार सौहार्दपूर्ण वातावरण में विगत वर्शों की भॉति पारम्परिक रूप से मनाया जायेगा। चूॅकि परिस्थिति इस तरह की है कि व्यक्तिगत रूप से सभी को तामील कराया जाना सम्भव नहीं है। यह आदेश एक पक्षीय रूप से पारित किया जाता है, जो कि आज दिनांक से दिनांक 18.04.2024 तक प्रर्वतनीय रहेगा, जब तक कि इससे पूर्व इसे निरस्त न किया जाय। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा-188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।
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